कक्षा 9 सामाजिक विज्ञान (953-B) त्रैमासिक परीक्षा अक्टूबर 2022

 

त्रैमासिक परीक्षा 2022

कक्षा-9वीं (953-B)

विषय - सामाजिक विज्ञान

समय - 3 घंटा                             मॉडल उत्तर                                 पूर्णांक - 75 अंक

निर्देश :-

1. प्रश्न क्रमांक से 5 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न हेतु 6 अंक निर्धारित है।

2. प्रश्न क्रमांक 6 से 23 तक प्रत्येक में आंतरिक विकल्प दिये गये हैं।

3. प्रश्न क्रमांक 6 से 17 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है।

4. प्रश्न क्रमांक 18 से 20 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है।

5. प्रश्न क्रमांक 21 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। उत्तर लिखने की शब्द सीमा लगभग 120 शब्द है।

6. प्रश्न क्रमांक 23 मानचित्र आधारित प्रश्न है।

प्र. 1. निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर लिखिए -   (1x6=6)

i. कर्क रेखा भारत के कितने राज्यों से होकर गुजरती है?

(अ) आठ                                  (ब) सात

(स) ग्यारह                                  (द) नौ

उत्तर - (अ) आठ

ii. किस नदी को दक्षिण भारत की गंगा कहा जाता है?

(अ) गोदावरी                                   (ब) कृष्णा

(स) कावेरी                          (द) वेनगंगा

उत्तर - (अ) गोदावरी

iii. किस देश की पार्लियामेंट को ‘ड्यूमा’ कहा जाता है?

(अ) फ्रांस                           (ब) रूस

(स) जर्मनी                           (द) इंग्लैंड

उत्तर -  (ब) रूस

iv. प्रथम विश्व युद्ध में हुई सारी तबाही का जिम्मेदार किसे ठहराया गया?

(अ) इटली                          (ब) फ्रांस

(स) जर्मनी                           (द) जापान

उत्तर - (स) जर्मनी

v. ‘‘लोकतंत्र जनता के लिए, जनता के द्वारा, जनता का शासन है।’’ उपरोक्त कथन है -

(अ) अब्राहम लिंकन             (ब) मिस्टर चर्चिल

(स) प्रो. लास्की                   (द) गार्नर

उत्तर - (अ) अब्राहम लिंकन

vi. भारत में बेरोजगारी का सामान्य कारण है -

(अ) जनसंख्या वृद्धि             (ब) दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली

(स) मशीनीकरण                  (द) उपरोक्त सभी

उत्तर -  (द) उपरोक्त सभी

प्र. 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -                 (1x6=6)

i.  अरब सागर भारत के .............................................................. दिशा में स्थित है।

उत्तर – पश्चिम

ii.  बोल्शेविक क्रांति के फलस्वरूप रूस में .................................. का जन्म हुआ।

उत्तर – समाजवाद अन्य संभावित उत्तर  - सोवियतों अथवा साम्यवाद अथवा एक दलीय शासन व्यवस्था

iii.   मूल कर्त्तव्य .............................................................. संशोधन द्वारा जोड़ा गया।

उत्तर - 42 वें संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान में मूल कर्तव्यों को जोड़ा गया।

iv.  भारत में सबसे बड़ी अपवाह द्रोणी ............................................... नदी की है।

उत्तर – गंगा अपवाह द्रोणी

v.   प्रथम विश्व युद्ध के बाद जर्मनी में ........................ गणतंत्र की स्थापना हुई।

उत्तर – वाईमर

vi.  जो क्रियाएं आय प्राप्त करने के लिए की जाती है, उन्हें ...............कहते हैं।

उत्तर – आर्थिक क्रियाएं

 

प्र.3- सही जोड़ी बनाइये-                                        (1x6=6)

कॉलम ‘अ’                                                        कॉलम ‘ब’

i. सुंदरवन राष्ट्रीय पार्क                                             -           अ) 26 नवम्बर 1949

ii. निर्धनता रेखा का आंकलन                                    -           ब) द्वितीयक क्षेत्र

iii. दुर्गावती देशमुख                                                  -           स) प्रथम वित्त मंत्री

iv. विनिर्माण                                                          -           द) जर्मनी

v. भारत का संविधान बना                                         -           इ) बंगाल

vi. वर्साय की संधि                                                   -           फ) राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन

उत्तर –

कॉलम ‘अ’                                                        कॉलम ‘ब’

i. सुंदरवन राष्ट्रीय पार्क                                             -           इ) बंगाल

ii. निर्धनता रेखा का आंकलन                                    -           फ) राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन

iii. दुर्गावती देशमुख                                                 -           स) प्रथम वित्त मंत्री

iv. विनिर्माण                                                          -           ब) द्वितीयक क्षेत्र

v. भारत का संविधान बना                                         -           अ) 26 नवम्बर 1949

vi. वर्साय की संधि                                                   -           द) जर्मनी

नोट - दुर्गावती देशमुख स्वतंत्र भारत के पहले वित्तमंत्री चिंतामणराव देशमुख की पत्नी थीं। दुर्गावती देशमुख भारतीय संविधान सभा की सदस्य और केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की संस्थापक अध्यक्ष थी.

प्र.4- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक वाक्य लिखिये -            (1x6=6)

i.   वॉल स्ट्रीट एक्सचेंज क्या था?

उत्तर – अमेरिका स्थित दुनिया का सबसे बड़ा शेयर बाज़ार था वॉल स्ट्रीट एक्सचेंज

ii.   भारत के अपवाह तंत्र को मुख्य रूप से कितने भागों में बाँटा गया है?

उत्तर – भारत के अपवाह तंत्र को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है – 1. हिमालयीन अपवाह तंत्र 2. प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र

iii. पर्ल हार्बर पर किसने हमला किया था?

उत्तर – पर्ल हार्बर पर हमला जापान ने किया था.

 iv. पृथ्वी के मध्य में 00 अक्षांश रेखा को किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर - पृथ्वी के मध्य में 00 अक्षांश रेखा को निम्न लिखित नामों से जाना जाता है –

1.       भूमध्य रेखा

2.       विषुवत वृत्त

v. प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष थे।

उत्तर – प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष डॉ भीमराव आंबेडकर थे.

vi. पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों को कम वेतन क्यों मिलता है?

उत्तर - पालमपुर में खेतिहर मज़दूरों की संख्या बहुत ज्यादा है और संख्या की तुलना में काम की उपलब्ध्ता कम है ऐसे में काम के लिए आपस में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा है। इसलिए लोग कम दरों पर मज़दूरी करने को तैयार हो जाते हैं। न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम का ग्रामीण क्षेत्रों में सख्ती से लागू न किया जाना भी एक प्रमुख कारण है। इसलिए गरीब मज़दूरों को जो कुछ भी मज़दूरी दी जाती है उसे वे अपना भाग्य समझकर स्वीकार कर लेते हैं।

प्र.5- निम्नलिखित प्रश्नों में सत्य असत्य लिखिए -    (1x6=6)

i. बेरोजगारी से जनशक्ति संसाधन की बर्बादी होती है।                 

उत्तर - सत्य

ii. प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना 1995 में आरंभ हुई।                    

उत्तर -- असत्य ( सन 2000 से प्रारंभ हुई)

iii. भारतीय संविधान की प्रस्तावना संविधान की आत्मा है।         

उत्तर - सत्य

vii.  भारतीय संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था।

उत्तर – सत्य

v. नवम्बर 1918 में जर्मनी की पराजय के साथ प्रथम विश्वयुद्ध का अन्त हुआ था।

उत्तर – सत्य

vi. स्वेज नहर का निर्माण 1869 ईस्वी में हुआ था।

उत्तर – सत्य

प्र.6- भारत के पूर्वी तट पर स्थित राज्यों के नाम लिखिए।              2

अथवा

रेशम मार्ग से क्या आशय है?

उत्तर – भारत के पूर्वी तट पर स्थित राज्यों के नाम – तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल।

अथवा

रेशम मार्ग- रेशम मार्ग प्राचीनकाल और मध्यकाल में ऐतिहासिक व्यापारिक-सांस्कृतिक मार्गों का एक समूह था जिसके माध्यम से एशियायूरोप और अफ्रीका जुड़े हुए थे। इस मार्ग से चीनी रेशम का व्यापर होता था

प्र.7- क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व के 7 बड़े देशों के नाम लिखिए।                  2

अथवा

भारत के पश्चिमी समुर्द्री तट पर स्थित राज्यों के नाम लिखिए।        

उत्तर – क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व के सात बड़े देशों के नाम निम्नलिखित हैं –

1. रूस     2. कनाडा     3. संयुक्त राज्य अमेरिका     4. चीन    5. ब्राजील   6. ऑस्ट्रेलिया  7. भारत

अथवा

     भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर स्थित राज्यों के नाम – केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात

प्र.8- गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदियों के नाम लिखिए।                        2

अथवा

गोखुर झील, लैगून झील किसे कहा जाता है?

उत्तर –यमुना, रामगंगा, सरयू, गंडक, कोसी, महानदी और सोन गंगा की महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ है।

अथवा

गोखुर झील – यह दो शब्दों से मिलकर बना है गोखुर और झील अर्थात वह झील जो गाय के खुर के समान हो. मैदानी क्षेत्रों मे नदी की धारा दाएं बाए बल खाती हुई प्रवाहित होती है और विसर्प का निर्माण करती है, ये विसर्प S आकार के होते हैं, जब नदी अपने विसर्प को त्याग कर सीधा रास्ता पकड़ लेती है तब नदी का अपशिष्ट भाग गोखुर झील कहलाता है।

लैगून (अनूप झील) किसी विस्तृत जलस्रोत जैसे समुद्र या महासागर के किनारे पर बनने वाला एक उथला जल क्षेत्र होता है जो किसी पतली स्थलीय पेटी या अवरोध (रोधरोधिकाभित्ति आदि) द्वारा सागर से अंशतः अथवा पूर्णतः अलग होता है। जिसमे समुद्र का जल आ और जा सकता है। अर्थात खारे पानी की झील जो समुद्र से बालू अवरोधों जीवाओं के कारण बनती है।

प्र.9- 18 वीं सदी में फ्रांसीसी समाज कितने वर्गों में बँटा था?                     2

अथवा

जेकोबिन क्लब के सदस्य कौन थे? इनका नेता कौन था?

उत्तर - 18 वीं सदी में फ्रांसीसी समाज तीन वर्गों में बँटा था –

1.       प्रथम एस्टेट

2.       द्वितीय एस्टेट

3.       तृतीय एस्टेट ( इसके अंतर्गत तीन उपवर्ग थे)

अथवा

जैकोबिन क्लब के सदस्य मुख्य रूप से समाज के कम समृद्ध वर्गों जैसे छोटे दुकानदारोंकारीगरों जैसे शोमेकरपेस्ट्री कुकघड़ी बनाने वालेमुद्रकसाथ ही नौकर और दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों से थे। इनका नेता मक्स्मिलियाँ रोबेस्पयर था.

प्र.10- फ्रांस की क्रांति ने विश्व को कौन से सिद्धांत दिए?               2

अथवा

रूसो कौन था? फ्रांस की राज्य क्रांति में इसका क्या योगदान था?

उत्तर – फ़्रांस की क्रांति ने विश्व को स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांत दिए.

अथवा

उत्तर- रूसो एक दार्शनिक और महान विचारक था। जिसके विचारों का प्रभाव फ्राँस की जनता पर अन्य लेखकों तथा विचारकों की तुलना में सबसे अधिक पड़ा। हालांकि रूसो की मृत्यु 1778 में क्रांति के पूर्व ही हो गई थी किन्तु उसकी पुस्तक सोशल कॉन्टै्रक्ट द्वारा लोगों को क्रांति के लिए प्रेरित करने वाले विचार मिले।

उसने लोगों के सामने एक ऐसे समाज की स्थापना का विचार रखा जिसमें उन्हें स्वतंत्रतासमानता और न्याय की प्राप्ति की आशा थी। उसके इन नवीन विचारों ने क्रांतिकारी विस्फोट को जन्म दिया।

प्र.11- खूनी रविवार की घटना क्या थी?                                                            2

अथवा

रूसी क्रांति के प्रमुख कारणों में से कोई दो कारण लिखिए।

उत्तर - खूनी रविवार - 1905 में पादरी गैपॉन के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर विंटर पैलेस के सामने से गुजर रहे जुलुस पर पुलिस और कोसैक्स ने हमला कर दिया जिसमें अनेक मजदूर मारे गएउस दिन रविवार का दिन था अतः घटना को खूनी रविवार के नाम से जानते हैं। 

अथवा

1917 की रूसी क्रांति के निम्‍नलिखित कारण थे- ( इनमे से कोई दो लिखना है )

1. आर्थिक एवं सामाजिक विषमता - 1917 ई. के काल में रूस एक वर्ग बहुत धनी था, राज्‍य के अधिकांश महत्‍वपूर्ण पदों पर तथा अधिकांश भूमि पर इन्‍होंने अधिकार कर रखा था। जबकि दूसरा वर्ग अधिकारहीन वर्ग था।

2. जारशाही की निरंकुशता - रूस में वह के राजा को जार कहा जाता था। जो कि एक निरंकुश शासक था जिसे जनता के दुःख दर्द से कोई मतलब नहीं था । 

3. औद्योगिक क्रांति – औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप रूस में भी उद्योगों की स्थापना हुई जिससे एक औद्योगिक समाज की स्थापना हुई तथा नया माध्यम वर्ग का उदय हुआ जो अपने अधिकारों के प्रति जागरूक था.

4. बौद्धिक जागरण - जिस प्रकार का बौद्धिक जागरण फ्रांस में हुआ, उसी प्रकार का बौद्धिक जागरण रूस में भी हुआ। इसका मुख्‍य कारण रूस में पश्चिमी विचारों का प्रभाव और आगमन था। जैसे -टाल्‍सटॉय, तुर्गनेव, दांतोविस्‍की तथा कार्ल मार्क्स, मैक्सिम गोर्की तथा बकुनिन आदि के विचार.

5. नागरिक अधिकारों का दमन और जागृति - 1905 में हुई हिंसक क्रांति से घबराकर निकोलस द्वितीय ने अक्‍टुबर 1905 ई. में क्रांति, संविधान, संसद, मतदान, निर्वाचन, मौलिक अधिकारों को और बंदी क्रांतिकारियों को मुक्‍त करना स्‍वीकार कर लिया था, परंतु अवसर मिलते ही वह पुनः दमन करने लगा। उसने चार बार ड्यूमा को भंग किया और क्रांतिकारी प्रजातंत्र की मांग को दबाया। अतः जनता में अपने अधिकारों की शक्ति का जागरण हुआ। उन्‍होंने जारशाही को जड़मूल से हटाने का फैसला कर लिया था।

6. युद्ध में रूस की पराजय - रूस को हाल ही के समय में कई युद्ध का सामना करना पड़ा था। उनमें सैनिक सफलतायें मिलने पर भी राजनीतिक, आर्थिक लाभों से रूस को वंचित रहना पड़ा। इससे जनता में यह धारणा व्‍याप्‍त हो गई कि जारों की आयोग्‍यता और राजनीतिक सूझ-बुझ के अभाव में रूस सदैव राजनीतिक पटल पर हारता रहा। 

7. श्रमिकों का शोषण - कृषि का कुप्रबंधन तथा सामन्‍ती व्‍यवस्‍था ने किसानों के शोषण में कोई भी कसर नहीं छोड़ी। फलस्‍वरूप ग्रामीण लोग शहरों की ओर पलायन करने लगें, जिसे शहर के कारखानों में मजदूर की संख्‍या में वृद्धि होने लगी थीं और यह गन्‍दी बस्तियों में रहकर नारकीय जीवन को व्‍यतीत करने में मजबूर हो गयें। शासन मजदूरों की समस्‍या के प्रति संवेदनहीन थीं। पूंजीपतियों के शोषण से मजदूर वर्ग त्रस्‍त हो गया। स्थिति बदतर होती गई और सन् 1905 ई. में मजदूरों ने विशाल जुलूस का आयोजन कर सेंटपीटर्सवर्ग का शासन अपने हाथ में ले लिया। 

8. जार द्वारा संसद(ड्यूमा) को भंग करना - रूस का जार निकोलस मनमर्जी करने वाला तथा निरंकुश होने के साथ ही अयोग्‍य भी था। जन-आन्‍दोलनों के समय उसने संसद(ड्युमा) जनप्रतिनिधियों की सभा के गठन का आश्‍वासन दिया था। सन् 1906 ई. तथा 1907 ई. में प्रथम ड्युमा तथा द्वितीय ड्यूमा का चुनाव के आधार पर गठन किया गया। संसद जारशाही की आलोचना करती थीं। अतः जार ने संसद को अलोकतांत्रिक ढंग से भंग कर दिया। इसकी प्रतिक्रियास्‍वरूप जन-आन्‍दोलन अधिक तेज हो गया। 

9. विभिन्‍न विचारधाराओं एंव दलों का उदय - रूस में औद्यो‍गीकरण के कारण पूंजीवादी व्‍यवस्‍था का प्रभाव बढ़ता  जा रहा था। मजदूरों व पूजींपतियों  के मध्‍य संघर्ष की स्थिति उत्‍पन्‍न हो गई। थी। कृषकों की दशा भी बिगड़  रही थी। इसी कारण रूस की परम्‍परागत सामाजिक-आर्थिक व्‍यवस्‍था में सुधार करने के विचार उत्‍पन्‍न होने लगे। 

10. रूसी क्रांति के तात्‍कालिक कारण - अगस्त 1914 ईस्वी में मित्र राष्ट्र की ओर से रूस ने प्रथम विश्व युद्ध में भाग लिया था। रूस की सेना 1 करोड़ 50 लाख थी। जर्मनी के विरुद्ध रूस की सेना पराजित होने लगी। रूसी जनता अपने देश की पराजय को स्वीकार नहीं कर सकी। वह सरकार के विरुद्ध आंदोलित हो गई। उधर देश में बड़ी संख्या में लोगों के सेना में भर्ती होने से खेती उत्पादन चौपट हो गया। रोजमर्रा की चीजें बहुत महंगी हो गई। युद्ध हेतु आर्थिक दबाव में सरकार ने कर (Tax) बढ़ाया। जिस कारण यह रूसी क्रांति का महत्वपूर्ण व तात्कालिक कारण बना गया।

प्र.12- पाँच लोकतांत्रिक देशों के नाम लिखिए।                                      2

अथवा

इकहरी नागरिकता क्या है?

उत्तर – पांच लोकतांत्रिक देशों के नाम –

1.   भारत 2. संयुक्त राज्य अमेरिका 3. ऑस्ट्रेलिया 4. रूस 5. कनाडा 

6. दक्षिण अफ्रीका 7. ब्राजील 8. स्विट्ज़रलैंड  9. मलेशिया

अथवा

इकहरी नागरिकता  - भारत में इकहरी नागरिकता का प्रावधान है। अर्थात भारत का नागरिक केवल भारत का नागरिक है न कि अमेरिका की तरह संघ और राज्य दोनों का नागरिक। उदाहरण के लिए , A बिहार का निवासी है तो वह भारत का ही नागरिक माना जाएगा न कि भारत और बिहार दोनों का नागरिक।

प्र.13- भारतीय संविधान की प्रस्तावना लिखिए।                                     2

अथवा

मौलिक अधिकार क्या हैं?

उत्तर – भारतीय संविधान की प्रस्तावना


हम, भारत के लोग, भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न ,

समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य

बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों कोः

सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय,

विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म

और उपासना की स्वतंत्रता,

प्रतिष्ठा और अवसर की समता,

प्राप्त करने के लिए,

तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और

राष्ट्र की एकता और अखंडता

सुनिश्चित करने वाली

बंधुता बढ़ाने के लिए

दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में

आज तारीख 26 नवंबर, 949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी, संवत् दो हजार छह

विक्रमी ) को एतद्द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

अथवा

मौलिक अधिकार भारत के संविधान के भाग 3 (अनुच्छेद 12 से 35) वर्णित भारतीय नागरिकों को प्रदान किए गए वे अधिकार हैं जो सामान्य स्थिति में सरकार द्वारा नहीं छीने जा सकते हैं और जिनकी सुरक्षा का जिम्मेदारी सर्वोच्च न्यायालय को है। भारत में इनकी संख्या 6 है.

1.       समानता का अधिकार 

2.       स्वतंत्रता का अधिकार 

3.       शोषण के खिलाफ अधिकार 

4.       धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार 

5.       सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार 

6.       संवैधानिक उपचारों का अधिकार

प्र.14- संविधान निर्माण क्यों आवश्यक है?                                                        2

अथवा

पंथ निरपेक्ष संविधान क्या है?

उत्तर – संविधान निर्माण आवश्यक है क्योंकि संविधान निम्नलिखित कार्य करता है  

1.       लोगों के बीच जरुरी भरोसा और सहयोग विकसित हो.

2.       सरकार का गठन और फैसले लेने का अधिकार स्पष्ट होता है.

3.       सरकार के अधिकारों की सीमा तय करते हुए नागरिक अधिकारों को तय करता है.

4.       एक अच्छे समाज के गठन के लिए लोगों की आकाक्षाओ को व्यक्त करता है.

5.       इसे देश में रहने वाले सभी नागरिक मानते हैं क्योंकि यह सभी की इच्छाओ के सम्मिलित प्रयास से बनता है.

अथवा

भारतीय संविधान में पंथनिरपेक्ष राज्य का आदर्श रखा गया है। इसका अर्थ है कि राज्य सभी पंथों की समान रूप से रक्षा करेगा और स्वयं किसी भी पंथ को राज्य के धर्म के रूप में नहीं मानेगा। सरकार द्वारा नागरिकों के मध्य पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।

प्र.15- जन्म दर से आप क्या समझते हैं?                                                           2

अथवा

प्रछन्न बेरोजगारी क्या है?

उत्तर - प्रति वर्ष प्रति 1000 जनसंख्या पर जीवित जन्मों की संख्या को जन्म दर कहा जाता है।

अथवा

प्रछन्न बेरोजगारी - जब किसी काम में जितने लोगो की जरूरत हो उससे ज्यादा लोग काम में लगे हो और वह अपनी उत्पादन क्षमता से कम योग्यता से काम कर रहे है । प्रच्छन्न तथा छुपी बेरोजगारी या अल्प रोजगार की स्थिति भी कहते है । कृषि क्षेत्र में इस प्रकार की बेरोजगारी की समस्या अधिक है अर्थात् यदि हम कुछ लोगों को कृषि क्षेत्र से हटा भी देते हैं तो उत्पादन में विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा ।

प्र.16- महिला और पुरूष के बीच श्रम विभाजन के दो कारण कौन - कौन से है?       3

अथवा

अर्थव्यवस्था के तृतीयक क्षेत्र से आप क्या समझते हैं?

उत्तर - महिला और पुरूष के बीच श्रम विभाजन के दो कारण निम्नलिखित  है –

1.       एतिहासिक कारण

2.       सांस्कृतिक कारण

अथवा

अर्थव्यवस्था के तृतीयक क्षेत्रक में व्यापार, परिवहन. संचार, बैंकिंग, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन सेवाएँ इत्यादि शामिल होते हैं.

 

 

प्र.17- राष्ट्रीय काम के बदले अनाज योजना क्या है?                                           3

                                                     अथवा                                         

भारत में सर्वाधिक निर्धन जनसंख्या वाले दो राज्य के नाम लिखिए।

उत्तर - राष्ट्रीय काम के बदले अनाज योजना - ग्रामीण क्षेत्र के उन गरीबों के लिए लागू किया गया है जो अकुशल श्रमिक है तथा काम करना चाहते हैं। काम के बदले अनाज कार्यक्रम को 150 पिछड़े ज़िलों में पूरक मज़दूरी रोज़गार सृजित करने के उद्देश्य से 14 नवंबर 2004 को लागू किया गया है।

अथवा

भारत के सर्वाधिक निर्धन जनसँख्या वाले दो राज्यों के नाम – 1. बिहार 2. ओडिशा 3. असम 4. मध्यप्रदेश

प्र.18- कन्याकुमारी और कश्मीर में दिन - रात की अवधि में अंतर होता है।कोई दो कारण लिखिए।                 3

अथवा

स्वेज नहर के निर्माण का भारत और यूरोप के व्यापार में महत्व को लिखिए। (कोई दो)।

उत्तर :कन्याकुमारी 804’ उत्तरी अक्षांश पर स्थित है जो कि विषुवत् रेखा या भूमध्य रेखा के समीप है और भूमध्य् रेखा पर दिन-रात बराबर होते हैं। इसलिए कन्याकुमारी में दिन और रात के बीच की अवधि शायद ही कभी एक घंटा भी होती हो जबकि कश्मीर 3706’ उत्तरी अक्षांश पर स्थित है इसलिए कश्मीर में ग्रीष्म और शीत ऋतु में दिन-रात बराबर नहीं होते। ग्रीष्म ऋतु में दिन बड़ा होता है और शीत ऋतु में रात बड़ी होती है।

अथवा

स्वेज नहर के कारण यूरोप से एशिया और पूर्वी अफ्रीका का सरल और सीधा मार्ग खुल गया और इससे भारत और यूरोप के बीच की दूरी  7,000 किलोमीटर कम हो गई । इससे अनेक देशों, पूर्वी अफ्रीका, ईरान, अरबभारत, पाकिस्तान, सुदूर पूर्व एशिया के देशों, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि देशों के साथ व्यापार में बड़ी सुविधा हो गई है और व्यापार बहुत बढ़ गया है।

1869 में, स्वेज नहर खोली गईजिससे ब्रिटेन और भारत के बीच की दूरी लगभग 4,500 मील कम हो गई क्योंकि जहाजों को अब दक्षिणी अफ्रीका की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं थी। स्वेज नहर ने भाप से चलने वाले लाइनरों की विश्वसनीय सेवा के साथ-साथ व्यापारी और यात्री शिपिंग में वृद्धि की।

प्र.19- प्रथम विश्व युद्ध का रूस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?                              3

अथवा

1917 ई. की रूसी क्रांति से नई सभ्यता तथा संस्कृति का जन्म हुआ। इस कथन की पुष्टि में दो बिन्दु लिखिए।

उत्तर - प्रथम विश्व युद्ध क्रें रूस की पराजय ही रूसी क्रांति का तात्कालिक कारण बना क्योंकि :-

1.  जैसे जैसे युद्ध लंबा होता गया जार के प्रति जन समर्थन कम होने लगा।

2.  जर्मन विरोधी भावना बलवती होने के कारण लोगों ने सेंट पीट्सबर्ग का नाम बदलकर पेत्रोग्राद रख दिया क्योंकि सेंट पीट्सबर्ग नाम से जर्मन उच्चारण आता था।

3.  लगभग 70 लाख सैनिकों की मौत से रुसियों का मनोबल टूट गया।

4.  पीछे हटती रूसी सेनाओं द्वारा रास्ते में पड़ने वाली फसलों तथा इमारतों को नष्ट करने से रूस में 30 लाख से ज्यादा लोग शरणार्थी हो गए।

5.  युद्ध से उद्योगों पर बहुत बुरा असर पड़ा जरूरी सामान बनाने वाली छोटी-छोटी वर्कशॉप भी बंद होने लगी शहरों में रहने वालों के लिए रोटी और आटे की किल्लत होने लगी।

अथवा

इसमें कोई संशय नहीं की रूस की क्रांति फ्रांस की क्रांति के समान ही एक युगांतकारी घटना थी जिसका प्रभाव केवल रूस तक ही सीमित नहीं था। 1917 ई. की रूसी क्रांति से नई सभ्यता तथा संस्कृति का जन्म हुआ। जिसे निम्न बिन्दुओ के आधार पर समझा जा सकता है -

1.       सर्वहारा वर्ग का अधिनायकत्‍व - रूस की क्रांति ने आर्थिक स्‍वतंत्रता को सर्वोपरि स्‍थान दिया और सर्वहारा वर्ग को शासन में प्रधानता प्रदान की। नवंबर में बोल्‍शेविक क्रांति हुई जिसने बुर्जुआ गणतंत्र को समाप्‍त कर सर्वहारा वर्ग का अधिनायकत्‍व स्‍थापित किया। बोल्‍शेविक क्रांति के फलस्‍वरूप विश्‍व में पहली बार मार्क्‍सवादी सिद्धांतों पर आधारित सरकार बनी जिसने रूस की राजनैतिक, सामाजिक एंव आर्थिक व्‍यवस्‍था में आमूल परिवर्तन कर दिया।

2.       नई सभ्‍यता, नई संस्‍कृति व नए समाज का पक्षपाती - साम्‍यवाद नई सभ्‍यता, नई संस्‍कृति व नए समाज का पक्षपाती था। उसे फ्रांस, इंग्‍लैंड व अमेरिका की व्‍यवस्‍था किसी क्षेत्र में प्रिय नहीं था। 

3.       साम्‍यवाद का प्रचार - इस क्रांति के माध्‍यम से साम्‍यवाद का प्रचार बड़ी तीव्र गति से हुआ। साम्‍यवाद आधे यूरोप और आधे एशिया में फैल गया। अन्‍य क्षेत्रों में भी इसका प्रभाव बढ़ता जा रहा है। 

4.       कृषक वर्ग और श्रमिक वर्ग का शासन सत्ता पर अधिकार - इस क्रांति ने पूर्व से चली आ रही जार शाही का अंत किया और किसान एंव मजदूरों के हाथ में शासन की सत्ता सौंप दी। सामाजिक, आर्थिक व औद्योगिक क्षेत्रों में समानता की ओर कदम उठाया। 

5.       नवीन विचारधारा का जन्‍म - 1917 क्रांति के फलस्‍वरूप साम्‍यवाद नामक विचारधारा का उदय हुआ। इस विचारधारा के अंतर्गत वर्गहीन समाज स्‍थापित हुआ और कृषक एंव श्रमिक शासन सूत्र को चलाने वाले बन गए। इस क्रांति ने सामाजिक, आर्थिक एंव औद्योगिक क्षेत्रों में भी अपना बिगुल बजाया। 

6.       अन्‍य देशो की नीति में परिवर्तन - जहां रूसी क्रांति द्वारा प्रतिपादित विचारधारा का प्रचार नहीं हुआ, वहां की सरकारे ने भी किसानों, मजदूरों की दशा को उन्‍नत करने का प्रयास करना शुरू कर दिया, किन्‍तु साम्‍यवादियों को इससे संतुष्टि न होगी, क्‍योकि अन्‍य क्षेत्रों में असफलता ही रहेगीं। 

प्र.20- भारत में अंतर्राज्यीय निर्धनता में विभिन्नता के कारण लिखिए।                     3

अथवा

भारत में निर्धनता के कारण क्या हैं? कोई चार कारण लिखिए।

उत्तर - भारत में अंतर्राज्यीय निर्धनता में विभिन्नता के निम्नलिखित कारण है :  

1.       यह असमानता औपनिवेशिक काल से ही अपनाये गए सौतेले रवैयों के कारण शुरू हो जाती है।

2.       केन्द्रीय प्रादेशिक सरकार समान रूप से सभी क्षेत्रों में समान निवेश नहीं करती।

3.        दूर स्थित ग्रामीण क्षेत्रों, पहाड़ी एवं रेगिस्तानी इलाकों की अवहेलना की जाती है।

4.        प्राकृतिक आपदा जैसे—बाढ़, तूफान, सूनामी का सभी राज्यों में न होना।

5.        प्रत्येक राज्य में निर्धन लोगों का अनुपात एकसमान नहीं है।

6.       प्रत्येक राज्य का प्राकृतिक वातावरण, जलवायु, मिट्टी, वर्षा आदि समान नहीं है।

7.        प्रत्येक राज्य समान रूप से मानव संसाधन अर्थात् शिक्षा और स्वास्थ्य का विकास नहीं कर पाए हैं।

8.        प्रत्येक राज्य में भूमि सुधार का कार्य समान नहीं हुआ है।

अथवा

भारत में निर्धनता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –

1.       औपनिवेशिक दासता

2.       अशिक्षा

3.       उद्योगों की कमी

4.       सामाजिक कारण

5.       प्रौद्योगिकी का निम्न स्तर

6.       श्रम की मांग और पूर्ति में असंतुलन

7.       जनसंख्या में तीव्र वृद्धि

8.       प्राकृतिक प्रकोप

9.       तकनीकी प्रशिक्षण

10.  ग्रामीण ऋणग्रस्तता

11.  आर्थिक कारण

औपनिवेशिक दासता -  अंग्रेजी शासन काल में भारत के आर्थिक विकास का स्तर निम्न स्तर पर था. औपनिवेशिक सरकार की नीतियों के चलते भारत का कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प नष्ट हो गया.

अशिक्षा - भारत की जनगणना के अनुसार, महिला और पुरुषों की साक्षरता दर में बहुत बड़ा अंतर है. महिलाओं में कम साक्षरता के कारण परिवार और आबादी को जानकारी की कमी है। जो कि भारत में निर्धनता के कारण में प्रधान कारण है।

उद्योगों की कमी - भारत में आमदनी का प्रमुख उद्योग शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित है। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों का उचित विकास नहीं हुआ है, जिस कारणवश वहां पर बेरोजगारी में वृद्धि होती है। जनसंख्या या तो नौकर बनेगी या तो मालिक। अर्थात यदि भारत में उद्योगों की संख्या बढ़ेगी तो रोजगार की संख्या भी बढ़ेगी। उद्योग यदि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हो गए तो भारत से निर्धनता तो दूर ही हो जाएगी और भारत विश्व में एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।

सामाजिक कारण - देश में गरीबी के लिए जाति प्रथा, संयुक्त परिवार प्रथा, उत्तराधिकार के नियम, शिक्षा व मानव कल्याण के प्रति उदासीनता आज के अनेक कारण हैं, जो गरीबों को और गरीब बना रहे हैं।

प्रौद्योगिकी का निम्न स्तर - कृषि तथा विनिर्माण क्षेत्र में परंपरागत उत्पादन तकनीकों ने प्रति व्यक्ति उत्पादकता के स्तर को नीचा बनाए रखा है, जिसके कारण गरीबी और अधिक गहन हुई है।

श्रम की मांग और पूर्ति में असंतुलन - जब श्रमिकों की मांग कम होती है और उनकी पूर्ति बढ़ जाती है। तो समस्त श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाता और इस कारण बेरोजगारी मे वृद्धि होती है।

जनसंख्या में तीव्र वृद्धि - भारत की जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हुई है, जिससे गरीबी एवं बेरोजगारी की समस्या की गंभीरता और बढ़ गई है। 2.5% वार्षिक वृद्धि की दर से जनसंख्या का बढ़ना ग्रामीण श्रम पूर्ति की तीव्रता में वृद्धि करता है। श्रमिकों की संख्या में जो तीव्रता से वृद्धि हो रही है, उसके अनुरूप रोजगार सुविधाएं नहीं बढ़ पाती हैं।

प्राकृतिक प्रकोप - हमारी अर्थव्यवस्था प्रकृति पर बहुत अधिक निर्भर है। प्राकृतिक प्रकोपो का सामना करने के पर्याप्त साधनों का ना होना भी हमारी निर्धनता का एक प्रमुख कारण है।

तकनीकी प्रशिक्षण - रोजगार सुविधाओं को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक है कि तकनीकी प्रशिक्षण का कार्यक्रम अपनाया जाए।

ग्रामीण ऋणग्रस्तता - आय में कमी होने के कारण भारतीय कृषक दैनिक जीवन ऋण लेकर व्यतीत करता है। वह ऋण अदा करने के लिए फसल पर निर्भर रहता है, लेकिन यदि प्राकृतिक प्रकोप या किसी अन्य समस्या से उसकी फसल में नुकसान होता है तो वहां ऋण से ग्रसित हो जाता है।

आर्थिक कारण - निर्धनता का संबंध आर्थिक पहलुओं से भी है, आर्थिक दशा का वर्णन आय और व्यय के संबंध में किया जाता है। अपर्याप्त उत्पादन असमान वितरण आर्थिक उच्च वचन निर्धनता एवं बेरोजगारी आदि को जन्म देता है। भारत में उत्पादन के लिए परंपरागत साधनों का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण यहां पर्याप्त उत्पादन नहीं हो पाता है।

प्र.21- 1900 से 1930 के बीच रूस में महिला कामगारों की स्थिति क्या थी?          4

अथवा

रैडिकल और रूढ़िवादी के विषय में बताइए।

उत्तर - 1900 और 1930 के बीच महिला कार्यकर्ता - 1905 की रूसी क्रांति, 1917 की फरवरी क्रांति के दौरानमहिला श्रमिकों ने भी रूस के भविष्य को आकार देने में भाग लिया। 1914 तक फैक्ट्री श्रम बल का 31% हिस्सा महिला श्रमिकों का थालेकिन उन्हें पुरुषों की तुलना में कम वेतन दिया जाता था। महिला श्रमिकों को न केवल कारखानों में काम करना थाबल्कि अपने परिवार और बच्चों की देखभाल भी करनी थी। वे देश के सभी मामलों में भी बहुत सक्रिय थी।

वे अक्सर अपने पुरुष सहकर्मियों को प्रेरित करते थी। उदाहरण के लिएआइए हम टेलीफोन फैक्ट्री में एक महिला कार्यकर्ता मारफ़ा वासिलिवा की घटना को लेंजिन्होंने बढ़ती कीमतों और फ़ैक्टरी मालिकों के उच्च-स्तर के खिलाफ आवाज़ उठाई और एक सफल हड़ताल भी आयोजित की।

मारफा वासिल्वा का उदाहरण अन्य महिला श्रमिकों द्वारा लिया गया था और वे तब तक बेकार नहीं बैठीं जब तक उन्होंने रूस में एक समाजवादी राज्य स्थापित नहीं कर लिया।

अथवा

रूढ़िवादी -  रूढ़िवादी विचारधारा के समर्थक राजतंत्र एवं राजा के दैवी सिद्धान्तों में विश्वास करते थे। यह रैडिकल तथा उदारवादी दोनों विचारधाराओं का विरोध करते थे परन्तु 18वीं शताब्दी के अन्त तक इनकी विचारधारा में तीव्र परिवर्तन आया और इन्होंने भी परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया परन्तु यह चाहते थे कि परिवर्तन की प्रक्रिया धीमी हो तथा अतीत को पूरी तरह न ठुकराया जाए।

रैडिकल (आमूल परिवर्तनवादी ) - इस विचारधारा के समर्थक बहुमत पर आधारित सरकार की स्थापना के पक्ष में थे। यह किसी भी व्यक्ति को प्राप्त विशेषाधिकारों के विरुद्ध थे। यह समानता पर आधारित समाज की स्थापना करना चाहते थे। प्राचीन रूढ़ियों के यह विरोधी थे। यह राजा के दैवी शक्ति के सिद्धान्त में विश्वास नहीं करते थे और राजतंत्र को नष्ट करने के लिए क्रांतिकारी उपायों को अपनाने के पक्ष में थे। फ्रांस में पेरिस कम्यून की स्थापना का श्रेय इसी विचारधारा के समर्थकों को जाता है।

 

 

प्र.22- भौतिक पूँजी तथा मानव पूँजी में अंतर लिखिए।                                         4

अथवा

प्रछन्न और मौसमी बेरोजगारी में क्या अंतर है?

उत्तर – भौतिक पूंजी और मानव पूंजी के बीच अंतर नीचे दिए गए हैं:

क्रमांक

भौतिक पूंजी

मानव पूंजी

1.

भौतिक पूंजी, का अर्थ कंपनी की गैर-मानवीय संपत्ति जैसे संयंत्र और मशीनरी, भवन, कंप्यूटर, कार्यालय की आपूर्ति आदि है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में सहायता करते हैं।

मानव पूंजी को एक कर्मचारी या किसी संगठन में काम करने वाले कर्मचारियों के समूह के पास ज्ञान, प्रतिभा, कौशल और क्षमताओं के संग्रह द्वारा परिभाषित किया जाता है।

2.

भौतिक पूंजी प्रकृति में मूर्त है, अर्थात इसे देखा और स्पर्श किया जा सकता है।

मानव पूंजी अमूर्त है, जिसे केवल अनुभव किया जा सकता है।

3.

भौतिक पूंजी का निर्माण एक आर्थिक और तकनीकी प्रक्रिया है।

मानव पूंजी का गठन एक सामाजिक प्रक्रिया है, लेकिन यह उद्यमी द्वारा इस संबंध में लिए गए सचेत निर्णयों का भी परिणाम है।

4.

भौतिक पूंजी को सीधे बाजार में बेचा जा सकता है

मानव पूंजी को बाजार में नहीं बेचा जा सकता है, बल्कि सेवाओं को बेचा जाता है।

5.

भौतिक पूंजी को उसके मालिक से आसानी से अलग किया जा सकता है।

मानव पूंजी अपने स्वामी से अविभाज्य है।

6.

भौतिक पूंजी आमतौर पर मोबाइल होती है, लेकिन कुछ प्रतिबंध विभिन्न देशों द्वारा लगाए गए व्यापार बाधाओं से बाहर होते हैं।

जब मानव पूंजी की गतिशीलता की बात आती है, तो यह देशों के बीच पूरी तरह से मोबाइल नहीं है, क्योंकि गतिशीलता राष्ट्रीयता और संस्कृति द्वारा प्रतिबंधित है।

7.

भौतिक पूंजी कंपनी के वित्तीय विवरण में दिखाई देती है,

मानव पूंजी को वित्तीय विवरण में नहीं दिखाया गया है।

 

अथवा

 

प्रछन्न और मौसमी बेरोजगारी में  अंतर -

प्रच्छन्न बेरोज़गारी

मौसमी बेरोज़गारी

(क) प्रच्छन्न बेरोज़गारी के अंतर्गत वह श्रमिक आते हैं जो श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी करते हैं परन्तु उत्पादन में कोई योगदान नहीं देते। उन्हें काम से हटा                                 देने पर भी उत्पादन में कोई कमी नहीं जाती।

(क) मौसमी बेरोज़गारी वह है जिसमें श्रमिकों को वर्ष के कुछ खास महीनों में कार्य प्राप्त होता है।

(ख) यह प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाती है।

(ख) यह ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में पाई जाती है।

(ग) यह प्रायः कृषि क्षेत्र में पाई जाती है।

(ग) यह प्रायः कृषि आधारित उद्योगों में पाई जाती है।

 

प्र.23- दिए मानचित्र में निम्नलिखित में से किन्हीं चार को दर्शाइए -                        4

i.   भारतीय मरूस्थल

ii. अरावली श्रेणी

iii. ब्रम्हपुत्र नदी

iv. कृष्णा नदी

v.  गंगा यमुना दोआब

vi. महादेव पहाड़ियां

vii. छोटा नागपुर का पठार

viii.  चिल्का झील

उत्तर - 


धन्यवाद 
आप सफल हों

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