पालमपुर गाँव की कहानी कक्षा 9

पालमपुर गाँव की कहानी

अध्याय की समझ विकसित करने हेतु महत्वपूर्ण वीडियो की लिंक इन्हें अवश्य देखें

1.   पालमपुर गांव की कहानी भाग 1 : परिचय

https://youtu.be/X4uyVhyWH64

2.   पालमपुर गांव की कहानी भाग 2 : पालमपुर में खेती - 1

https://youtu.be/oRVe3ooj6JI

3.   पालमपुर गांव की कहानी भाग 3 : पालमपुर में खेती - 2

https://youtu.be/gsvprWPatAY

4.   पालमपुर गाँव की कहानी (भाग - 4) : अधिशेष कृषि उत्पादों की बिक्री,गैर कृषि क्रियाएं

 https://youtu.be/5h8Xi_IG-bM

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महत्वपूर्ण तथ्य :-

एक नजर में पालमपुर :-

सामाजिक स्थिति -

    ·      मुख्य कार्य                                                  - कृषि

    ·      गाँव में कुल परिवार संख्या                          - 450

    ·      भूमि स्वामी उच्च जाति के परिवार                - 80

    ·      भूमिहीन परिवार ( अनुसूचित जाति )            - 150 ( एक तिहाई )

    ·      02 हेक्टेयर से कम जमीन वाले परिवार        - 240

    ·      02 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले परिवार       - 060

पालमपुर गाँव में सुविधाएं -

    ·      हाई स्कूल                       - 01

    ·      प्राथमिक विद्यालय           - 02

    ·      स्वास्थ्य केंद्र                    - 01

    ·      निजी औषधालय             - 01

पालमपुर गाँव में कृषि सुविधाएं -

    ·      सिंचित रकबा   ( कुल कृषि क्षेत्र का 40%)     - 88 हेक्टेयर

    ·      परम्परागत बीज से उपज प्रति हेक्टेयर          - 1300 किलोग्राम

    ·      एच.वाई.वी. बीज से उपज प्रति हेक्टेयर         - 3200 किलोग्राम

पालमपुर गाँव में गैर कृषि क्रियाएं -

    ·      गैर कृषि कार्य में संलग्न लोग                - 25%

    ·      प्रमुख गैर कृषि कार्य                           -  डेयरी , दुकानदारी,लघुस्तरीय निर्माण, उद्योग,   परिवहन इत्यादि।

    ·      पालमपुर गाँव के पड़ौसी बड़ा गांव       - रायगंज

    ·      बड़ा कस्बा                                       - शाहपुर

    ·      पालमपुर से पड़ौसी गांव-कस्बों का संपर्क   - बारहमासी पक्की रोड

    ·      2 हेक्टेयर से कम भूमि के स्वामित्व वाले किसान     - सीमांत या लघु कृषक

    ·      2 हेक्टेयर से ज्यादा के भूमि स्वामित्व वाले किसान   - मझौले या बड़े कृषक

    ·      उत्पादन का उद्देश्य या प्रयोजन              - आवश्यक वस्तु और सेवाओं का उत्पादन

    ·      उत्पादन हेतु चार चीज़े आवश्यक है                - भूमि, श्रम, पूंजी तथा ज्ञान एवं उद्यम ।

    ·      उपज बढ़ाने के तरीके :-

क) बहुविध फसल प्रणाली :-    एक वर्ष में किसी भूमि पर एक से ज्यादा फसल उत्पन्न करने को बहुविध फसल प्रणाली कहते हैं।

ख) आधुनिक कृषि विधि :-     खेती में आधुनिक कृषि विधियों का प्रयोग जैसे, एच.वाई.वी. बीजों, रसायनिक उर्वरक इत्यादि का प्रयोग  करना । भारत में सबसे पहले पंजाब और हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इनका प्रयोग किया गया था।

    ·      हरित क्रांति का समय     -    1960 का दशक

    ·      हरित क्रांति का लाभ      -    

            भारतीय कृषकों ने अधिक उपज वाले बीजों द्वारा गेहूँ  और चावल की कृषि करने के तरीके सीखे ।

    बिजली के विस्तार से सिंचाई व्यवस्था में सुधार हुआ परिणाम स्वरूप किसान दोनों खरीफ और रबी दोनों ऋतुओं     की फसल उगाने में सफल हो सके हैं। ।

    ·      हरित क्रान्ति से हानि     -    उर्वरकों के अधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो गई है - इसके अतिरिक्त नलकूपों से सिंचाई के कारण  भौम जल स्तर कम हो गया है।

क) भौतिक पूंजी - उत्पादन के हर स्तर पर अपेक्षित कई तरह की आगत जैसे- कच्चा माल, नकद मुद्रा औजार मशीन, भवन इत्यादि ।

ख) स्थायी पूंजी - औज़ारों, मशीनों, भवनों का उत्पादन में कई वर्षो तक इस्तेमाल होता है इन्हें स्थायी पूंजी कहा जाता है।

ग) मानव पूंजी - उत्पादन करने के लिए भूमि, श्रम और भौतिक पूंजी को एक साथ करने योग्य बनाने के लिये ज्ञान और उद्यम की जरूरत पड़ती है जिसे मानव पूंजी कहा जाता है।

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अध्याय के अंत में दिए गए पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर :-

प्रश्न 1. भारत में जनगणना के दौरान दस वर्ष में एक बार प्रत्येक गाँव का सर्वेक्षण किया जाता है। पालमपुर से संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्न तालिका को भरिए

(क) अवस्थिति क्षेत्र,

(ख) गाँव का कुल क्षेत्र,

(ग) भूमि का उपयोग ( हेक्टेयर में)

(घ) सुविधाएं

                शैक्षिक

                चिकित्सा 

                बाजार   

                बिजली पूर्ति   

                संचार

                निकटतम कस्बा

उत्तर :-

(क) अवस्थिति क्षेत्र  - पालमपुर अपने पड़ौसी गांवों और कस्बों से बारहमासी पक्की सड़कों से जुड़ा हुआ है। निकटतम बड़ा गांव राय्रंज तथा छोटा कसबा शाहपुर है।

(ख) गाँव का कुल क्षेत्र -     226 हेक्टेयर

(ग) भूमि का उपयोग ( हेक्टेयर में)

 

कृषि भूमि

 

भूमि जो कृषि के लिए उपलब्ध नहीं है। (निवास स्थानों, सड़कों,तालाबों,चारागाहों आदि के क्षेत्र )

सिंचित

असिंचित

 

26 हेक्टेयर

200 हेक्टेयर

कोई नहीं

(घ) सुविधाएं

शैक्षिक

पालमपुर गाँव में दो प्राथमिक विद्यालय तथा एक हाई स्कूल है।

चिकित्सा

पालमपुर गाँव में एक राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा एक निजी औषधालय भी है जिसमें रोगियों का उपचार किया जाता है।

बाजार

पालमपुर में बाज़ार ज़्यादा विकसित नहीं हैं। लोग शहरों के थोक बाज़ारों से कई प्रकार की वस्तुएँ खरीदते हैं और उन्हें गाँव में लाकर बेचते हैं। गाँव में केवल छोटे-छोटे जनरल स्टोर हैं जिसमें आवश्यक वस्तुएँ मिलती हैं।

बिजली पूर्ति

गाँव के अभी घरों में बिजली की पूर्ति होती है। इसके अतिरिक्त बिजली की पूर्ति नलकूप चलाने तथा छोटे व्यवसायों में भी होती है।

संचार

एक बड़ा गाँव, रायगंज, पालमपुर से तीन किलोमीटर की दूटी पर है। प्रत्येक मौसम में यह सड़क गाँव को रायगंज और उससे आगे निकटतम छोटे कस्बे शाहपुट से जोड़ती है। इस सड़क पर गुड़ और अन्य वस्तुओं सै लपी हुई बैलगाड़ियाँ, भैंसाबग्घी से लेकर अन्य कई तरह के वाहन जैसे, मोटटसाईकिल, जीप, ट्रैक्टर और ट्रक तक देखे जा सकते हैं।

निकटतम कस्बा

शाहपुर

प्रश्न 2. खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसे अधिक आगतों की आवश्यकता होती है, जिन्हें उद्योगों में विनिर्मित किया जाता है, क्या आप सहमत हैं?

उत्तरः हाँ, हम सहमत हैं। क्योंकि आधुनिक खेती के तरीकों में अधिक उपज वाले बीजों का उपयोग शामिल है। इ़न बीजों को सर्वोत्तम परिणाम देने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों, ट्रैक्टरों की तरह कृषि उपकरणों और इलेक्ट्रिक ट्यूबवेल जैसी उचित सिंचाई सुविधाओं की आवश्यकता होती है। ये सभी चीजें उद्योगों में निर्मित होते हैं। इसलिए, इससे हमें सहमत होना होगा कि खेती की आधुनिक विधियों के लिए ऐसे अधिक आगतों की आवश्यकता होती है, जिन्हें उद्योगों में विनिर्मित किया जाता है।

प्रश्न 3. पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की किस तरह मदद की?

उत्तरः पालमपुर में बिजली के प्रसार ने किसानों की निम्न रूप से सहायता की :-

1.   कृषि उपकरण, जैसे हार्वेस्टर, थ्रेशर आदि ने किसानों की सहायता की है।

2.   बिजली का उपयोग गाँव में प्रकाश के लिए भी किया गया।

3.   विद्युत प्रकाश, पंखे, प्रेस एवं मशीनों ने किसानों के घरेलू कार्यों में सहायता दी है।

4.   सिंचाई की उपयुक्त विधि, नलकूपों एवं पंपिंग सेटों को बिजली द्वारा चलाया जाता है।

5.   बिजली से सिंचाई प्रणाली में सुधार के कारण किसान पूरे वर्ष के दौरान विभिन्न फसलें उगा सकते थे।

6.   उन्हें मानसून की बरसात पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है जो कि अनिश्चित है।

प्रश्न 4. क्या सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना महत्त्वपूर्ण है? क्यों?

उत्तरः सिंचित क्षेत्र में वृद्धि करना निम्न दृष्टि से महत्वपूर्ण है

1.   सिंचाई की सुविधा प्राप्त भूमि के टुकड़े में कृषि उत्पादन असिंचित भूमि के टुकड़े के उत्पादन से अधिक होता है।

2.   कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए सिंचित क्षेत्र महत्त्वपूर्ण ही नहीं बल्कि आवश्यक भी है।

3.   पौधों का जन्म, उनका विकास, फलना और फूलना; मिट्टी, जल और हवा के कुशल संयोग पर निर्भर करता है।

4.   यदि सिंचाई की असुविधा के कारण जल प्राप्त नहीं होता तो फसल सूख जाएगी, यदि लगातार जल की कमी हो तो अकाल का भय हो जाता है।

5.   सिंचित क्षेत्र की वृद्धि से भारत में व्याप्त मानसून की अनिश्चित बरसात से मुक्ति मिलेगी।

प्रश्न 5. पालमपुर के 450 परिवारों में भूमि के वितरण की एक सारणी बनाइए।

उत्तरः पालमपुर गाँव के 450 परिवारों में भूमि के वितरण की सारणी

परिवारों की संख्या

भूमि ( हेक्टेयर में )

150

भूमिहीन

240

2 हेक्टेयर से कम

60

2 हेक्टेयर से ज्यादा


प्रश्न 6. पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मज़दूरी न्यूनतम मज़दूरी से कम क्यों है?        

उत्तरः पालमपुर में खेतिहर मज़दूरों की संख्या बहुत ज्यादा है और संख्या की तुलना में काम की उपलब्ध्ता कम है ऐसे में काम के लिए आपस में बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा है। इसलिए लोग कम दरों पर मज़दूरी करने को तैयार हो जाते हैं। न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम का ग्रामीण क्षेत्रों में सख्ती से लागू न किया जाना भी एक प्रमुख कारण है। इसलिए गरीब मज़दूरों को जो कुछ भी मज़दूरी दी जाती है उसे वे अपना भाग्य समझकर स्वीकार कर लेते हैं।

प्रश्न 7. अपने क्षेत्र में दो श्रमिकों से बात कीजिए। खेतों में काम करने वाले या विनिर्माण कार्य में लगे मज़दूरों में से किसी को चुनें। उन्हें कितनी मज़दूरी मिलती है? क्या उन्हें नकद पैसा मिलता है या वस्तु-रूप में? क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है? क्या वे कर्ज़ में हैं?

उत्तरः हमारे क्षेत्र में बलराम और भद्दे दो खेतिहर मजदूर हैं जो एक मकान के निर्माण कार्य में काम करते हैं। इन दोनों को प्रति 150 से 200 रुपये मिलते हैं। यह सत्य है कि उन्हें नकद मजदूरी मिलती है। लेकिन इन्हें नियमित रूप से काम नहीं मिलता क्योंकि बहुत से लोग कम दरों पर काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं। क्योंकि उन्हें कम मजदूरी मिलती है इसलिए वे कर्ज में डूबे हुए हैं। कम मजदूरी के कारण वे बड़ी कठिनाई से परिवार का भरण-पोषण कर पाते हैं।

प्रश्न 8. एक ही भूमि पर उत्पादन बढ़ाने के अलग-अलग कौन से तरीके हैं? समझाने के लिए उदाहरणों का प्रयोग कीजिए।

उत्तरः भूमि के एक ही टुकड़े पर उत्पादन में वृद्धि हेतु निम्नलिखित तरीकों को अपनाया जाता है :-

बहुविधि फसल उगाना- भूमि के एक ही टुकड़े पर एक वर्ष में कई फसलों को उगाना बहुविध फसल प्रणाली कहलाता है। पालमपुर के सभी किसान वर्ष में कम-से-कम दो फसलें उगाते हैं।

उदाहरण :- पिछले 15-20 वर्ष से अनेक किसान तीसरी फसल के रूप में आलू की खेती कर रहे हैं।

आधुनिक कृषि उपकरणों एवं तकनीक का उपयोग-पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान आधुनिक कृषि तरीकों को अपनाने वाले भारत के पहले किसान थे। इन क्षेत्रों के किसानों ने सिंचाई के लिए नलकूपों, एच.वाई.वी. बीज, रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों का प्रयोग किया। ट्रैक्टर एवं थ्रैशर का भी प्रयोग किया गया। जिससे जुताई एवं फसल की कटाई आसान हो गई। उन्हें अपने प्रयासों में सफलता मिली और उन्हें गेहूं की अधिक पैदावार के रूप में इसका प्रतिफल मिला। एचवाईवी बीजों की सहायता से पैदावार 1300 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 3200 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक हो गई और अब किसानों के पास बहुत सा अधिशेष गेहूँ बाजार में बेचने के लिए होता है।

प्रश्न 9. एक हेक्टेयर भूमि के मालिक किसान के कार्य का ब्यौरा दीजिए।

उत्तरः भूमि को मापने की मानक इकाई हेक्टेयर है। एक हेक्टेयर 100 मीटर की भुजा वाले वर्गाकार भूमि के टुकड़े के क्षेत्रफल के बराबर होता है। एक हेक्टेयर भूमि की मात्रा एक परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बहुत कम है। इसलिए उसके द्वारा अपने जीवन यापन के लिए किए गए कार्य का ब्यौरा निम्नलिखित हो सकता है

1.   गाँव के धनी लोगों के पास नौकरी कर सकता है।

2.   गैर-कृषि कार्यों जैसे-पशुपालन, मछलीपालन और मुर्गीपालन आदि का कार्य कर सकता है।

3.   खेतिहर मजदूर के रूप में बड़े किसानों और जमींदारों के पास कार्य कर सकता है।

4.   अपने परिवार के सदस्यों को रोजगार के लिए शहरों में भेज सकता है।

प्रश्न 10. मझोले और बड़े किसान कृषि से कैसे पूँजी प्राप्त करते हैं? वे छोटे किसानों से कैसे भिन्न हैं?

 उत्तरः

1.   मझोले और बड़े किसानों के पास अधिक भूमि होती है अर्थात् उनकी जोतों का आकार बड़ा होता है जिससे वे अधिक उत्पादन करते हैं।

2.   अधिक उत्पादन होने से वे इसे बाजार में बेचकर धनलाभ प्राप्त करते हैं। इस धन का प्रयोग वे उत्पादन की आधुनिक विधियों को अपनाने में करते हैं।

3.   इनकी पूँजी छोटे किसानों से भिन्न होती है क्योंकि छोटे किसानों के पास भूमि कम होने के कारण उत्पादन उनके पालन-पोषण के लिए भी कम बैठता है।

4.   उन्हें आधिक्य प्राप्त न होने के कारण बचते नहीं होती हैं इसलिए खेती के लिए उन्हें पूँजी बड़े किसानों या साहूकारों से उधार लेकर पूरी करनी पड़ती है जिस पर उन्हें काफी ब्याज चुकाना पड़ता है जो उन्हें ऋणग्रस्तता के चंगुल में फँसा देता है।

प्रश्न 11. सविता को किन शर्तों पर तेजपाल सिंह से ऋण मिला है? क्या ब्याज की कम दर पर बैंक से कर्ज मिलने पर सविता की स्थिति अलग होती?

उत्तरः सविता ने तेजपाल सिंह से 3000 रू. 24 प्रतिशत की दर पर चार महीने के लिए उधार लिया, जो कि ऊँची ब्याज दर है। सविता एक कृषि मजदूर के रूप में कटाई के समय 35 रुपए प्रतिदिन की दर पर उसके खेतों में काम करने को भी सहमत होती है। तेजपाल सिंह द्वारा सविता से लिया जाने वाला ब्याज बैंक की अपेक्षा बहुत अधिक था। यदि सविता इसकी अपेक्षा बैंक से उचित ब्याज दर पर ऋण ले पाती तो उसकी हालत निश्चय ही इससे अच्छी होती।

प्रश्न 12. अपने क्षेत्र के कुछ पुराने निवासियों से बात कीजिए और पिछले 80 वर्षों में सिंचाई और उत्पादन के तरीकों में हुए परिवर्तनों पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट लिखिए (वैकल्पिक)।

उत्तरः अपने क्षेत्र के कुछ वयोवृद्ध व्यक्तियों से बात करने के बाद पिछले 30 वर्षों में सिंचाई और उत्पादन के तरीकों में हुए परिवर्तनों से मुझे इस बात का पता चला कि 30 वर्ष पहले   कृषि करने के पुराने तरीके कैसे थे। यह जानकारी इस प्रकार है।

1.   प्राचीनकाल में सिंचाई के लिए कुओं का उपयोग किया जाता था। कुएँ से बैल के माध्यम से रहट का उपयोग करके पानी को ऊपर खींचकर सिंचाई जाती थी।

2.   सिंचाई के लिए पानी की प्राप्ति रहट द्वारा की जाती थी।

3.   तालाब और नदी-नाले के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता था।

4.   स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् सिंचाई की पद्धति में क्रान्तिकारी परिवर्तन किए गए और पम्पिंग सैट तथा नलकूपों का उपयोग पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए किया जाने लगा।

5.   विशेष रूप से नदियों से नहरें निकालकर सिंचाई की व्यवस्था का जाल बुना गया।

प्रश्न 13. आपके क्षेत्र में कौन-से गैर-कृषि उत्पादन कार्य हो रहे हैं? इनकी एक संक्षिप्त सूची बनाइए।

उत्तरः हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में किए जाने वाले गैर कृषि उत्पादन कार्य इस प्रकार हैं

1.   खेतों में उत्पादित सब्जी, फलों को शहरी बाजारों में बेचा जाना।

2.   दूर गाँवों से एकत्र करके शहरों में आपूर्ति करना।

3.   सिलाई, कढ़ाई, प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना करना।

4.   शिक्षित लोगों को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण देना।

5.   पशुपालन (क्ंपतल), मुर्गीपालन (च्वनसजतल) और मछली पालन आदि।

6.   परिवहन संबंधित कार्य अर्थात् यातायात के लिए रिक्शा, टाँगा, टैम्पो, जीप, बस और ट्रक का उपयोग किया जाना।।

7.   कुछ शिक्षित लोगों द्वारा नर्सरी पाठशाला और प्राथमिक शिक्षा के लिए पाठशाला की स्थापना करना।

8.   गन्ने से गुड़ और चीनी का तैयार किया जाना।

प्रश्न 14. गाँवों में और अधिक गैर-कृषि कार्य प्रारंभ करने के लिए क्या किया जा सकता है?

उत्तरः गाँव में और अधिके गैर-कृषि कार्य प्रारंभ करने के लिए निम्न उपाय अपनाये जा सकते हैं :-

1.   गाँव में अच्छे पब्लिक स्कूल खोलकर गाँव वालों की शिक्षा के स्तर को ऊँचा किया जा सकता है।

2.   सरकार द्वारा गाँव में उद्योग-धन्धे स्थापित किए जा सकते हैं।

3.   परिवहन का विकास करके गाँव और शहरों के बीच संकल्प और उत्तम सड़क बनवाकर गाँव से कृषि का अतिरिक्त उत्पादन शहरों में भेजा जा सकता है।

4.   इसी प्रकार शहरों से गाँव के लिए आवश्यक वस्तुएँ मँगाई जा सकती हैं।

5.   संचार के विकास द्वारा गाँव को देश और विदेश से जोड़ा जा सकता है।

विषय वस्तु के प्रति समझ विकसित करने अध्याय के बीच में दिए गए क्रियाकलापों का हल -

1.   पालमपुर गांव में पैदा की जाने वाली फसलों का विवरण दीजिए।

उत्तर - पालमपुर गांव में पैदा की जाने वाली फसलों का विवरण इस प्रकार है

फसल का नाम

किस माह में बोई गई

किस माह में काटी गई

सिंचाई का साधन

गेंहू

अक्टुबर, दिसम्बर

अप्रैल, जून

नलकूप, नहर

चावल

जून, जुलाई

सितंबर, अक्टुबर

वर्षा, तालाब, नलकूप

ज्वार

जून, जुलाई

सितंबर

वर्षा, नलकूप, नहर

बाजरा

जून, जुलाई

सितंबर, अक्टुबर  

वर्षा, नलकूप, नहर

2.   बहुविध फसल प्रणाली और खेती की आधुनिक विधियों में क्या अंतर है?

उत्तर

बहुविध फसल प्रणाली

आधुनिक कृषि प्रणाली

1.एक साल में किसी भूमि पर एक से ज्यादा फसल उत्पन्न करने को बहुविध फसल प्रणाली कहते हैं।

आधुनिक वैज्ञानिक तरीके अपनाकर किसानो ने अपनी उपज बढ़ा ली है।

2. बहुविध फसल प्रणाली में खेत का अधिकतम समय तक फसलों को उपजाने में उपयोग होता है।

HYV अधिक उपज वाले बीज व रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग

3. किसान दोनों खरीफ व रबी ऋतुओं की फसल उगाने में सफल हुए हैं।

आधुनिक उपकरणों का प्रयोग, हरित क्रान्ति का जन्म तथा कई गुणा अधिक उपज की प्राप्ति।

4. बहुविध फसल प्रणाली आधुनिक कृषि तकनीक के कारण ज्यादा सफल है।

बिजली के कारण सिंचाई व्यवस्था ठीक हुई है जिससे किसानों को बहुत लाभ हुआ है। रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग ।

3.   1965 - 66 में दालों ओर गेंहूँ का उत्पादन समान रूप से 10 करोड़ टन था जबकि 2017 - 18 में दालों का उत्पादन 24 करोड़़ टन और गेंहूँ का उत्पादन 97 करोड़ टन था।    इस परिवर्तन से क्या स्पष्ट होता है?         

उत्तर - 1965-66 से 2017-18 के बीच , दाल के उत्पादन में बहुत कम वृद्धि हुई जबकि गेंहूँ के उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। यह परिवर्तन हरित क्रांति के कारण हुआ जिससे स्पष्ट होता है कि हरित क्रांति के कारण गेंहूँ के उत्पादन में ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई।

4.   आधुनिक कृषि विधियों को अपनाने वाले किसान के लिए आवश्यक कार्यशील पूंजी क्या है?

उत्तर - आधुनिक कृषि विधियों को अपनाने वाले किसान के लिए आवष्यक कार्यशील निम्नलिखित हैं - बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि कच्चा माल, और मजदूरों के भुगतान तथा जरूरी सामान खरीदने के लिए नकद रूपये।

5.   पहले की तुलना में कृषि की आधुनिक विधियों के लिए किसानों को अधिक नकद की जरूरत पड़ती है। क्यों?

उत्तर - कृषि की आधुनिक विधियों में अधिक उपज वाले उपचारित बीज, अधिक श्रम ( मानव अथवा मशीनी), रासायनिक खाद और कीटनाशकों की जरूरत होती है। और ये सभी कारक किसान को बाजार से ही उपलब्ध होते हैं। अतः वस्तुओं ओर सेवाओं के भुगतान हेतु किसानों को अधिक नकद की जरूरत पड़ती है।

6.   दिए गए चित्र में क्या तुम छोटे किसानों द्वारा खेती में प्रयुक्त भूमि को छायांकित कर सकते हो?


उत्तर - छोटे किसानों द्वारा खेती में प्रयुक्त भूमि का छायांकन


 
7.   किसानों के इतने अधिक परिवार भूमि के इतने छोटे प्लाटों पर खेती क्यों करते हैं?

उत्तर - पालमपुर के 75 प्रतिशत लोग अपनी आजीविका के लिए किसी न किसी तरह से कृषि पर ही निर्भर हैं और चूंकि पालमपुर में कृषि योग्य भूमि स्थिर है और खेती पर निर्भर छोटे किसान अपना रकबा नहीं बढ़ा सकते अतः वे भूमि के छोटे प्लाटों पर ही खेती करते हैं।

8.   आरेख में भारत में किसानों ओर उनके द्वारा खेती में प्रयुक्त भूमि का वितरण दिया गया है। इससे आप क्या समझ रहे हैं लिखिए।

उत्तर - दिया गया आरेख दर्शाता है कि 44.6 प्रतिशत भूमि पर छोटे और सीमांत किसान खेती करते हैं जबकि इनकी संख्या 85 प्रतिशत है और 15 प्रतिशत बड़े और मझोले किसान 55.4 प्रतिशत भूमि पर काबिज हैं। यह भारत में जमीन के असमान वितरण को दर्शाता है।

9.   क्या आप इस बात से सहमत हैं कि पालमपुर में कृषि भूमि का वितरण असमान है? क्या भारत में भी ऐसी ही स्थिति है? व्याख्या कीजिए।

उत्तर - हांजी, इस बात से मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि पालमपुर में कृषि योग्य भूमि का वितरण असमान है। क्योंकि पालमपुर गांव में कुल 450 परिवार निवास करते हैं जिनमें से 150 परिवार के पास कोई कृषि भूमि है ही नहीं जबकि 240 परिवारों के पास दो हेक्टेयर से कम कृषि भूमि है और मात्र 60 परिवार ऐसे हैं जिनके पास दो हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है उनमें से भी कुछ परिवारों के पास तो दस हेक्टेयर से अधिक जमीन है।

इससे यह स्पष्ट होता है कि संख्या में कम होने के बावजूद बड़े और मझोले किसानों के पास ज्यादा जमीन है जबकि एक तिहाई परिवार तो भूमिहीन हैं। ऊपर दिए गए आरेख का अध्ययन करने पर हमने पाया कि भारत में भी भूमि का वितरण पालमपुर गांव की तरह ही असमान है।

10. खेतों में किए जाने वाले चित्र को देख कर पहचानिए तथा चित्रों का उचित क्रम लिखिए।


उत्तर -
1. बैलों द्वारा खेत की जुताई 2. बीज बोना 3. कीटनाशक का छिड़काव 4. परंपरागत तरीके से फसल की जुताई 5. आधुनिक विधि से फसल की जुताई 6. फसल की कटाई

11. डाला और रामकली जैसे खेतिहर श्रमिक गरीब क्यों हैं?

उत्तर - डाला और राम जैसे खेतिहर श्रमिक गरीब हैं क्योंकि -

1.   दोनों भूमिहीन हैं।

2.   दोनों दैनिक मजदूरी पर काम करते हैं अर्थात जिस दिन कमाया उसी दिन खाया।

3.   सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी 300 रू प्रतिदिन निर्धारित की गई है किंतु उनको मात्र 160 रू. प्रतिदिन की दर से मजदूरी भुगतान होता है।

4.   ये लोग वर्ष के अधिकतर महीनों में बेरोजगार रहते हैं जिससे स्थानीय साहूकार आदि से कर्ज लेकर ब्याज चुकाते हैं और गरीब बने रहते हैं।

12. गोसाईपुर ओर मझौली उत्तर बिहार के दो गांव हैं। दोनों गांवों के कुल 850 परिवारों में 250 से अधिक पुरूष ऐसे हैं , जो पंजाब और हरियाण के ग्रामीण इलाकों या दिल्ली, मुंबई, सूरत, हैदराबाद या नागपुर में काम कर रहे हैं। इस प्रकार का प्रवास अधिसंख्य भारतीय गांवों में होता है। लोग प्रवास क्यों करते हैं? क्या इस बात की व्याख्या ( अपनी कल्पना के आधार पर ) कर सकते हैं कि गोसाईंपुर और मझौली के प्रवासी अपने गंतव्य पर किस तरह का काम करते होंगे?

उत्तर - जब अपने गांवों में आजीविका के साधन उपलब्ध नहीं होते तो ज्यादातर ग्रामीणों को नौकरी की तलाश या ज्यादा पैसा कमाने की चाहत में दिल्ली, मुंबई जैसे नगरों की ओर प्रवास करना पड़ता है। गांवों के भूमिहीन कृषक मजदूर पंजाब या हरियाण के ग्रामीण इलाकों में जाते हैं।

प्रवास के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं -

1.   निर्धनता के कारण

2.   बेरोजगारी के कारण

प्रवास के दौरान ये लोग निम्नलिखित तरह के काम करते होंगे - जैसे रिक्शा चलाना, कारखानों में काम करना, घरों या होटलों में नौकरी करना, या खेतों में मजदूरी करना जैसे फसल काटना आदि।

13. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -

हमने उत्पादन के तीन कारकों - भूमि, श्रम  और पूंजी तथा खेती में उनके प्रयोग के बारे में पढ़ा। आइए अब दिए गए रिक्त स्थानों को भरें -

उत्पादन के तीन कारकों में श्रम उत्पादन का सर्वाधिक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कारक है। ऐसे अनेक लोग हैं, जो गांवों में खेतिहर मजदूर के रूप में काम करने को तैयार हैं, जबकि काम के अवसर सीमित हैं। वे या तो भूमिहीन परिवारों से हैं या ...1... । उन्हें बहुत कम मजदूरी मिलती है और वे एक कठिन जीवन जीते हैं।

    श्रम के विपरीत, ...2... उत्पादन का एक दुर्लभ कारक है। कृषि भूमि का क्षेत्र ...3... है। इसके अतिरिक्त उपलब्ध भूमि भी ...4... रूप से खेती में लगे लोगों में वितरित है। ऐसे कई छोटे किसान हैं जो भूमि के छोटे टुकड़ों पर खेती करते हैं और जिनकी स्थिति भूमिहीन खेतिहर मजदूरों से बेहतर नहीं है। उपलब्ध भूमि का अधिकतम प्रयोग करने के लिए किसान ...5...और ...6... का उपयोग करते हैं। इन दोनों से फसलों के उत्पादन में वृद्धि हुई है।

    खेती की आधुनिक विधियों में ...7... की अत्यधिक आवश्यकता होती है। छोटे किसानों को सामान्यतः पूंजी की व्यवस्था करने के लिए पैसा उधार लेना पड़ता है और कर्ज चुकाने के लिए उन्हें कष्ट सहने पड़ते हैं। इसलिए, विषेष रूप से छोटे किसानों के लिए पूंजी भी उत्पादन का एक दूर्लभ कारक है।

    यद्यपि भूमि और पूंजी दोनों दुर्लभ हैं, उत्पादन के इन दोनों कारकों में एक मूल अंतर है। ...8... प्राकृतिक संसाधन है जबकि मुद्रा मानव निर्मित है। पूंजी को बढ़ाना संभव है जबकि भूमि स्थिर है। इसलिए, यह बहुत आवश्यक है कि हम भूमि और खेती में प्रयुक्त अन्य प्राकृतिक संसाधनों की अच्छी तरह देखभाल करें।

उत्तर - 1. छोटे किसान 2. भूमि 3. सीमित 4. असमान 5. आधुनिक कृषि प्रणाली 6. बहुविध फसल प्रणाली 7. नकद मुद्रा 8. जमीन

14. मिश्रीलाल को गुड़ बनाने की उत्पादन इकाई लगाने में कितनी पूंजी की जरूरत पड़ेगी?

उत्तर - मिश्रीलाल को गुड़ बनाने की उत्पादन इकाई लगाने में निम्नलिखत अनुसार पूंजी की जरूरत पड़ेगी -

1.   स्थाई पूंजी - गन्ना पेरने की मशीन

2.   कार्यशील पूंजी - गन्ना खरीदने तथा बिजली बिल भरने के लिए नकद मुद्रा

15. इस कार्य में श्रम कौन उपलब्ध कराता है?

उत्तर - इस कार्य के लिए श्रम की व्यवस्था मजदूरों के माध्यम से की जाती है तथा स्वयं और घर के सदस्य भी श्रम कर सकते हैं।

16. क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि मिश्रीलाल क्यों अपना लाभ नहीं बढ़ा पा रहा है?

उत्तर - मिश्रीलाल क्यों अपना लाभ नहीं बढ़ा पा रहा है इसके निम्नलिखित कारण हैं -

1.   गुड़ उत्पादन की छोटी इकाई होना।

2.   गन्ना पेरने का काम बैलों से करने के कारण धीमी गति से उत्पादन होना।

3.   बिजली रहने पर बिजली बिल का भुगतान व्यावसायिक दरों पर करना।

4.   कच्चे माल के रूप में गन्न की कम उपलब्ध्ता होना।

5.   गुड़ की मांग कम होना।

17. क्या आप ऐसे कारणों के बारे में सोच सकते हैं जिनसे उसे हानि भी हो सकती है?

उत्तर - मिश्रीलाल को गुड़ उत्पादन में निम्नलिखित कारणों से हानि हो सकती है -

1.   गन्ना पेरने की मशीन का खराब हो जाना।

2.   गन्ना फसल का उत्पादन न हो पाना।

3.   गुड़ की मांग में कमी हो जाना।

4.   मजूदरी आदि में बढ़ोत्तरी हो जाना।

5.   मिश्रीलाल के बीमार हो जाने पर।

6.   उत्पादित गुड़ की चोरी हो जाने पर।

18. मिश्रीलाल अपना गुड़ गांव में न बेचकर शाहपुर के व्यापारियों को बेचता है। क्यों?

उत्तर - क्योंकि गांव में गुड़ की मांग कम है और शाहपुर एक नजदीकी कस्बा है जिससे अनेक गांव और कस्बे जुड़े हैं जहां गुड़ की खपत हो जाती है।

19. करीम और मिश्रीलाल की पूंजी और श्रम में क्या अंतर है?

उत्तर - मिश्रीलाल और करीम की पूंजी और श्रम निम्नलिखित भिन्नता है -

1.   करीम की स्थाई पूंजी जो कि मशीन के रूप में हैं संख्या में ज्यादा है।

2.   करीम का कम्प्यूटर मिश्रीलाल की गन्ना पेरने की मशीन से मंहगी है।

3.   करीम शिक्षित है जबकि मिश्रीलाल अशिक्षित।

20. इससे पहले किसी और ने कम्प्यूटर केंद्र क्यों नहीं शुरू किया? संभावित कारणों की चर्चा कीजिए।

उत्तर - इससे पहले किसी और ने कम्प्यूटर केंद्र नहीं शुरू किया क्योंकि -

1.   पहले कम्प्यूटर कोर्स की मांग नहीं थी।

2.   कम्प्यूटर में प्रशिक्षित व्यक्ति नहीं थे।

3.   कम्प्यूटर से होने वाली तथा रोजगार की जानकारी का अभाव था।

4.   इसके पहले गांव के बच्चे कॉलेज में कम्प्यूटर कोर्स नहीं करते थे।

21. किशोर की स्थाई पूंजी क्या है?

उत्तर - किशोर की स्थाई पूंजी भैंस और भैंसागाड़ी है।

22. क्या आप सोच सकते हैं कि किशोर की कार्यशील पूंजी कितनी होगी?

उत्तर - किशोर दूध बेचकर तथा परिवहन से जो नकद राशि प्राप्त करता है वही उसकी कार्यशील पूंजी होगी जिसमें से खर्चे काटकर वह बचत कर सकता है।

23. किशोर कितनी उत्पादक क्रियाओं में लगा हुआ है?

उत्तर - किशोर दुग्ध उत्पादन, मटका निर्माण, गुड़ उत्पादन आदि उत्पादन क्रियाओं में लगा हुआ है।

24. क्या आप कह सकते हैं कि किशोर को पालमपुर की अच्छी सड़कों से लाभ हुआ है?

उत्तर - हाँ ।           

===000===

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर -

1.   पालमपुर गाँव में मुख्य उत्पादन क्रिया है -

(अ) कृषि      (ब) डेयरी      (स) परिवहन       (द) विनिर्माण

2.   पालमपुर गांव से तीन किलोमीटर दूर स्थित बड़ा गांव है -

(अ) शाहगंज        (ब) रायगंज        (स) शाहपुर        (द) रायपुर

3.   पालमपुर गांव में कुल कितने परिवार रहते हैं?

(अ) 88       (ब) 150      (स) 240      (द) 450

4.   पालमपुर सरीखे गांव पर शोध करने वाले विद्वान हैं -

(अ) स्वामीनाथन (ब) बलदेव सिंह (स) गिल्बर्ट एटीन   (द) सोमषास्त्री

5.   पालमपुर गांव उत्तरप्रदेश के किस जिले में स्थित गांव की तरह लगता है ?

(अ) बागपत        (ब) बिजनौर        (स) बुलंदशहर    (द) रायबरेली

6.   उत्पादन की पहली आवश्यकता क्या है?

(अ) भूमि      (ब) श्रम       (स) भवन     (द) औजार

7.   स्थाई पूँजी और कार्यशील पूँजी किसके अंतर्गत आते हैं?

(अ) भौतिक पूँजी    (ब) मानव पूँजी (स) जमा पूँजी  (द) इनमें से कोई नहीं

8.   भूमि मापने की मानक इकाई है -

(अ) मीटर     (ब) फुट       (स) हेक्टेयर        (द) हाथ

9.   भूमि मापी जाती है -

(अ) एकड़ में       (ब) बीघा में        (स) गुंठा में        (द) उपरोक्त सभी

10. भूमि कौन सा संसाधन है?

(अ) मानवीय       (ब) प्राकृतिक       (स) औद्योगिक    (द) इनमें से कोई नहीं

11. जल, वन तथा खनिज उत्पादन के किस स्तर के संसाधन है?

(अ) प्राथमिक       (ब) द्वितीयक      (स) तृतीयक       (द) उपरोक्त सभी

12. पालमपुर गांव में कितने लोग कृषि पर निर्भर हैं?

(अ) 25%     (ब) 50%     (स) 75%     (द) 100%

13. एक हेक्टेयर के बराबर होता है -

(अ) 10000 वर्ग मीटर    (ब) 5000 वर्गमीटर (स) 15000 वर्गमीटर  (द) 20000 वर्गमीटर

14. ज्वार और बाजरा किस प्रकार की फसल है?

(अ) रबी       (ब) खरीफ     (स) जायद     (द) अन्य

15. अक्टुबर और दिसंबर के बीच किस फसल की खेती होती है?

(अ) आलू      (ब) बाजरा     (स) ज्वार     (द) मक्का

16. गेंहूँ की फसल है -

(अ) रबी       (ब) खरीफ     (स) जायद     (द) अन्य

17. बिजली नहीं रहने पर खेत सिंचाई का परम्परागत तरीका -

(अ) रस्सी-बाल्टी (ब) रहट      (स) नहर      (द) हैंडपंप

18. 1970 के दशक के मध्य तक कितनी जमीन पर सिंचाई होने लगी थी?

(अ) 200 हेक्टेयर    (ब) 300 हेक्टेयर    (स) 400 हेक्टेयर    (द) 500 हेक्टेयर

19. खरीफ की फसल किस मौसम में होती है?

(अ) गर्मी      (ब) वर्षा       (स) शीत      (द) बसंत

20. पालमपुर गांव में सिंचाई का मुख्य स्रोत क्या है?

(अ) रहट      (ब) नलकूप        (स) तालाब    (द) नहर

21. उत्पादन का मुख्य कारक नहीं है-

(अ) भूमि      (ब) श्रम       (स) भौतिक पूंजी    (द) बाजार

22. पालमपुर गांव में कुल कितने स्कूल हैं?

(अ) 1            (ब) 2             (स) 3            (द) 4

23. पालमपुर गांव में कितने परिवार भूमिहीन है?

(अ) 88       (ब) 150      (स) 240      (द) 450

24. पालमपुर गांव में किसके पास हारवेस्टर है?

(अ) करीम     (ब) मिश्रीलाल  (स) घनष्याम   (द) रामकली

25. मार्च 2017 के अनुसार न्यूनतम मजदूरी प्रति दिवस दर कितनी थी?

(अ) 300 रू        (ब) 400 रू        (स) 500 रू        (द) 200 रू

26. उत्तरी बिहार के ग्रामीण किन राज्यों में प्रवास हेतु जाते है?

(अ) पंजाब     (ब) हरियाणा       (स) महाराष्ट्र       (द) उपरोक्त सभी

27. उत्पादन के प्रमुख कारकों में सर्वाधिक मात्रा में उपलब्ध कारक है -

(अ) भूमि      (ब) श्रम       (स) पूंजी      (द) उपरोक्त सभी

28. पालमपुर में कितने लोग गैर कृषि क्रियाओं में संलग्न हैं?

(अ) 25%     (ब) 50%     (स) 75%     (द) 100%

29. पालमपुर गांव में लघुस्तरीय विनिर्माण में कितने लोग संलग्न हैं ?

(अ) 25 से कम (ब) 50 से कम (स) 75 से कम (द) 100 से कम

30. पालमपुर गांव में गुड़ निर्माण कौन करता है ?

(अ) तेजपाल        (ब) मिश्रीलाल  (स) करीम     (द) किशोर

31. पालमपुर गांव में कम्प्यूटर केंद्र कौन संचालित करता है ?

(अ) तेजपाल        (ब) मिश्रीलाल  (स) करीम     (द) किशोर

32. पालमपुर गांव में परिवहन तथा डेयरी का काम कौन करता है ?

(अ) तेजपाल        (ब) मिश्रीलाल  (स) करीम     (द) किशोर

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -

1.   पालमपुर गांव में ......................... परिवार निवास करते हैं। (450/240)

2.   लघु विनिर्माण, परिवहन और दुकानदारी ...................... हैं। ( कृषि क्रियाएं/गैर कृषि क्रियाएं)

3.   भूमि ........... है। ( स्थिर/अस्थिर)

4.   देश में रासायनिक खाद का सबसे अधिक प्रयोग ............. राज्य में होता है। ( पंजाब/तमिलनाडु )

5.   डाला और रामकली .................... हैं। (खेतिहर मजदूर/बड़े किसान)

6.   खेत सिंचाई की पुरातन व्यवस्था .................... है। ( रहट/नहर )

सही जोड़ी बनाइए -

   स्तम्भ ‘क’               स्तम्भ ‘ख’

(i) तेजपाल सिंह                         (अ) छोटा किसान

(ii) रामकली                                  (ब) सीमांत कृषक

(iii) करीम                                      (स) गुड़ उत्पादक

(iv) मिश्रीलाल                             (द) कम्प्यूटर ऑपरेटर

(v) सविता                                     (इ) बड़ा किसान

(vi) गोविंद                                     (फ) खेतिहर मजदूर

एक वाक्य/शब्द में उत्तर दीजिए -

1.   पालमपुर गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या है?

2.   उत्पादन का प्रयोजन / उद्देश्य क्या है?

3.   उत्पादन की प्रथम आवश्यकता क्या है?

4.   पालमपुर गांव में बरसात के मौसम में लोग क्या उगाते हैं?

5.   आधुनिक कृषि विधि में कौन से बीजो का इस्तेमाल किया जाता है?

6.   एक साल में किसी भूमि पर एक से ज्यादा फसल उगाने को क्या कहते हैं?

7.   कृषि के आधुनिक तरीकों का सबसे पहले प्रयोग भारत में किन दो राज्यों में किया गया था?

8.   छोटे किसान खेती के लिए आवश्यक पूँजी कहाँ से लेते हैं?

9.   पालमपुर में गैर कृषि क्रियाएँ कौन सी हैं?

10. मिश्री लाल की आय का क्या साधन हैं?

11. करीम का क्या पेशा है?

12. छोटे किसान से क्या तात्पर्य है?

13. पालमपुर में लगभग कितने प्रतिशत लोग गैर कृषि व्यवसायों में लगे हुए हैं?

14. भूमि मापने की मानक इकाई क्या है?

15. अधिशेष कृषि उत्पादों का किसान क्या करते हैं?

सत्य/असत्य लिखिए -

1.   घनश्याम सिंह एक बड़ा किसान है।

2.   गुंठा भूमि पैमाइश की एक क्षेत्रीय इकाई है।

3.   पालमपूर में समस्त कृषि योग्य भूमि पर खेती नहीं की जाती है।

4.   हरित क्रांति 1970 के दशक में आई।

5.   भारत में 24 प्रतिशत कामगार गैर कृषि कार्यों में लगे है।

6.   सविता ,तेजपाल से 42 प्रतिशत की ब्याज दर से कर्ज लेती है।

7.   आलू खरीफ की फसल है।

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उत्तर माला

बहुविकल्पीय प्रश्न

 

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8

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32

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1. 450,  2. गैर कृषि क्रियाएं, 3. स्थिर , 4. पंजाब , 5. खेतिहर मजदूर।

सही जोड़ी

(i) - (इ) , (ii) - (फ) , (iii) - (द) , (iv) - (स) , (v) - (अ) , (vi) - (ब)

एक वाक्य/ब्द में उत्तर

1.   कृषि

2.   ऐसी वस्तुएँ और सेवाएँ उत्पादित करना है जिनकी हमें आवश्यकता है।

3.   भूमि।

4.   ज्वार और बाजरा।

5.   HYV

6.   बहुविध फसल प्रणाली

7.   पंजाब और हरियाणा

8.   बड़ेकिसानों से या गाँव के साहूकारों से आवश्यक पूंजी लेते हैं।

9.   डेयरीलघुस्तरीय विनिर्माणदुकानदारीपरिवहनतागें वाले तथा जीप वाले।

10. गन्ना पेरकर गुड़ बनाना।

11. करीम ने अपने गाँव में एक कम्प्यूटर केन्द्र खोल रखा है।

12. जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है।

13. लगभग 25 प्रतिशत

14. एक हेक्टेयरजो 400 मी. वाली भुजा वाले वर्ग के क्षेत्रफल के बराबर है।

15. अधिशेष कृषि उत्पादों को रायगंज के बाजार में बेचा जाता है।

सत्य/असत्य

1. सत्य, 2. सत्य, 3. असत्य, 4. असत्य, 5. सत्य, 6. असत्य , 7. असत्य

---000---

लघु उत्तरीय प्रश्न ( 02 अंक)

प्रश्न 1. पालमपुर में किन-किन चीजों की दुकानें थी?

उत्तरः पालमपुर में छोटे-छोटे जनरल स्टोरों में चावल, गेहूँ, चाय, तेल, बिस्कुट, साबुन, टूथपेस्ट, बैट्री, मोमबत्तियाँ, कॉपियाँ, पेन, पेंसिल आदि बेचते थे। यहाँ के दुकानदार शहरों के थोक बाजारों से वस्तुएँ खरीदकर लाते थे और उसे गाँव में बेचते थे।

प्रश्न 2. पालमपुर गाँव के लोग बाजार करने कहाँ जाते थे?

उत्तरः पालमपुर गाँव के लोग वस्तुओं को खरीदने के लिए तथा अपना अनाज बेचने के लिए शाहपुर कस्बे तथा रायगंज की ओर जाते थे।

प्रश्न 3. पालमपुर की मुख्य क्रिया क्या थी?

उत्तरः पालमपुर के लोग प्रमुखतः कृषि कार्य करते थे।

प्रश्न 4.पालमपुर में कम्प्यूटर कक्षा का परिचालक कौन है?

उत्तरः पालमपुर में करीम कम्प्यूटर कक्षा का परिचालन करता था।

प्रश्न 5. पालमपुर के निकटतम बड़े गाँव एवं छोटे कस्बे का नाम बताइए।

उत्तरः पालमपुर से 3 किमी. दूरी पर स्थित रायगंज एक बड़ा गाँव है जबकि शाहपुर इसका निकटतम कस्बा है।

प्रश्न 6. पालमपुर में उपलब्ध परिवहन के साधन कौन-कौन से हैं?

उत्तरः पालमपुर में उपलब्ध प्रमुख परिवहन के साधन हैं-बैलगाड़ी, ताँगा, बुग्गी, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक और मोटर साइकल।

प्रश्न 7. पालमपुर में कितने स्कूल एवं स्वास्थ्य केन्द्र हैं?

उत्तरः पालमपुर में दो प्राथमिक एवं एक हाई स्कूल है जबकि यहाँ एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा एक निजी दवाखाना भी है।

प्रश्न 8. पालमपुर गाँव में जनसंख्या की संरचना क्या है?

उत्तरः इस गाँव में 450 परिवार हैं, जो विभिन्न वर्गों एवं जातियों से सम्बन्धित हैं। 80 परिवार उच्च जातियों से सम्बन्धित हैं। अनुसूचित जनजाति एवं दलित का कुल जनसंख्या में हिस्सा 1/3 ( 150 परिवार ) है। जबकि शेष हिस्सा अन्य जातियों का है।

प्रश्न 9. भारत के किस राज्य में उर्वरक का सर्वाधिक उपयोग होता है?

उत्तरः भारत के पंजाब राज्य में कृषि के अंतर्गत् उर्वरक का सर्वाधिक प्रयोग होता है।

प्रश्न 10. वह क्या उद्देश्य है? जिनके लिए किसानों को रुपयों की आवश्यकता पड़ती है?

उत्तरः कुछ किसानों को रुपयों की आवश्यकता अपनी आधारभूत आवश्यकताओं जैसे रोटी, कपड़ा और मकान के लिए होती है। अन्य आवश्यकता कृषि आगतों जैसे बीज, पानी, पशुओं और कृषि उपकरणों जैसे-ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेशर आदि के लिए होती है। बहुत कम उद्यमी किसानों को रुपये की आवश्यकता निवेश जैसे-व्यवसाय का प्रारंभ, परिवहन का क्रय, उपकरण-जीप, टैम्पो, ट्रक और नलकूपों की स्थापना आदि के लिए होती है।

प्रश्न 11. क्या आप सहमत हैं कि पालमपुर गाँव में कृषि भूमि का वितरण असमान है?

उत्तरः हाँ. हम सहमत हैं कि पालमपुर गाँव में भूमि का वितरण असमान है, क्योंकि अधिक संख्या में छोटे किसानों के पास 2 एकड़ से भी कम भृमे है। बड़े एवं मझोले किसानों के पास 2 एकड़ से अधिक भूमि है। कुछ किसान ( लगभग 150 परिवार ) तो अब भी भूमिहीन हैं।

प्रश्न 12. किसानों को श्रम कौन प्रदान करता है?

उत्तरः गाँव के भूमिहीन लोग और अपर्याप्त भूमि वाले किसान बड़े और मध्यम किसानों से श्रम प्रदान करते हैं। छोटे किसानों की उनके परिवार द्वारा सहायता मिलती है।

प्रश्न 13. कार्यशील पूँजी किसे कहते हैं?

उत्तरः उत्पादन के दौरान भुगतान करने तथा जरूरी माल खरीदने के लिए कुछ पैसों की भी आवश्यकता होती है। कच्चा माल तथा नकद पैसों को कार्यशील पूँजी कहते हैं।

प्रश्न 14. स्थायी पूंजी किसे कहते हैं?

उत्तरः औजारों तथा मशीनों में अत्यंत साधारण औजार जैसे किसान का हल से लेकर परिष्कृत मशीनें जैसे-जेनरेटर, टग्बाइन, कंप्यूटर आदि आते हैं। आजारों, मशीनों और भवनों का उत्पादन में कई वर्षों तक प्रयोग होता है और इन्हें स्थायी पूँजो कहा जात है।

प्रश्न 15. हरित क्रांति से क्या तात्पर्य है?

उत्तरः 1960 के दशक के उपरान्त कुछ क्षेत्रों के किसानों ने आधुनिक ढंग से कृषि करना शुरू कर दिया जिससे फसलों के उत्पादन में कई गुना वृद्धि हो गई। जिसे हरित क्रांति का दर्जा दिया गया।

प्रश्न 16. कृषि मजदूर किसे कहते हैं?

उत्तरः गाँव के वे लोग जो या तो भूमिहीन परिवारों से संबंध रखते हैं या छोटे भूखंडों पर खेती करने वाले परिवारों से संबंध रखते हैं। उन्हें नकदी या किसी अन्य रूप में केवल मजदूरी ही मिलती है।

प्रश्न 17. भारत में आधुनिक तरीकों से कृषि तकनीक अपनाने वाले प्रमुख राज्य कौन से हैं?

उत्तर - पंजाब, हरियाणा और पष्चिमी उत्तरप्रदेष

उत्तरः गाँव के वे लोग जो या तो भूमिहीन परिवारों से संबंध रखते हैं या छोटे भूखंडों पर खेती करने वाले परिवारों से संबंध रखते हैं। उन्हें नकदी या किसी अन्य रूप में केवल मजदूरी ही मिलती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न ( 03 अंक )

प्रश्न 1.   पालमपुर में कौन-कौन सी फसलें उगायी जाती हैं?

उत्तर - पालमपुर गांव में निम्नलिखित फसलें उगाई जाती हैं :-

i)   खरीफ : ज्वार बाजरा, पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग करने के लिए।

ii)   अक्टूबर और दिसंबर के बीच - आलू की खेती।

iiiरबी (सर्दी में) - गेहूँ

iv)   भूमि के एक भाग में गन्ने की खेती होती है।

प्रश्न 2.   पालमपुर गाँव की किन्हीं तीन गैर-कृषि क्रियाओं का वर्णन कीजिए?

उत्तर - पालमपुर गांव की प्रमुख तीन गैर कृषि क्रियाएं -

i)   लघु स्तरीय विनिर्माण

ii)   डेयरी

iii)  परिवहन

iv)  दुकानदारी

प्रश्न 3.   1960 के दशक के अन्त में आई हरित क्रान्ति ने भारतीय कृषि पर क्या प्रभाव डाला? (कोई तीन बिंदू)

उत्तर - हरित क्रांति का भारतीय कृषि पर निम्लिखित प्रभाव पड़े -

i)   हरित क्रान्ति ने भारतीय कृषकों को ज्यादा उपज वाले बीज के द्वारा चावल और गेहूँ की कृषि करने के तरीके सिखाये।

ii)   परम्परागत बीजों की तुलना में एच वाई वी बीज अधिक उपज वाले बीज सिद्ध हुए।

iii)   किसानों ने कृषि में ट्रेक्टर और फसल काटने की मशीनों का उपयोग करना

प्रारम्भ कर दिया।

प्रश्न 4.   परम्परागत खेती व आधुनिक कृषि में अन्तर स्पष्ट कीजिए (कोई तीन)।

उत्तर - परम्परागत कृषि और आधुनिक कृषि में अंतर -

परम्परागत कृषि

आधुनिक कृषि

 

1.   कृषि में पारम्परिक बीजो का प्रयोग

कृषि में अधिक उपज देने वाले बीज का प्रयोग

2.   कम सिचाई की आवश्यकता   

अधिक सिंचाई की आवश्यकता

3.   उर्वरको के रूप में गाय के गोबर अथवा दूसरी प्राकृतिक खाद का प्रयोग

रासायनिक खाद और कीटनाशकों का प्रयोग।

प्रश्न 5.   श्रमिक या छोटे किसान पूंजी की व्यवस्था कैसे करते हैं?

उत्तर – श्रमिक या छोटे किसान निम्नलिखित तरीकों से पूँजी की व्यवस्था करते हैं –

i)   बड़े किसानों या साहुकारों से ऋण लेकर ।

ii)   व्यापारियों से कर्ज लेकर।

iii)  खेतिहर श्रमिकों के तौर पर काम करके ।

प्रश्न 6.   पालमपुर में लघुस्तरीय विनिर्माण उद्योग की विशेषताएँ लिखिए (कोई तीन)

उत्तर -  पालमपुर गाँव में विनिर्माण उद्योग की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –

i)   सरल उत्पादन विधियों का इस्तेमाल ।

ii)   पारिवारिक श्रम द्वारा घरों पर काम करना ।

iii)  श्रमिकों को भी कई बार किराए पर रखा जाता है।

प्रश्न 7.   आपके क्षेत्र में कौन-कौन सी गैर कृषि क्रियाएँ होती है? (किन्हीं तीन)

उत्तर हमारे क्षेत्र में होने वाली गैर कृषि क्रियाएं निम्नलिखित हैं –

i)   दुकानदारी

ii)   परिवहन संबंधित कार्य जैसे ई-रिक्शा, ट्रक का उपयोग आदि।

iii)   सिलाई, कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र तथा निजी पाठशालाएँ ।

iv)  कम्प्यूटर का प्रशिक्षण देना। (या कोई अन्य)

प्रश्न 8.   स्थायी पूंजी से क्या अभिप्राय है?

उत्तर - स्थायी पूंजी से अभिप्राय औज़ारों और मशीनों में अत्यन्त साधारण उपकरणों से है, जिनका प्रयोग उत्पादन में कई वर्षो तक किया जा सकता है। जैसे किसान का हल से लेकर परिष्कृत मशीनों के अन्तर्गत, जेनरेटर, कम्प्यूटर आदि ।

प्रश्न 9.   पालमपुर गांव में भूमिहीन किसानों को किस प्रकार का संघर्ष करना पड़ रहा हैं?

उत्तर - पालमपुर गांव में भूमिहीन किसानों को निम्नप्रकार से संघर्ष करना पड़ रहा था -

i)   भूमिहीन किसानों दैनिक मजदूरी पर काम करने के लिये मजबूर हैं।

ii)   उन्हें अपने लिए प्रतिदिन काम ढूंढते रहना पड़ रहा है।

iii)   सरकार द्वारा मज़दूर की दैनिक दिहाड़ी न्यूनतम रूप में 160 रू0 निर्धारित की गई है परन्तु केवल मात्र 35-40 रूपये ही मिलते है।

iv)  खेतिहर श्रमिकों में अधिक स्पर्धा के कारण ये लोग कम वेतन में भी कार्य करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

प्रश्न 10. वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक चीजों का वर्णन कीजिए?

उत्तर - वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक चीजें निम्नलिखित हैं -

iभूमि - पहली आवश्यकता है भूमि तथा अन्य प्राकृतिक संसाधन जैसे जल, वन खनिज की भी आवश्यकता है।

ii)  श्रम : अर्थात जो लोग काम करेगें । कुछ उत्पादन क्रियाओं में शिक्षित कर्मियों की भी आवश्यकता है।

iii) भौतिक पूंजी : उत्पादन के समय प्रत्येक स्तर पर काम आने वाली आगतें जैसे इमारतें, मशीनें औजार आदि । इसमें स्थायी और कार्यशील पूंजी दोनों शामिल हैं।

1. मानव पूंजी : उत्पादन करने के लिये - भूमि श्रम और भौतिक पूंजी को एक साथ करने योग्य बनाने के लिये ज्ञान और उद्यम की आवश्यकता है जिसे मानव पूंजी कहा जाता है।

2. बाजार : उत्पादित वस्तुओं के अन्तिम उपभोग हेतु प्रतिस्पर्धा के लिये बाजार भी एक आवश्यकत तत्व है।

प्रश्न 11. “कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए सिंचित क्षेत्र को बढ़ाना आवश्यक है” कोई तीन कारण लिखिए।

उत्तर - सिंचित क्षेत्र के अंतर्गत क्षेत्र को बढ़ाना आवश्यक है क्यांकि :-

i)   कृषि की व्यवस्था सिंचित क्षेत्र पर निर्भर करती है।

ii)   सिंचित क्षेत्र का अर्थ है अधिक उत्पादकता, अधिक आय।

iii)  भारत के कुछ क्षेत्रों में (जैसे- पंजाब, राजस्थान, दक्कनी भाग तथा मध्य भारत) वर्षा अनियमित व अनिश्चित है। ऐसे क्षेत्रों में कृत्रिम सिंचाई की अधिक आवश्यकता है।

iv)  कुछ फसलें ऐसी हैं जिसके लिये नियमित रूप से जलापूर्ति आवश्यक है जैसे- चावल, गेहूँ, गन्ना आदि।

v)   जिन क्षेत्रों में आधुनिक बीजों का प्रयोग किया जाता हे वहां की जल की अधिक आवश्यकता पाई जाती है । (या कोई अन्य)

प्रश्न 12. भारत में सिचाई व्यवस्था की व्याख्या कीजिए।

उत्तर - भारत में सिंचाई व्यवस्था की व्याख्या :-

i) भारत के सभी गाँव में उच्च स्तर की सिचाई व्यवस्था नहीं है । आज भी कुल कृषि क्षेत्र के 40 प्रतिशत से भी कम क्षेत्र में ही सिंचाई होती है।

ii) परम्परागत विधि में किसान कुओं और रहट द्वारा पानी निकालकर छोटे-छोटे खेतों    की सिंचाई करते थे।

iii) बिजली आ जाने से सिंचाई की सुविधा बढ़ गई और सिंचाई पद्धति बढ़ गई ।

iv)  बिजली से चलने वाले नल कापों से ज्यादा प्रभावकारी ढंग से अधिक क्षेत्र की

सिंचाई की जाती है।

v)   नदीय मैदानों के अतिरिक्त हमारे देश में तटीय क्षेत्रों में अच्छी सिंचाई होती है।

प्रश्न 13. पालमपुर में भूमि कृषको में किसी प्रकार वितरित है?

उत्तर - पालमपुर में भूमि का वितरण इस प्रकार है :-

i) पालमपुर में 450 परिवारों में से लगभग एक तिहाई अर्थात 450 परिवारों के पास खेती   के लिये भूमि नहीं है जो अधिकाशतः दलित है।

ii) 240 परिवारों जिनके पास भूमि नहीं है 2 हेक्टेयर से भी कम क्षेत्रफल वाले टुकड़ों पर खेती करते हैं।

iii) भूमि के ऐसे टुकड़ों पर खेती करने से किसानों के परिवार को पर्याप्त आमदनी नहीं होती।

iv)  पालमपुर में मम्नोले किसान और बड़े किसानों के 60 परिवार हैं जो 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करते है।

v)   कुछ बड़े किसानों के पास 40 हेक्टेयर या इससे अधिक भूमि है।

प्रश्न 14. पालमपुर के दुकानदार किस प्रकार व्यापार करते हैं?

उत्तर - पालमपुर के दुकानदार :-

i)   दुकान पर प्रतिदिन की वस्तुओं को थोक रेट पर खरीदते है और गाँव में बेचते है।

ii)   पालमपुर में ज्यादा लोग व्यापार (वस्तु विनियम) नहीं करते ।

iii)  गाँव में छोटे जनरल स्टोरो में चावल, गेहूँ, चाय, तेल, बिस्कुट, साबुन, टूथ पेस्टबेट्री, मोमबत्ती, कापियां पैन पेन्सिल तथा कुछ कपड़े भी बेचते हैं।

iv)  कुछ परिवारों ने जिनके घर बस स्टैंड के निकट होते है अपने घर के एक भाग में ही छोटी दुकान खोल ली है।

v)   वस्तुओं के साथ-साथ खाने की चीजे भी बेचते हैं।

प्रश्न 15. “हरित क्रान्ति” के कारण मिट्टी की उर्वरक क्षमता कम हुई है”, क्या आप इससे सहमत हैं। अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर - हरित क्रान्ति के कारण मिट्टी की उर्वरता में कमी हुई है इसे निम्न प्रकार से समझा जा सकता हैः-

i)   रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के कारण मृदा की उर्वरता नष्ट होने लगी।

ii) भू-जल के अति प्रयोग से भौमजल स्तर गिरने लगा।

iii)  रासायनिक उवर्रक आसानी से पानी में घुलकर मिट्टी से नीचे चले जाते हैं और जल को दूषित करते हैं।

iv)  ये बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीवाणु नष्ट कर देते हैं जो मिट्टी के लिए उपयोगी हैं।

v)   उर्वरकों के अति प्रयोग से भूमि खेती के योग्य नहीं रहती ।

प्रश्न 16. ऐसे कौन-कौन से गैर-कृषि कार्य हैं जो पालमपुर जैसे गाँवों के प्रारम्भ किये जा सकते हैं।

उत्तर - पालमपुर जैसे गाँव में निम्नानुसार गैर कृषि कार्य प्रारम्भ किए जा सकते हैं :-

i)   लकड़ी से फर्नीचर बनाना

ii)   घरेलु बर्तनो का निर्माण

iii)  सिलाई, कढ़ाई, बुनाई से तैयार कपड़े

iv)  टोकरियाँ बुनना

v)   ईटें बनाना

वी)  सिलाई कढ़ाई केन्द्र खोलना।

प्रश्न 17. पालमपुर के किसानों में भूमि किस प्रकार वितरित है?

उत्तरः कृषि कार्य में लगे हुए सभी लोगों के पास खेती के लिए पर्याप्त भूमि नहीं है। पालमपुर में लगभग 150 परिवार हैं जो भूमिहीन हैं और दलित वर्ग से संबंधित हैं। 240 परिवार 2 हेक्टेयर से कम भूमि पर खेती करते हैं। यहाँ 60 परिवार हैं। जिनके पास कृषि के लिए 2 एकड़ से अधिक भूमि है। बहुत कम किसानों के पास 10 हेक्टेयर भूमि है। यह प्रदर्शित करता है कि पालमपुर में भूमि का वितरण असमान है। इस प्रकार की स्थिति संपूर्ण भारत में पाई जाती है।

प्रश्न 18. खेतिहर श्रमिक गरीब क्यों हैं?

उत्तरः खेतिहर श्रमिक गरीब हैं क्योंकि

1.   ये श्रमिक भूमिहीन हैं या इनके पास भूमि का बहुत छोटा भाग है।

2.   वर्ष के दौरान उनके पास कोई कार्य नहीं है।

3.   इन मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी प्राप्त नहीं होती है।

4.   इनके परिवार बड़े होते हैं।

5.   ये अशिक्षित, अस्वस्थ एवं अकुशल होते हैं।

6.   ये गरीब होते हैं, गरीबी ही गरीबी को जन्म देती है।

प्रश्न 19. पालमपुर में उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों का उल्लेख कीजिए।

उत्तरः पालमपुर में सारी भूमि जुताई के अंतर्गत है। भूमि का कोई भी टुकड़ा बंजर नहीं छोड़ा गया है। पालमपुर के किसान सुविकसित सिंचाई प्रणाली एवं बिजली की सुविधा के कारण वर्ष में तीन अलग-अलग फसलें उगा पाने में सफल हो पाते हैं। बरसात के मौसम (खरीफ) के दौरान किसान ज्वार एवं बाजरा उगाते हैं। इन फसलों को पशुओं के चारे में प्रयोग किया जाता है। इसके बाद अक्टूबर से दिसंबर के बीच आलू की खेती की जाती है।

सर्दी के मौसम (रबी) में खेतों में गेहूं बोया जाता है। पैदा किया गया गेहूँ किसान के परिवार के लिए प्रयोग किया जाता है और जो बच जाता है उसे रायगंज के बाजार में बेच दिया जाता है।

गन्ने की फसल की कटाई वर्ष में एक बार की जाती है। गन्ने को इसके मूल रूप या फिर गुड़ बना कर इसे शाहपुर के व्यापारियों को बेच दिया जाता है।

प्रश्न 20. पालमपुर में कृषि-कार्य हेतु श्रमिक कौन उपलब्ध कराता है?

उत्तरः कृषि में बहुत अधिक मेहनत की आवश्यकता होती है। छोटे किसान अपने परिवार सहित अपने खेतों में काम करते हैं। किन्तु मध्यम या बड़े किसानों को अपने खेतों में काम करने के लिए श्रमिकों को मजदूरी देनी पड़ती है। इन श्रमिकों को कृषि मजदूर कहा जाता है। ये कृषि मजदूर या तो भूमिहीन परिवारों से होते हैं या छोटे खेतों पर काम करने वाले परिवारों में से।

किसानों के विपरीत इन लोगों को खेत में उगाई गई फसल पर कोई अधिकार नहीं होता। इन्हें किसान द्वारा काम के बदले में पैसे या किसी अन्य प्रकार से मजदूरी मिलती है जैसे कि फसल। एक कृषि मजदूर दैनिक आधार पर कार्यरत हो सकता है या खेत में किसी विशेष काम के लिए जैसे कि कटाई, या फिर पूरे वर्ष के लिए भी।

प्रश्न 21. कृषि में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से क्या हानि होती है?

उत्तरः रासायनिक खाद के अधिक प्रयोग के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति घट जाती है। रासायनिक खाद के कारण भूमिगत जल, नदियों व झीलों का पानी प्रदूषित हो जाता है। रासायनिक खाद के निरंतर प्रयोग ने मिट्टी की गुणवत्ता को कम कर दिया है। भू-उर्वरता एवं भूमिगत जल जैसे पर्यावरणीय संसाधन बनने में वर्षों लग जाते हैं। एक बार नष्ट होने के बाद इनकी पुनर्स्थापना कर पाना बहुत कठिन होता है। कृषि के भावी विकास को सुनिश्चित करने के लिए हमें पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए।

प्रश्न 22. पालमपुर गाँव की आर्थिक क्रियाओं के नाम बताइए।

उत्तरः पालमपुर गाँव में निम्नलिखित आर्थिक क्रियाएँ संपादित की जाती हैं

1.   गन्ने काटने की मशीन लगाना।

2.   दुकानदार का कार्य करना।

3.   परिवहन संचालक का कार्य करना।

4.   लघु स्तरीय निर्माण कार्य।

5.   कृषि एक मुख्य आर्थिक क्रिया है।

6.   कृषि मजदूर के रूप में कार्य करना।

7.   दर्जी, धोबी, मोची, सुनार आदि का कार्य करना।

8.   मुर्गीपालन एवं डेयरी का कार्य अपनाना।

प्रश्न 23. भूमि और पूंजी में कोई तीन अंतर लिखिए।

उत्तर भूमि और पूँजी में अंतर -

अंतर

भूमि

पूँजी

अर्थ

 

अर्थशास्त्र के अनुसार भूमि में वे सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं जो पृथ्वी की सतह पर, ऊपर और नीचे उपलब्ध हैं।

अर्थशास्त्र के अनुसार पूंजी का तात्पर्य उस धन से है जिसका उपयोग धन के आगे उत्पादन के लिए किया जाता है।

कारक की प्रकृति

 

भूमि उत्पादन का प्राकृतिक कारक है, यह प्रकृति में स्थायी है।

पूंजी उत्पादन का एक मानव निर्मित कारक है। इसमें स्थायित्व का अभाव है।

स्थिरता

भूमि स्थिर होती है।

पूंजी अस्थिर होती है।

गतिशीलता

भूमि पूरी तरह से गतिहीन है

पूंजी गतिशील कारक है।

मूल्य

भूमि का मूल्य सामान्य रूप से बढ़ता जाता है।

मशीनों की ही तरह पूंजी का मूल्य कम हो जाता है।

 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 04 अंक )

प्रश्न 1. पालमपुर में आधारभूत विकास का वर्णन कीजिए।

उत्तरः पालमपुर गाँव में बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य सेवा, सिंचाई की सुविधाओं से संपन्न एक विकसित गाँव है। बिजली से खेतों में स्थित सभी नलकूपों एवं विभिन्न प्रकार के छोटे उद्योगों को विद्युत ऊर्जा मिलती है। बच्चों को शिक्षा देने के लिए सरकार द्वारा प्राथमिक व उच्च विद्यालय दोनों खोले गए हैं। लोगों का इलाज करने के लिए एक सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और एक निजी दवाखाना है। गाँव के लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार की उत्पादन क्रियाएँ की जाती हैं जैसे कि खेती, लघु स्तरीय विनिर्माण, परिवहन, दुकानदारी आदि। पालमपुर का प्रमुख क्रियाकलाप कृषि है। 75 प्रतिशत लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं।

बरसात के मौसम (खरीफ) के दौरान किसान ज्वार एवं बाजरा उगाते हैं। इन फसलों को पशुओं के चारे में प्रयोग किया जाती है। इसके बाद अक्टूबर से दिसंबर के बीच आलू की खेती का जाती है। सरदी के मौसम (रबी) में खेतों में गेहूं बोया जाता है। पैदा किया गया गेहूँ किसान के परिवार के लिए प्रयोग किया जाता है और जो बच जाता है उसे रायगंज के बाजर में बेच दिया जाता है।

गन्ने की फसल की कटाई वर्ष में एक बार की जाती है। गन्ने को इसके मूल रूप या फिर गुड़ बनाकर इसे शाहपुर के व्यापारियों को बेच दिया जाता है। पालमपुर के किसान सुविकसित सिंचाई प्रणाली एवं बिजली की सुविधा के कारण वर्ष में तीन अलग-अलग फसलें उगा पाने में सफल हो पाते हैं।

बहुत से लोग गैर-कृषि क्रियायों से जुड़े हुए हैं। जैसे कि डेयरी, विनिर्माण, दुकानदारी, परिवहन, मुर्गी पालन, सिलाई, शैक्षिक गतिविधियाँ आदि। किसान इन कार्यों को उस समय कर सकते हैं जब इन लोगों के पास खेतों में करने के लिए कोई काम न हो या वे बेरोजगार हों। यह उनकी आर्थिक दशा सुधारने में सहायता करेगा।

प्रश्न 2. क्या रासायनिक उर्वरकों को प्रयोग हानिकारक है? क्या रसायन एवं उर्वरकों के निरंतर प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखा जा सकता है?

उत्तरः निःसंदेह, रासायनिक उर्वरकों का उपयोग वर्ष के दौरान अनाजों की उत्पादकता में वृद्धि करता है, लेकिन यह मिट्टी की प्राकृतिक उत्पादकता को कम करता है। अगले वर्ष उत्पादन को बनाए रखने के लिए अधिक रासायनिक उर्वरक की

आवश्यकता होती है जो दोबारा मिट्टी की उपजाऊपन को कम करती है। रासायनिक उर्वरक उत्पादन की लागत में भी वृद्धि करते हैं, क्योंकि इसका उपयोग अच्छी सिंचाई सुविधा, कीटनाशक आदि के साथ किया जाता है।

नलकूपों का अधिक उपयोग धरती के प्राकृतिक जल स्तर को कम कर देता है, जिसे वापस प्राप्त करना अत्यंत कठिन है। रसायन एवं उर्वरक के अधिक उपयोग से भूमि अपनी उर्वरता नहीं बनाए रख सकती। पंजाब में निरंतर रासायनिक उर्वरक के प्रयोग से पैदावार में कमी हुई है। अब किसानों को समान उत्पादन प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक रासायनिक उर्वरक एवं अन्य साधनों के उपयोग के लिए बाध्य किया जा रहा है। यह उत्पादन लागत में भी वृद्धि करता है।

रासायनिक उर्वरक खनिज प्रदान करते हैं जो पानी में घुल जाता है और शीघ्र ही पेड़-पौधों को उपलब्ध होता है किंतु यह भूमि में अधिक समय तक नहीं रहता। यह भूमि, जल, नदियों एवं झीलों को दूषित करता है। रासायनिक उर्वरक मिट्टी में पाए जाने वाले कीड़े-मकोड़े एवं सूक्ष्म बैक्टिरिया को भी मार सकता है। इसका अर्थ है कि मिट्टी की उर्वरता पहले से कम हो गई है।

प्रश्न 3. पालमपुर में होने वाली गैर-कृषि क्रियाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तरः उन क्रियाओं को गैर कृषि क्रियाएँ कहते हैं जो कृषि के अतिरिक्त होती हैं जैसे-दुकानदारी, विनिर्माण, डेयरी, परिवहन, मुर्गीपालन, शैक्षिक गतिविधि आदि। पालमपुर में प्रचलित गैर कृषि गतिविधियों का विवरण इस प्रकार है

परिवहन : परिवहन तेजी से विकसित हो रहा क्षेत्र है। पालमपुर और रायगंज के बीच की सड़क पर बहुत से वाहन चलते हैं जिनमें रिक्शा वाले, तांगे वाले, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक चालक, पारंपरिक बैल गाड़ी एवं बग्गी (भैंसागाड़ी) शामिल हैं। इस काम में लगे हुए कई लोग अन्य लोगों को उनके गन्तव्य स्थानों तक पहुँचाने और वहाँ से उन्हें वापस लाने का काम करते हैं जिसके लिए उन्हें पैसे मिलते हैं। वे लोगों और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाते हैं।

लघुस्तरीय विनिर्माणः पालमपुर में लघुस्तरीय विनिर्माण का एक उदाहरण-इस समय पालमपुर में 50 से कम लोग विनिर्माण कार्य में लगे हुए हैं। इसमें बहुत साधारण उत्पादन क्रियाओं का प्रयोग किया जाता है और यह छोटे स्तर पर किया जाता है। ये कार्य पारिवारिक श्रम की सहायता से घर में या खेतों में किया जाता है। मजदूरों को कभी-कभार ही किराए पर लिया जाता है।

दुकानदार : पालमपुर में बहुत कम लोग व्यापार (वस्तु विनिमय) करते हैं। पालमपुर के व्यापारी दुकानदार हैं जो शहरों के थोक बाजार से कई प्रकार की वस्तुएँ खरीदते हैं और उन्हें गाँव में बेच देते हैं। उदाहरणतः गाँव के छोटे जनरल स्टोर चावल, गेहूँ, चीनी, चाय, तेल, बिस्कुट, साबुन, टूथ पेस्ट, बैट्री, मोमबत्ती, कॉपी, पेन, पेन्सिल और यहाँ तक कि कपड़े भी बेचते हैं।

डेयरी : पालमपुर के कई परिवारों में डेयरी एक प्रचलित क्रिया है। लोग अपनी भैसों को कई तरह की घास, बरसात के मौसम में उगने वाली ज्वार और बाजरा आदि खिलाते हैं। दूध को पास के बड़े गाँव रायगंज में बेच दिया जाता है।

अभ्यास हेतु विश्लेषणात्मक प्रश्न

High Order Thinking Skills Questions for Practice

1.   “पालमपुर में परिवहन एक तेजी से विकासशील क्षेत्र है“। कथन का समर्थन करें।

2.   पालमपुर गांव की कहानी का उद्देश्य क्या है?

3.   पालमपुर किस प्रकार का गाँव है? अपने उत्तर का कारण बताइए?

4.   यदि आप पालमपुर गांव के खेतिहर मजदूर होते तो अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए क्या - क्या प्रयास करते? अपने शब्दों में उत्तर दीजिए।

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धन्यवाद

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