संसाधन और विकास कक्षा 10

संसाधन और विकास 

अध्याय को समझने के लिए महत्वपूर्ण यूट्यूब लिंक

1. संसाधन और विकास Class 10:संसाधन किसे कहते हैं और संसाधन के प्रकार (भाग-1)

https://youtu.be/6ChaBlh4pZU

2. संसाधन और विकास Class 10 : संसाधनों का विकास, नियोजन और संरक्षण (भाग-2)

https://youtu.be/taYQ4hloRPA

3. संसाधन और विकास Class10 : भू संसाधन (भाग - 3)

https://youtu.be/wvQQ8LQ8To8

 4. संसाधन और विकास Class 10 : मृदा संसाधन (भाग - 4)

https://youtu.be/fKZ7EhShDCY 

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महत्वपूर्ण तथ्य

1. संसाधन :- पर्यावरण में उपस्थित प्रत्येक वह वस्तु जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करती है संसाधन कहलाते है।

2. मानव संसाधन :- मानव भी एक संसाधन है क्योंकि मानव स्वयं संसाधनों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मानव पर्यावरण में उपस्थित वस्तुओं को संसाधान में परिवर्तित करते है और उन्हें प्रयोग करते है।

3. संसाधनों का वर्गीकरण :- संसाधनों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किए गए है

(1) उत्पति के आधार पर :- जैव और अजैव ।

(2) समाप्यता के आधार पर :- नवीकरण योग्य और अनवीकरण योग्य

(3) स्वामित्व के आधार पर :- व्यक्तिगत , सामुदायिक , राष्ट्रीय और अंतर्रार्ष्ट्रीय।

(4) विकास के स्तर के आधार पर :- संभावी , विकसित, भंडार और संचित कोष ।

4. संसाधनों के प्रकार :-


5. उत्पति के आधार पर संसाधनों की व्याख्या :-

(1) जैव संसाधन :- वे संसाधन जो जीव मंडल से जीवन लिए जाते है तथा जो सजीव होते जिनमें जीवन है वे जैव संसाधन कहलाते है जैसे :- मनुष्य , वनस्पति जात , प्राणिजात , मत्स्य जीवन, पशुधन आदि।

(2) अजैव संसाधन :- वे संसाधन जो निर्जीव होते है जिसमें जीवन नहीं होता वे अजैव संसाधन कहलाते है। जैसे चट्टाने और धातुएँ।

6. समाप्यता के आधार पर संसाधनों की व्याख्या :-

(1) नवीकरण योग्य :- वे संसाधन जिन्हें पुनः उत्पन्न किया जा सकता है ओर ये कभी खत्म नहीं होते। ये संसाधन प्राकृतिक रूप से प्राप्त होते है । जैसे :- सौर ऊर्जा , पवन ऊर्जा , जल , वन व वन्य जीवन।

(2) अनवीकरण योग्य :- वे संसाधन जिन्हें बनने में लाखों - करोड़ों वर्ष लगते है ये दुबारा उत्पन्न नहीं किए जा सकते । कभी भी खत्म हो सकते है जैसे धातुएँ तथा जीवाश्म ईंधन।

7. संसाधनों के आर्थिक उपयोग के कारण पैदा हुई समस्याएँ :-

(1) संसाधनों के अधिक उपयोग के कारण संसाधनों कम हो गए है।

(2) संसाधनों की कमी के कारण कुछ लोग संसाधन कम हो गए है तथा कुछ नहीं।

(3) संसाधनों के अधिक उपयोग के कारण प्राकृतिक संकट पैदा हो गए है जैसे प्रदुषण , ओजोन परत अवक्षय , भूमि निश्चिकरण आदि ।

(4) मानव संसाधनों पर पूरी तरह निर्भर हो गया है जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

(5) संसाधन जैसे धातुएँ जीवाश्म ईंधन इनका उपयोग उपयोग में होता है इनके कमी के कारण पदार्थों की कीमतें बढती जा रही है।

8. संसाधन संरक्षण के आवश्यकता :-

(1) संसाधन मनुष्य के जीवन यापन के लिए अति आवश्यक है संसाधन हमारी आवश्यकताओं को पूरा करते है।

(2) संसाधन जीवन की गुणवता बनाए रखते है इसलिए इनका संरक्षण आवश्यकता है ।

(3) देश के रक्षा के लिए संसाधनों की आवश्यकता है क्योंकि देश की सुरक्षा के लिए बनाए जाने वाली सामग्री संसाधनों के प्रयोग से बनाई जाती है ।

(4) कंपनियों के विकास के लिए जीवाश्म ईंधन आवश्यकता है यदि वह खत्म हो गया हो कंपनियों का काम रूक जाएगा।

(5) परिवहन के लिए संसाधन संरक्षण की आवश्यकता है।

(6) संसाधन किसी भी तरह के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

(7) संसाधनों अधिक उपयोग के कारण सामाजिक आर्थिक तथा पर्यावरणीय समस्याएँ पैदा हो सकती है। इन समस्याएँ से बचने के लिए संसाधन संरक्षण आवश्यक है।

9. संसाधनों में प्रौद्योगिकी और संस्थाओ का महत्व :- किसी भी देश के विकास में संसाधन तभी योगदान दे सकते है जब वह उपयुक्त प्रौद्योगिकी विकास और संसाधन परिर्वतन किए जाएँ । यदि कोई देश या राज्य संसाधन समृद्ध है परन्तु वहाँ उपयुक्त प्रौद्योगिकी ही नहीं है तो वह संसाधन विकास में योगदान नहीं दे पाएगा जैसे - झारखंड , अरुणाचल - प्रदेश

10. भू - संसाधन :- भूमि एक बहुत महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है । प्राकृतिक वनस्पति , वन्य जीवन, मानव जीवन आर्थिक क्रियाएँ , पैवाहन तथा संचार व्यवस्थाएँ भूमि पर ही आधारित है भूमि एक सीमित संसाधन है।

11. भू संसाधन का उपयोग :- भू संसाधनों का उपयोग निम्नलिखित उद्देश्य से किया जाता है

(1) वन 

(2) कृषि के लिए अनुपलब्ध भूमि

        (क) बंजर तथा कृषि अयोग्य भूमि 

        (ख) गैर - कृषि प्रयोजनों में उगाई गई भूमि जैसे :- इमारत , सड़क , उद्योग आदि

(3) परती भूमि के अतिरिक्त अन्य कृषि अयोग्य भूमि 

        (क) स्थायी चारागाह तथा अन्य गोचर भूमि

        (ख) विविध वृक्षों वृक्ष फसलों तथा उपवनों के अधीन भूमि 

        (ग) कृषि योग्य बंजर भूमि जहाँ पाँच से अधिक वर्षा से खेतीं न की गई हो । 

(4) परती भूमि

        (क) वर्तमान परती (जहाँ एक कृषि वर्ष या उससे कम समय से खेती न की गई हो)

        (ख) वर्तमान परती भूमि के अतिरिक्त अन्य पार्टी भूमि (जहाँ 1 से 5 कृषि वर्ष से खेती न की गई हो)।

(5) शुद्ध बोया गया क्षेत्र

        (क) एक कृषिं वर्ष में एक बार से अधिक बोए गए क्षेत्र को शुद्ध बोया गया क्षेत्र कहते हैं।

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पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर

1. बहु वैकल्पिक प्रश्न

(A) लौह अयस्क किस प्रकार का संसाधन है?

(क)  नवीकरण योग्य                  (ख) प्रवाह              (ग) जैव                     (घ) अनवीकरण योग्य

(B) ज्वारीय उर्जा निम्न में से किस प्रकार का संसाधन नहीं है?

(क) पुनः पूर्ति योग्य                 (ख) अजैव                 (ग) मानवकृत          (घ) अचक्रीय

(C) पंजाब में भूमि निम्नीकरण का निम्न में से मुख्य कारण क्या है?

(क)  गहन खेती                    (ख) अधिक सिंचाई      (ग) वनोन्मूलन          (घ) अति पशु चारण

(D) निम्नलिखित में से किस प्रांत में सीढ़ीदार (सोपानी) खेती की जाती है?

(क) पंजाब                       (ख) हरियाणा              (ग) उत्तर प्रदेश के मैदान    (घ) उत्तराखंड

(E) इनमें से किस राज्य में काली मिट्टी पाई जाती है?

(क)  जम्मू और कश्मीर    (ख) राजस्थान          (ग) महाराष्ट्र                          (घ) झारखंड

अतिरिक्त बहुविकल्पीय प्रश्न :- 

1. राष्ट्रीय वन नीति (1952) के अनुसार हमारी भूमि का कितना प्रतिशत भाग वन के अधीन होना चाहिए?

(अ) 33                               (ब) 22.5                  (स) 31                               (द) 30

2. पर्यावरण में ऐसी सामग्री जो मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता रखती है लेकिन मनुष्य के पास उन तक पहुँचने के लिए उपयुक्त तकनीक नहीं है, कहलाती हैः

(अ) संभावित संसाधन                  (ब) स्टॉक          (स) विकसित संसाधन        (द) रिजर्व

3. भारत का महासागरीय जल कितनी दूरी तक फैला हुआ हैः

(अ) 12 किमी                         (ब) 12 समुद्री मील (स) 19.2 मील                       (द) 200 समुद्री मील

4. वे संसाधन जो अपने निर्माण में लंबा भूवैज्ञानिक समय लेते हैं, कहलाते हैंः

(अ) अक्षय संसाधन (ब) रिजर्व          (स) सामुदायिक संसाधन      (द) गैर-नवीकरणीय संसाधन

5. एक कृषि वर्ष में एक से अधिक बार बोया गया क्षेत्र और शुद्ध बोया गया क्षेत्र का योग कहलाता हैः

(अ) शुद्ध बोया क्षेत्र (ब) वन कवर                 (स) बंजर भूमि                          (द) सकल कृषि क्षेत्र

6. हमारे देश में कुल निम्नीकृत भूमि हैः

(अ) 133 मिलियन हेक्टेयर  (ब) 130 मिलियन वर्ग किमी

(स) 140 मिलियन हेक्टेयर   (द) 130 मिलियन हेक्टेयर

7. निम्नलिखित में से किस राज्य में खनन के कारण भूमि का गंभीर क्षरण हुआ है?

(अ) गुजरात                  (ब) झारखंड                  (स) केरल                    (द) उत्तरांचल

8. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भूमि क्षरण का मुख्य कारण हैः

(अ) खनन                              (ब) अधिक सिंचाई (स) वनों की कटाई            (द) चराई से अधिक

9. उत्तरी भारत की सबसे आम मिट्टी कौन सी है?

(अ) काली मिट्टी              (ब) लेटराइट मिट्टी  (स) जलोढ़ मिट्टी              (द) लाल मिट्टी

10. लाल मिट्टी अधिकतर पाई जाती है :

(अ) जम्मू और कश्मीर के हिस्से                                       (ब) ऊपरी गंगा मैदान

(स) दक्कन के पठार का पूर्वी और दक्षिणी भाग                (द) उपरोक्त में से कोई नहीं

11. लाल मिट्टी का रंग लाल रंग के कारण होता हैः

(अ) उच्च मिट्टी सामग्री                                                       (ब) उपभूमि में कंकर नोड्यूल की उपस्थिति

(स) आग्नेय और कायांतरित चट्टानों में लोहे का प्रसार         (द) उच्च नमी सामग्री

12. निम्नलिखित में से कौन मिट्टी के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण नहीं है?

(अ) उच्चावच               (ब) जनक शैल                     (स) जलवायु                              (द) दिन की अवधि

13. काली मिट्टी को भी कहा जाता हैः

(अ) बंगारी                  (ब) खादरी                            (स) रेगुर                                  (द) ह्यूमस

14. काली मिट्टी आम हैंः

(अ) डेक्कन ट्रैप क्षेत्र (ब) कश्मीर घाटी                   (स) गंगा घाटी                             (द) उत्तरी मैदान

15. लैटेराइट मिट्टी उगाने के लिए बहुत उपयोगी होती हैः

(अ) चावल, गेहूं और सरसों                     (ब) चाय, कॉफी और काजू

(स) दलहन, गन्ना और राल                     (द) उपरोक्त में से कोई नहीं

16. काली मिट्टी में कमी होती है

(अ) कैल्शियम कार्बोनेट      (ब) मैग्नीशियम         (स) पोटाश                                     (द) फॉस्फोरिक सामग्री

17. निम्नलिखित में से किस मिट्टी में स्व-वायुन क्षमता है?

(अ) जलोढ़                   (ब) लाल मिट्टी               (स) काली मिट्टी                              (द) पहाड़ की मिट्टी

18. ढलानों के नीचे पानी के प्रवाह को कम करने के लिए समोच्च रेखाओं के साथ जुताई को कहा जाता हैः

(अ) स्ट्रिप क्रॉपिंग             (ब) शीट क्षरण          (स) समोच्च जुताई                            (द) छत की खेती

19. निम्नलिखित में से कौन-सा मृदा संरक्षण का उपाय नहीं है?

(अ) स्ट्रिप क्रॉपिंग             (ब) छत की खेती           (स) आश्रय बेल्ट                  (द) भूजल की अधिक निकासी

20. वह भूमि जो पांच से अधिक कृषि वर्षों के लिए बिना खेती के छोड़ दी जाती है, कहलाती हैः

(अ) चारागाह भूमि            (ब) कृषि योग्य बंजर भूमि      (स) बंजर भूमि                (द) वर्तमान परती

21. निम्नलिखित में से कौन सी विधि मृदा संरक्षण में मदद नहीं करती है?

(अ) समोच्च जुताई                           (ब) स्ट्रिप क्रॉपिंग            

(स) आश्रय बेल्ट बनाना                 (द) ढलानों के ऊपर और नीचे जुताई

22. निम्नलिखित में से कौन-सा एक नवीकरणीय संसाधन है?

(अ) कोयला                 (ब) पेट्रोलियम                (स) सौर ऊर्जा                (द) जीवाश्म ईंधन

23. जलोढ़ मिट्टी में शामिल हैं

(अ) सिल्ट                             (ब) गाद            (स) मिट्टी                     (द) उपरोक्त सभी

24. निम्न में से एक जो भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदाई है-

(अ) अतिचारण पर नियंत्रण    (ब) आश्रय बेल्ट बनाना       (स) वनों की कटाई      (द) वनीकरण

25. समाधि स्थल है ं

(अ) समुदाय के स्वामित्व वाला संसाधन                         (ब) राष्ट्रीय संसाधन

(स) व्यक्तिगत संसाधन                                                (द) अंतरराष्ट्रीय संसाधन

26. वे संसाधन जो किसी क्षेत्र में पाए जाते हैं लेकिन उपयोग में नहीं लाए जाते हैं, कहलाते हैं

(अ) विकसित संसाधन                  (ब) स्टॉक             (स) अंतरराष्ट्रीय संसाधन                (द) संभावित संसाधन

27. निम्नलिखित में से कौन पंजाब में भूमि क्षरण का मुख्य कारण है?

(अ) व्यापक खेती                       (ब) वनों की कटाई  (स) अत्यधिक चराई                      (द) अधिक सिंचाई

28. तीव्र निक्षालन से बनने वाली मिट्टी हैः

(अ) जलोढ़ मिट्टी                       (ब) लाल मिट्टी               (स) लेटराइट मिट्टी                    (द) रेगिस्तानी मिट्टी

29. कौन सा ठंडा रेगिस्तान देश के बाकी हिस्सों से अपेक्षाकृत अलग है?

(अ) लेह                     (ब) कारगिल                           (स) लद्दाख                                 (द) द्रास

30. कुल भूमि क्षेत्र में मैदानों का प्रतिशत हिस्सा कितना है?

(अ) 43%                           (ब) 23%                         (स) 33%                                (द) 27%

31. निम्नलिखित में से किस राज्य में अधिकतर लैटेराइट मिट्टी है?

(अ) उत्तर प्रदेश               (ब) बिहार                          (स) राजस्थान                          (द) मेघालय

32. ‘‘सबकी आवश्यकता के लिए पर्याप्त है, किसी शरीर के लोभ के लिए नहीं,’’ उपरोक्त कथन निम्नलिखित में से किसने दिया है?

(अ) विनोबा भावे             (ब) महात्मा गांधी            (स) जवाहरलाल नेहरू        (द) अटल बिहारी वाजपेयी

33. निम्नलिखित में से कौन एक जैव संसाधन है?

(अ) भूमि                         (ब) पानी                     (स) मनुष्य                              (द) चट्टानों

34. निम्नलिखित में से कौन सा समुदाय के स्वामित्व वाला संसाधन नहीं है?

(अ) चराई के मैदान     (ब) कब्रिस्तान                 (स) गांव तालाब                     (द) निजी स्वामित्व वाले घर

35. निम्न में से किस राज्य में अतिचारण भूमि निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी है?

(अ) झारखंड और उड़ीसा                         (ब) मध्य प्रदेश और राजस्थान

(स) पंजाब और हरियाणा                          (द) केरल और तमिलनाडु

36. संसाधनों को उनकी उत्पत्ति के आधार पर कैसे वर्गीकृत किया जा सकता है?

(अ) जैविक और अजैविक                        (ब) अक्षय और गैर-नवीकरणीय

(स) व्यक्तिगत और समुदाय                      (द) संभावित और रिजर्व

37. निम्नलिखित में से कौन सी मिट्टी कपास उगाने के लिए आदर्श है?

(अ) रेगुर मिट्टी                (ब) लेटराइट मिट्टी            (स) रेगिस्तानी मिट्टी           (द) पहाड़ी मिट्टी

38. निम्नलिखित में से कौन-सा संसाधनों का एक प्रकार है, जिसे संपूर्णता के आधार पर वर्गीकृत किया गया है?

(अ) जैविक और अजैविक                      (ब) अक्षय और गैर-नवीकरणीय        

(स) राष्ट्रीय और व्यक्तिगत                     (द) संभावित और भंडार

39. विभिन्न परतों या क्षितिजों में मिट्टी की व्यवस्था को क्या कहते हैं?

(अ) मिट्टी की संरचना         (ब) मृदा क्षरण                (स) मृदा प्रोफाइल                      (द) मिट्टी की बनावट

40. पेड़ पौधों तथा जीव - जंतुओं के सड़े गले अवषेषों को कहते हैं।

(अ) ह्यूमस                             (ब) शैल           (स) मृत्तिका                                      (द) लावा

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1.       वे वस्तुएं जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं .................... कहलाते हैं।   (संसाधन/व्यवस्था)

2.       रियो डी जेनेरियो पृथ्वी सम्मेलन 1992 में 21 वीं सदी में सतत पोषणीय विकास के लिए ..................... को स्वीकृति प्रदान की गई। (एजेंडा 21/आर्थिक विकास)

3.       अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्थित तरीके से संसाधन संरक्षण की वकालत 1968 में .................. ने की। (क्लब ऑफ रोम/स्माल इज ब्यूटीफुल) 

4.       गाँधी जी के दर्शन पर 1974 में शुमेसर ने ............................... में संसाधनों के उपयोग का उल्लेख किया। ( क्लब ऑफ रोम/स्माल इज ब्यूटीफुल) 

5.       1987 में ब्रुडंटलैंड आयोग की रिपोर्ट पर आधारित पुस्तक का नाम ........................... है।  ( अवर कॉमन फ्युचर/एजेंडा 21) 

सही जोड़ी बनाइए

                                                                   

1.       जैव संसाधन                                         -                   अ.       महासागरीय क्षेत्र

2.       नवीकरण योग्य संसाधन                      -                   ब.        खेल के मैदान

3.       सामुदायिक संसाधन                           -                   स.        रेलवे

4.       राष्ट्रीय संसाधन                                   -                   द.        पशुधन

5.       अंर्तराष्ट्रीय संसाधन                              -                   इ.        वन

एक शब्द/वाक्य में उत्तर दीजिए

1.       पशुधन किस प्रकार का संसाधन है?         

2.       अंतर्राष्ट्रीय संसाधन जिसका खनन भारत के द्वारा अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र से दूर जाकर किया जा रहा है नाम लिखिए।   

3.       भारत के पर्यावरण मंत्री कौन हैं?              

4.       हमारे देश की वन नीति कब लागू की गई?  

5.       खनन के कारण किन राज्यों में भूमि निम्नीकरण होता है

6.       अति पशुचारण के कारण किन राज्यों में भूमि निम्नीकरण होता है

7.       अधिक सिंचाई के कारण किन राज्यों में भूमि निम्नीकरण होता है

8.       भूमि निम्नीकरण को रोकने में सफलता हासिल करने वाला गांव कौन सा है

सत्य/असत्य बताइए

1.       प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के कारण संसाधनों का अधिक उपभोग हुआ है।

2.       भारत में वर्ष 1960-61 से वन के अंतर्गत क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं हुई है।

3.       भारत के विशाल मैदान जलोढ़ मृदा के बने हैं।

4.       बाग, चरागाह, कुआ तथा तालाब का जल सामुदायिक संसाधन के उदाहरण हैं।

5.       प्रथम भू शिखर सम्मेलन जापान में हुआ था।

---000---

उत्तरमाला

बहुविकल्पीय प्रश्न

    

A

B

C

D

E

(घ)

(ग)

(ख)

(घ)

(ग)

1

(अ)

11

(स)

21

(द)

31

(द)

2

(ब)

12

(द)

22

(स)

32

(ब)

3

(ब)

13

(स)

23

(द)

33

(स)

4

(द)

14

(अ)

24

(स)

34

(द)

5

(द)

15

(ब)

25

(अ)

35

(ब)

6

(द)

16

(द)

26

(द)

36

(अ)

7

(ब)

17

(स)

27

(द)

37

(अ)

8

(ब)

18

(स)

28

(स)

38

(ब)

9

(स)

19

(द)

29

(स)

39

(स)

10

(स)

20

(ब)

30

(अ)

40

(अ)


रिक्त स्थान

1.  संसाधन      2. एजेंडा 21      3. क्लब ऑफ रोम       4. स्माल इज ब्यूटीफुल       5. हमारा सांझा भविष्य।

सही जोड़ी

1. - द.       2. - इ.       3. - ब.  4. - स.  5. - अ.

एक वाक्य में उत्तर दीजिए

1. जैव संसाधन            2. मैंगनीज           3. भूपेन्द्र यादव            4. 1952     

5. झारखंडछत्तीसगढ़मध्यप्रदेश और उड़ीसा      6. गुजरातराजस्थानमध्यप्रदेश और महाराष्ट्र     

7. पंजाबहरियाणा और पश्चिमी उत्तरप्रदेश           8. सुखोमोजरी गांव (झाबुआ)

सत्य/असत्य

1.             सत्य          2. सत्य                     3. सत्य                      4. असत्य   5. असत्य

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02 अंक वाले प्रश्न और उत्तर

(1) तीन राज्यों के नाम बताइए जहां काली मिट्टी पाई जाती है. इस पर मुख्य रूप से कौन सी फसल उगाई जाती है?

उत्तरः- महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में काली मिट्टी पाई जाती है. काली मिट्टी में मुख्य रूप से कपास की फसल उगाई जाती है.

(2) पूर्वी तट नदी डेल्टाओं पर किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है. इस प्रकार की मिट्टी की दो/तीन मुख्य विशेषताएं क्या है?

उत्तरः- पूर्वी तट नदी डेल्टाओं पर जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है. जलोढ़ मिट्टी की तीन मुख्य विशेषताएं निम्न है.

(1) जलोढ़ मिट्टी बहुत ही उपजाऊ मिट्टी होती है।

(2) इस मिट्टी में चूना, पोटाश, फास्फोरस और वनस्पति के अंश जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

(3) इस प्रकार की मिट्टी में चावल, गेहूं, गन्ना, मक्का, कपास, पटसन इत्यादि फसल उगाया जाता है।

(3) पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी अपरदन की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?

उत्तरः- पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी अपरदन की रोकथाम के लिए निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए.

(1) समोच्च जुताई :- ढाल वाली भूमि पर समोच्च रेखाओं के समानांतर जुताई करनी चाहिए. इससे जल के बहाव की गति कम होती है।

(2) पट्टी कृषि :- ढाल वाली भूमि पर सीढ़ीदार खेत बनाने चाहिए. इससे पानी के बहाव को कम किया जा सकता है

(3) फसलों के बीच घास की पेटी लगानी चाहिए. इससे पानी के बहाव को कम किया जा सकता है।

(4) ढाल वाली भूमि पर वृक्षारोपण करना चाहिए. क्योंकि पेड़ों की जड़ें मिट्टी को पकड़े रहती है।

       उपरोक्त तरीकों से पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी अपरदन को रोका जा सकता है।

(4) जैव और अजैव संसाधन क्या होते हैं? कुछ उदाहरण दें!

उत्तरः- वैसे संसाधन जिनकी प्राप्ति जीवमंडल से होती है वे सजीव होते हैं। उसे जैव संसाधन कहते हैं. जैसेः- पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मत्स्य, मानव इत्यादि.

वे सारे संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बनी है उसे अजैव संसाधन कहते हैं. जैसे चट्टानें, खनिज, मानव निर्मित कई (मोटर गाड़ी, सड़़क, रेल आदि) वस्तुएँ इत्यादि.

5. संसाधन किसे कहते हैं ?

उत्तर-मनुष्य के आर्थिक विकास के लिए मानव जिन जिन साधनों का उपयोग या प्रयोग करता है, वे सभी ‘संसाधन’ कहलाते हैं। जैसे- मिट्टी, वन, कल-कारखाने।

6. प्राकृतिक संसाधन क्या हैं ?

उत्तर- प्रकृति द्वारा प्रदत्त या प्रदान की गई वे सभी वस्तुएँ जो मानव द्वारा उपयोग में लाई जाती हैं उन्हें प्राकृतिक संसाधन कहा जाता हैं। जैसे-वन, भूमि, पर्वत, पठार आदि।

7. मानव निर्मित संसाधनों के चार उदाहरण दें।

उत्तर-मानव निर्मित संसाधनों के उदाहरण निम्लिखित है  (क) बाँध, (ख) उद्योग, (ग) मशीन, (घ) मकान।

8. परंपरागत ऊर्जा के दो स्रोतों का नाम लिखें।

उत्तर-(क) कोयला, (ख) पेट्रोलियम ।

9. मृदा का अपरदन किस प्रकार होता है?

उत्तर-मृदा का अपरदन प्रवाहित जल और पवन द्वारा होता है। मृदा अपरदन अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों और पर्वतीय भागों में भी अधिक होता है।

10. किस प्रांत में सीढ़ीदार खेती की जाती है ?

उत्तर-भारत में उत्तराखण्ड में सीढ़ीदार अथवा सोपानी खेती की जाती है।

11. पंजाब में भूमि के निम्नीकरण का मुख्य कारण क्या है ?

उत्तर-भारत के पंजाब में भूमि के निम्नीकरण का मुख्य कारण अत्यधिक सिंचाई है।

12.  संसाधन नियोजन (योजना) क्या होता है?

उत्तर - संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने की प्रक्रिया को संसाधन नियोजन (योजना) कहते हैं।

13. ससाधनों का संरक्षण क्यो अनिवार्य है

उत्तर - संसाधनों के अविवेकपूर्ण तथा अत्यधिक उपयोग से उत्पन्न समस्याओं से निपटने के लिए एवं भावी पीढ़ी के लिए उपयोग हेतु।

14. परती भूमि से क्या अभिप्राय है?

उत्तर - परती भूमि वह भूमि है जिसे फ़सल लेने के बाद इसे कुछ समय के लिए खाली छोड़ दिया जाता है, ताकि यह फिर से अपनी उर्वरा शक्ति प्राप्त कर ले।

15.  औपनिवेशिक काल में साम्राज्यवादी शासक अपने उपनिवेशों के संसाधनों का शोषण करने में क्यों सफ़ल रहे?

उत्तर - विकसित तकनीक होने के कारण।

16.  मनुष्य किन दो तरीको से बंजर भूमि का क्षेत्र बढ़ाता है?

उत्तर - (क) अति चराई द्वारा। (ख) वनों के विनाश द्वारा ।

17.  भू-क्षरण का क्या अर्थ है?

उत्तर - कुछ प्राकृतिक कारणों तथा मानव की गतिविधियों द्वारा भूमि अनुपजाऊ होती जा रही है। इसे भू-क्षरण कहते है।

18.  मृदा के निर्माण में जलवायु सबसे महत्त्वपूर्ण कारक किस प्रकार है?

उत्तर - जलवायु के प्रभाव से शैलें सिकुड़ती-फैलती रहती हैं। धीरे-धीरे ये कमजोर हो जाती हैं और बारीक कणों में बदल जाती हैं।

19. मृदा क्षारीय अथवा अम्लीय किस आधर पर होती है?

उत्तर :- यदि मृदा का चभ् मान 7 से कम है तो वह अम्लीय होगी तथा 7.2 से अधिक होने पर क्षारीय होती है।

20. प्राकृतिक संसाधन कितने प्रकार के है?

उत्तर-प्राकृतिक संसाधन दो भागों में विभाजित किया गया है जो निम्लिखित है दृ जैविक तथा अजैविक। भूमि जल तथा मृदा वन और जीव-जन्तु जैविक संसाधन के अंतर्गत आते हैं जबकि भूमि, जल, मृदा आदि अजैविक संसाधन के अंतर्गत आते हैं जबकि वन, जीव-जन्तु जैविक संसाधन हैं।

21. नवीकरणीय संसाधन किसे कहते हैं ? इसके दो उदाहरण दें।

उत्तर-वे सभी संसाधन जो कभी भी इस धरती से समाप्त नहीं होते तथा एक बार प्रयोग करने के उपरांत भी उन्हें एक निश्चित समय के बाद में दोबारा प्राप्त किया जा सकता है, नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं।नवीकरणीय संसाधनों के दो उदाहरण- (क) जल, (ख) पेड़-पौधे और जीव-जन्तु ।

22. अनवीकरणीय संसाधन किसे कहते हैं ? इसके दो उदाहरण दें।

उत्तर-वे सभी संसाधन जो एक बार प्रयोग या उपयोग करने के उपरांत समाप्त हो जाते हैं तथा उन्हें एक निश्चित समयावधि में दोबारा प्राप्त, या उपयोग नहीं किया जा सकता है, अनवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं। अनवीकरणीय संसाधनों के दो उदाहरण- (क) खनिज, (ख) गैस एवं कोयला।

23. सतत् पोषणीय विकास का क्या अर्थ है ?

उत्तर-सतत् पोषणीय आर्थिक विकास का अर्थ यह है कि हमारे विकास पर्यावरण को बिना कोई नुकसान पहुँचाए हो और वर्तमान विकास की प्रक्रिया भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की किसी प्रकार की अवहेलना न करे।

24. आयु या उम्र के आधार पर जलोढ़ मृदाएँ कितने प्रकार के हैं ? उनकी विषेषताएं लिखिए।

उत्तर-आयु के आधार पर जलोढ़ मृदाएँ दो प्रकार की हैं-

(क) पुराना जलोढ़ (बांगर).

(ख) नया जलोढ़ (खादर)।

बांगर मृदा में ‘कंकड़’ ग्रंथियों की मात्रा बहुत ज्यादा होती हैं।

खादर मृदा में बांगर मृदा की तुलना में ज्यादा तर महीन कण भी पाए जाते हैं।

25. उत्खात भूमि क्या है ?

उत्तर-बहता हुआ जल मिट्टी को काटते हुए गहरी नालियाँ बना लेता है जिन्हें अवनलिकाओं

के नाम से जाना जाता है। ऐसी भूमि कृषि योग्य नहीं रह जाती है, अतः इसे उत्खात भूमि के नाम से जाना जाता है।

26. भूक्षरण या भूमि निम्नीकरण का क्या अर्थ है ?

उत्तर-कुछ प्राकृतिक कारणों (जैसे- मृदा अपक्षय आदि) तथा मानव की गतिविधियों द्वारा भूमि अनुपजाऊ होती जा रही है। इसे भूक्षरण कहते हैं। वनों की कटाई तथा पशुओं की अधिक चराई इसके दो मुख्य कारण है।

27. अति पशु चारण से भूमि का निम्नीकरण होता है। कैसे?

उत्तर :- पशुओं के खुर के कारण मिट्टी उखड़ जाती है। और जब वर्षा होती है या तेज हवा चलती है तब मिट्टी आसानी से अपरदित हो जाती है। इस तरह अति पशुचारण भूमि निम्नीकरण का कारण है।

28. मानव एक महत्वपूर्ण संसाधन है, कैसे

उत्तर - संसाधनों का सर्तकता तथा बुद्धिमतापूर्वक उपयोग करना और उन्हें नवीकरण के लिए समय देना, संसाधन संरक्षण कहलाता है। मानव संसाधन इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि मनुष्य की योग्यताएँ ही भौतिक पदार्थों को मूल्यवान संसाधन बनाने में सहायता करती है।

29. भूमि उपयोग को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?

अथवा

भूमि का उपयोग किन कारकों पर निर्भर करता है?

उत्तर - भूमि का उपयोग निम्नलिखित दो प्रकार के कारकों पर निर्भर करता है-भौतिक कारक तथा मानवीय कारक।

(क) भौतिक कारक-इन कारको में उच्चावच, जलवायु तथा मृदा के प्रकार शामिल है।

(ख) मानवीय कारक-इन कारकों में जनसंख्या घनत्व, तकनीकी कोशल तथा सांस्कृतिक परम्पराएँ आदि शामिल हैं।

30. अन्य परती भूमियो पर दो-तीन सालो में केवल एक-दो बार ही कृषि क्यों की जाती है? कोई दो कारण बताइए।

उत्तर - अन्य परती भूमियों की उपजाऊ क्षमता कम होती हैं अतः इस तरह की भूमि को दो-तीन साल में एक या दो बार ही कृषि कार्य में लिया जाता है कि ताकि एसी भूमि इस अंतराल में थोड़ी बहुत उर्वर हो जाए।

(क) कुछ भूमियाँ कम उपजाऊ होती है। (ख) इन भूमियों पर कृषि की लागत बहुत अधिक है।

31.  आप कैसे कह सकते है कि भारत मे वन क्षेत्र बहुत कम है?

उत्तर - राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार 33 प्रतिशत वन होना चाहिए किन्तु संग्रहित आँकड़ों के अनुसार कुल 23.3 प्रतिशत भाग पर ही वन स्थित हैं। पाश्चात्य देशों की तुलना में हमारे यहाँ प्रतिव्यक्ति वन क्षेत्र बहुत कम है। अतः हम कह सकते हैं कि भारत में वन क्षेत्र बहुत कम हैं।

32.  भारत की मिट्टियो मे विविधता क्यो पाई जाती है?

उत्तर :- मृदा बनने की प्रक्रिया को निर्धारित करने वाले तत्व, उनके रंग, गहराई, गठन, आयु व रासायनिक और भौतिक गुणों के आधार पर भारत की मृदाओं में विविधताएं पाई जाती हैं।

33.  एजेंडा 21 क्या है?

उत्तर :- सन् 1992 में संयुक्त राष्ट्र संघ का पर्यावरण एवं विकास के मुद्दे पर केन्द्रित एक सम्मेलन ब्राजील के रियो डि जेनेरो में हुआ। इस सम्मेलन को पृथ्वी सम्मेलन के नाम से जाना जाता है। सभी राष्ट्रों से निवेदन किया गया कि वह प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखें, पर्यावरण के प्रदूषण को रोके तथा सतत विकास का रास्ता अपनाएं। इस घोषणा को ही एजेंडा 21 कहते हैं।

03 और 04 अंकों के लिए प्रश्नोत्तर

1.क्या आप भी कुछ अन्य लोगों की तरह संसाधनों को प्राकृतिक उपहार समझते हैं? तर्कसंगत उत्तर दीजिए।

उत्तर - प्राकृतिक संसाधनों के कुछ उदाहरण जैसे पानी, वायुसूरज की रोशनी, लकड़ी, खनिज और प्राकृतिक गैस इत्यादि हैं, जिन्हें प्राप्त करने के लिए मनुष्यों को काम करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। अतः हम कह सकते हैं कि प्राकृतिक संसाधन सामान्य रुप से प्रकृति के द्वारा दिया गया एक उपहार हैं। किन्तु इनमें से कई ऐसे प्राकृतिक संसाधन भी है जो प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, जिसे लोग अलग-अलग आवश्यक चीज बनाने के लिए उपयोग करते हैं। परन्तु कुछ प्राकृतिक संसाधन ऐसे हैं जो उपभोग करने के साथ ही समाप्त होते जा रहे हैं। 

अन्य कुछ लोग जो प्राकृतिक संसाधनों को प्राकृतिक उपहार समझते हैं तो हमें यह समझने की भी जरूरत है कि जब हमको कोई कीमती उपहार प्राप्त होता है तो उसे हम बहुत ही सहेजकर रखते हैं। ऐसा ही इन संसाधनों के साथ है जो हमको उपहार स्वरूप मिले तो हैं किन्तु उनको सहेजकर रखने की भी आवष्यकता है। प्राकृतिक संसाधन हमारे लिए बहुत जरूरी हैं इन संसाधनों के अस्तित्व के बिना, पृथ्वी पर हमारा जीवन संभव नहीं हैं तथा मनुष्य भी बिना नियंत्रण के इनका उपयोग कर रहा हैं, उन्हें इस तथ्य का एहसास नहीं है कि इनमें से अधिकतर संसाधन अनवीकरणीय हैं और इनका नवीनीकरण करने में हजारों साल लग जाते हैं। हमें प्राकृतिक संसाधनों का समझदारी से उपयोग करना चाहिए और इनको किसी भी प्रकार से बर्बाद होने से बचना चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां भी इनका आनंद ले सकें।

साथ ही प्राकृतिक संसाधन पृथ्वी पर अनियमित ढ़ंग से वितरित किए जाते हैं। पृथ्वी के विभिन्न हिस्से, विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध हैं। कुछ स्थानों में सूरज की रोशनी की प्रचुर मात्रा प्राप्त की जाती है, जबकि वहीं कुछ स्थान ऐसे भी है जहाँ लोग अधिकतर सूरज की रोशनी से वंचित रहते है, उसी प्रकार, कुछ स्थानों पर जल निकाय अनेक हैं, तो कुछ क्षेत्र खनिज पदार्थों से भरे हुए हैं। ऐसे कई कारक हैं जो प्राकृतिक संसाधनों के असमान वितरण को प्रभावित करते हैं। जलवायु और भूमि इनके मुख्य कारकों में से एक हैं।

हमें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग समझदारी से करना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार से संसाधनों की बर्बादी को रोका जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध रहे। प्रत्येक देश की सरकार को इन संसाधनों की खपत की जांच करनी चाहिए तथा इसके खपत को कम करना चाहिए।

2.तेल संसाधन खत्म होने पर इनका हमारी जीवन शैली पर क्या प्रभाव होगा?

उत्तर - तेल संसाधनों के बिना जीवन की परिकल्पना लगभग असंभव है। परिवहन, उद्योग, रसोईघर, रोजमर्रा के तमाम जरूरी कार्यों के लिए तेल संसाधनों पर निर्भरता रहती है। जब तक कोई वैकल्पिक ऊर्जा हमारे जीवन का हिस्सा नहीं बन जाता है इस बीच यदि तेल संसाधन खत्म हो जाते हैं तो यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती होगा। यह चुनौतियां निम्न प्रकार से होगी :-

1. बिना तेल के टूथपेस्ट, जूते, कपड़े इत्यादि बनाना असंभव हो जाएगा। 

2. स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत-सी दवाइयों, सर्जिकल उपकरणों, ग्लव्स, डिस्पोजेबल सिरिंज इत्यादि नहीं बन पाएंगी। 

3.इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, कम्प्यूटर, मोबाइल फोन इत्यादि के बहुत से पार्ट बनने में तेल संसाधनों का इस्तेमाल होता है, इसलिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की तरक्की में ठहराव आ जाएगा।

4.  यातायात व्यवस्था ठप्प हो जायेगी।

5. एल पी जी के न होने से भोजन की समस्या विकराल हो जाएगी।

सही मायने में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं जो तेल संसाधनों की अनुपस्थिति के प्रभाव से अछूता रह पाएगा। वस्तुतः पूरी दुनिया के मौजूदा स्वरूप और अविष्कारों में बदलाव अवश्यम्भावी है।

 3. संसाधनों का समाज में न्यायसंगत बंटवारा क्यों आवश्यक हो गया है?

उत्तर - प्रकृति में उपलब्ध कोई भी वस्तु जिसका मानव द्वारा विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जा सकता है, संसाधन कहलाती है। वायु, जीवाश्म ईंधन, जंगल, पानी और धातु सभी संसाधनों के उदाहरण हैं।

ऽ संसाधन दो प्रकार के होते हैं - प्राकृतिक संसाधन और मानव निर्मित या कृत्रिम संसाधन। प्रकृति में उपलब्ध संसाधन जैसे हवा, पानी, मिट्टी प्राकृतिक संसाधन हैं। मानव द्वारा वाहनों, मशीनों, उपकरणों और अन्य सामग्रियों का उपयोग करके बनाए गए संसाधन कृत्रिम या मानव निर्मित संसाधन हैं।

ऽ इनमें से कुछ संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, जबकि अन्य विलुप्त होने के जोखिम का सामना कर रहे हैं। सोना, चांदी, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस जैसे संसाधन आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। लेकिन दुर्भाग्य से, वे प्रकृति में सीमित हैं और निकट भविष्य में समाप्त होने वाले हैं। सीमित संसाधनों का गैर-न्यायिक उपयोग और इन संसाधनों का असमान वितरण समस्या को और बढ़ा देता है। संसाधनों पर कब्जे ही होड़ लगी हुई है। जैसे :- 

1.       उच्च आर्थिक महत्व वाले संसाधनों की सीमित उपलब्धता स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तरों पर कई संघर्षों को जन्म देती है। 

2.       अमीर लोग इन संसाधनों का संचय करके उनका शोषण करते हैं जो समाज के गरीब और कमजोर वर्ग को इन संसाधनों तक पहुंचने से रोकता है।

     संसाधनों के समान वितरण के माध्यम से इन संघर्षों को सुलझाया या कम किया जा सकता है। संसाधनों का समान वितरण समाज के सभी वर्गों (अमीर और गरीब) को इन संसाधनों तक पहुंचने का समान अधिकार प्रदान करता है। यह समाज के विभाजन और कुछ व्यक्तियों के हाथों में संसाधनों के संचय को रोकता है। यह संसाधनों के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है ताकि सभी को अपना हिस्सा मिल सके।

     दो ताकतें जो समान वितरण के खिलाफ हैं, वे हैं संसाधनों की सीमित आपूर्ति और अमीर और लालची लोगों द्वारा संसाधनों की अत्यधिक खपत।

4. अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में शुद्ध (निवल) बोये गये क्षेत्र के कम अनुपात के लिए उत्तरदायी कारणों को ज्ञात कीजिए।

उत्तर - अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में शुद्ध (निवल) बोये गये क्षेत्र के कम अनुपात के लिए उत्तरदायी कारण निम्नलिखित हैं :-

1.       अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और मणिपुर में शुद्ध बुवाई क्षेत्र मुख्य रूप से पहाड़ी और चट्टानी इलाके के कारण कम है। 

2.       ये प्रदेश बड़े पैमाने पर घने जंगलों से आच्छादित हैं, जिन्हें कृषि के विकास के लिए काटने की आवश्यकता होगी। 

3.       अंडमान और निकोबार द्वीप समूह घने उष्णकटिबंधीय जंगलों से आच्छादित हैं और इसलिए शुद्ध बुवाई क्षेत्र कम है।

5.  “संसाधन हुआ नहीं करते, बना करते हैं। इस कथन की व्याख्या करें।

उत्तर - संसार में अनेकों प्राकृतिक पदार्थ बिखरे पड़े हैं जब तक उनका उपयोग नहीं किया जाता है वे संसाधन नहीं बन पाते।

मनुष्य उन्हें पता लगाता है, फिर अपनी बुद्धि, विवेक, क्षमता, तकनीक और कुशलता का प्रयोग कर अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए, आर्थिक विकास के लिए उनके उपयोग की योजना बनाता है और उपयोग में लाकर वह उन्हें संसाधन बनाता है। मनुष्य के आर्थिक विकास के लिए संसाधन अति आवश्यक होता है।

नदियाँ तभी संसाधन बन पाती हैं जब मानव उनका उपयोग सिंचाई में, जल विद्युत उत्पादन में, मत्स्यपालन में एवं जलीय यातायात के रूप में और अनेक आर्थिक कार्यों में न किया जाय। सदियों से शोक का कारण बनने वाली नदी, विनाशकारी बाढ़ लाने वाली नदी, हजारों हजार की संख्या में जान माल का क्षति पहुंचाने वाली नदी पर योजना बनाकर बाँध बनाया गया, नहरें निकाली गयी, सिंचाई का काम लिया, विद्युत उत्पादन किए गये जिससे सिंचाई और उद्योग के विकास में मदद मिलने लगी तो वही शोक पैदा करने वाली नदी प्राकृतिक संसाधन बन गई, खुशहाली का कारण बनी। इसीलिए एक भूगोलवेत्ता जिम्मरमैन ने ठीक ही कहा है कि संसाधन हुआ नहीं करते, बना करते हैं।

6.अधिक सिंचाई भूमि निम्नीकरण के लिए कैसे उत्तरदायी है? समझाइए।

उत्तर - अधिक सिंचाई से जलभराव होता है जिससे मिट्टी में क्षारीयता और लवणता में वृद्धि होती है। इस तरह पंजाब,पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अति-सिंचाई के कारण भूमि निम्नीकरण का कारण बनता है।

7.भूमि निम्नीकरण को दूर करने में सफलता हासिल करने वाले एक गांव का वर्णन कीजिए।

उत्तर :- मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के गांव सुखोमोजरी में भूमि निम्नीकरण की समस्या पर विजय प्राप्त की गई है। इसके लिए निम्नलिखित कार्य किए गए :-

1. इस गांव में 1976 में प्रति हेक्टेयर वृक्ष घनत्व 13 प्रति हेक्टेयर था जो कि 1992 में 1272 प्रति हेक्टेयर हो गया।

2. कृषि और पशुपालन में सुधार तथा संसाधन की सहज उपलब्धता से प्रति व्यक्ति आय बढ़ी जिससे पर्यावरण का पुनर्जनन सहज हो पाया।

3. 979 से 1984 के बीच औसत वार्षिक आमदनी 10000 से 15000 थी।

4. लोगों को पर्यावरण पुर्नस्थापना का प्रबंधन सिखाया गया।

5. मध्यप्रदेश सरकार ने पर्यावरणीय गतिविधियों को लेकर प्रशिक्षित कर स्वयं निर्णय लेने का अधिकार दिया।

            इस प्रकार एक गांव भूमि निम्नीकरण की प्रक्रिया को पलट सका।

क्रियाकलाप (पाठ्य पुस्तक के आधार पर)

प्रश्न 1. प्रत्येक संवर्ग से कम से कम दो संसाधनों की पहचान करें?

उत्तर-प्रत्येक संवर्ग के संसाधन निम्नलिखित हैं-

(1) उत्पत्ति के आधार पर संसाधन

(A) जैव संसाधन -        (i) मनुष्य, (ii) प्राकृतिक वनस्पति।

(B) अजैव संसाधन -     (i) चट्टानें, (ii) धातुएँ।

(2) समाप्यता के आधार पर

(A) नवीकरण योग्य -     (i) सौर ऊर्जा,   (ii) वन व वन्य संसाधन

(B) अनवीकरण योग्य -  (i) खनिज,  (ii) जीवाश्म ईंधन

(3) स्वामित्व के आधार पर

(A) व्यक्तिगत संसाधन  -    (i) भूमि, (ii) मकान

(B) सामुदायिक संसाधन -  (i) चारण भूमि (ii) श्मशान भूमि

(C) राष्ट्रीय संसाधन  -        (i) खनिज पदार्थ (ii) जल संसाधन

(D) अन्तर्राष्ट्रीय संसाधन -  (i) अपवर्जक आर्थिक क्षेत्र से दूर (ii) महासागरीय मार्ग

(4) विकास के आधार पर

(A) संभावी संसाधन -      (i) ज्वारीय ऊर्जा,  (ii) भूतापीय ऊर्जा।

(B) विकसित संसाधन  -  (i) कोयला,         (ii) खनिज तेल।

(C) भंडार -   (i) जल दो ज्वलनशील गैसों का यौगिक है हाइड्रोजन और ऑक्सीजन

        (ii) भूगर्भीय ऊर्जा।

(D) संचित कोष -   (i) वन  (ii) बाँधों में संचित जल।

प्रश्न 2. अपने परिवार के संसाधनों की एक सूची तैयार कीजिए।

उत्तर-परिवार के संसाधनों की सूची निम्न है-

(1) मकान, (2) भूमि, (3) जायदाद, (4) पालतू जानवर (गाय, भैंस, इत्यादि)

प्रश्न 3. अपने आसपास के क्षेत्र में पाए जाने वाले भंडार और संचित कोष संसाधनों की एक सूची तैयार कीजिए।

उत्तर-अपने आसपास के क्षेत्र में पाए जाने वाले भंडार और संचित कोष संसाधनों की सूची निम्नवत् है-

भंडार            -    जल, सौर ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि।

संचित कोष    -    वन, नदियों का जल, बाँधों का जल।

प्रश्न 4. कल्पना करें कि तेल संसाधन खत्म होने पर इनका हमारी जीवन शैली पर क्या प्रभाव होगा ?

उत्तर- तेल संसाधनों के खत्म होने पर जीवन की परिकल्पना असंभव है। परिवहन, उद्योग, रसोईघर, रोजमर्रा के कामों के लिए हम तेल संसाधन पर निर्भर है। बिना तेल संसाधन के जूते, कपड़े, स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत सारी दवाइयाँ सजकल उपकरण, ग्लब्स, डिस्पोजल इत्यादि नहीं बन पायेंगी। इलैक्ट्रोनिक सर्किट कम्प्यूटर, मोबाइल फोन इत्यादि बहुत से पार्ट बनाने में तेल संसाधनों का प्रयोग होता है अतः पूरी दुनिया के मौजूदा स्वरूप और आविष्कारों में बदलाव अवश्यम्भावी है।

प्रश्न 5. घरेलू और कृषि संबंधित अपशिष्ट को पुनः चक्रण करने के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए। अपने मोहल्ले अथवा गाँव में एक सर्वेक्षण करें। लोगों से प्रश्न पूछें कि

 (अ) उनके द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले संसाधनों के बारे में वे क्या सोचते हैं ?

 (ब) अपशिष्ट और उसके उपयोग के बारे में उनका क्या विचार है ?

 (स) अपने परिणामों का समुच्चित चित्र (collage) तैयार करें।

उत्तर-घरेलू और कृषि संबंधित अपशिष्ट को पुनः चक्रण करने के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए एक सर्वेक्षण करने से ज्ञात हुआ कि

(अ) उनके द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले संसाधनों के बारे में वह यह सोचते हैं कि अपने संसाधन का अधिक से अधिक उपयोग करें जब वह बिल्कुल खराब हो जाएँ तो उसे पुन:चक्रण के लिए किसी भंगार (कबाड़) वाले को बेचा जाये जिससे उस वस्तु के का पुनः चक्रण किया जा सके।

 (ब) अपशिष्ट और उसके उपयोग के बारे में उनका मत है कि कूड़े को नष्ट करने की सर्वोत्तम विधि है उससे खाद बनाना। बड़े-बड़े गड्ढों में कूड़ा भरकर उसे मिट्टी में दबा दिया जाता है। कुछ ही दिनों में कूड़ा सड़कर खाद के रूप में तैयार हो जाता है।

 () विद्यार्थी अपने परिणामों का चित्र (collage) स्वयं तैयार करें।

प्रश्न 6. अपने राज्य में पाए जाने वाले संसाधनों की सूची तैयार करें और जिन महत्त्वपूर्ण संसाधनों की आपके राज्य में कमी है, उनकी पहचान करें।

 उत्तर- मध्य प्रदेश राज्य में पाये जाने वाले संसाधन 

खनिज संसाधन- हीरा, चूना पत्थर, ताम्र अयस्क इत्यादि।

वन संसाधन- यहाँ उष्ण कटिबंधीय, शुष्क, पतझड़ वाले सागीन, मिश्रित तथा साल के वन हैं। 

मध्य प्रदेश राज्य में कम पाये जाने वाले संसाधन पेट्रोलियम संसाधन, प्राकृतिक गैस इत्यादि संसाधन नहीं पाये जाते हैं।

प्रश्न 7- समुदाय भागीदारी की सहायता से समुदाय / ग्राम पंचायत/वार्ड स्तरीय समुदायों द्वारा आपके आसपास के क्षेत्र में कौन से संसाधन विकसित किए जा रहे हैं ?

 उत्तर- समुदाय भागीदारी की सहायता से समुदाय, ग्राम पंचायत, वार्ड स्तरीय समुदायों द्वारा हमारे आसपास के क्षेत्र में निम्नलिखित संसाधन विकसित किये जा रहे हैं

 (1) समुदाय स्तर पर

(i) मन्दिर, मस्जिद आदि का निर्माण।

(ii) पिकनिक स्थल और खेल के मैदानों का विकास।

(iii) सार्वजनिक पार्कों का निर्माण।

(iv) चारण भूमि का विकास।

 (2) ग्राम पंचायत स्तर पर-

(i) सामुदायिक भवनों का निर्माण

(ii) कुँआ तालाब व पोखरों का निर्माण।

(iii) बंजर भूमि का उत्थान ।

(iv) श्मशान भूमि का निर्माण ।

 (3) वार्ड स्तर पर-

(i) पार्कों का निर्माण।

(ii) पेयजल हेतु पानी की टंकी का निर्माण।

(iii) मन्दिर, मस्जिद तथा खेल के मैदानों का निर्माण।

प्रश्न 8. क्या आप संसाधन सम्पन्न परन्तु आर्थिक रूप से पिछड़े और संसाधन विहीन परन्तु आर्थिक रूप से विकसित प्रदेशों के नाम बता सकते हैं ? ऐसी परिस्थिति होने के कारण बताएँ।

 उत्तर- संसाधन सम्पन्न परन्तु आर्थिक रूप से पिछड़े प्रदेश-झारखण्ड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ खनिज संसाधन में धनी प्रदेश हैं परन्तु आर्थिक रूप से ये पिछड़े प्रदेश हैं, इसके निम्नलिखित कारण हैं

 (1) कृषि योग्य भूमि की कमी, पथरीली तथा अत्यधिक ऊबड़-खाबड़ भूमि का होना।

 (2) शिक्षा का विकास व प्रसार न होना।

 (3) मजदूरों की न्यूनतम आय का असमान वितरण

 (4) अत्यधिक जनजातियों व आदिवासी क्षेत्रों की बहुलता के कारण यहाँ विकास की दर अत्यधिक धीमी है।

 संसाधन विहीन परन्तु आर्थिक रूप से विकसित प्रदेश दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना इत्यादि ऐसे प्रदेश हैं जहाँ संसाधनों की अन्य प्रदेशों की अपेक्षा कमी है परन्तु आर्थिक रूप से यह विकसित प्रदेश हैं। इसके निम्नलिखित कारण हैं

 (1) यह औद्योगिक रूप से विकसित प्रदेश हैं।

(2) यहाँ परिवहन तन्त्र व्यापक रूप से फैला हुआ है जिससे कच्चा माल आसानी से मँगाया जाता है।

 (3) साक्षरता दर भी अन्य प्रदेशों की अपेक्षा ठीक है।

प्रश्न 9. भू-उपयोग के दो वृत्त चित्रों 1.4 की तुलना करके पता लगाएँ कि 1960-61 और 2014-15 के बीच शुद्ध (निवल) बोये गये क्षेत्र और वनों के अंतर्गत भूमि में बहुत सीमित परिवर्तन ही क्यों आया है ?

 उत्तर-सत्तर के दशक में जनसंख्या वृद्धि के कारण भारत में खाद्यान्नों की पूर्ति की समस्या उत्पन्न हुई। लेकिन उन्नत तकनीकों के अभाव में कृषि क्षेत्र को बढ़ाना असंभव हो रहा था तब हरित क्रान्ति से प्रति हेक्टेयर उपज बढ़ाने का प्रयास किया गया जिससे बढ़ती जनसंख्या की खाद्यान्न पूर्ति की जा सके। इस दौरान शुद्ध बोए गए क्षेत्र में वृद्धि नहीं हुई थी अपितु प्रति हेक्टेयरउपज में वृद्धि हुई। अत: 1960-61 और 2014-15 के बौद शुद्ध (निवल) बोए गए क्षेत्र में बहुत सीमित परिवर्तन ही आया। स्वतन्त्रता के बाद विभिन्न उद्योगों के विकास, कृषि कार्य तथा आवास के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की गई जिसमे पर्यावरण का सन्तुलन बिगड़ने लगा। अनेक समस्याएँ दृष्टिगोचर होने लग तब सरकार द्वारा वनों की सुरक्षा तथा संरक्षण संबंधी अनेक नीतियाँ बनाई गईं। इनके लागू हो जाने के बाद वनों को कटाई की दर में कमी आई। अतः 1960-61 और 2014-15 के बीच वनों के अन्तर्गत भूमि में बहुत सीमित परिवर्तन ही देखने को मिलता है।

प्रश्न 10. कुछ राज्यों में शुद्ध (निवल) बोए गए क्षेत्र के कम अनुपात के लिए उत्तरदायी कारणों को ज्ञात कीजिए।

 उत्तर- कुछ राज्यों; जैसे- अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 10 प्रतिशत से कम क्षेत्र बोए जाने के लिए उत्तरदायी कारण निम्नलिखित हैं

(1) ये राज्य घने वनों से आच्छादित हैं।

(2) ये क्षेत्र अत्यधिक वर्षा वाले क्षेत्र हैं।

(3) इन क्षेत्रों की भूमि ऊबड़-खाबड़ है।

(4) यहाँ उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का अभाव है।

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अभ्यास हेतु विश्लेषणात्मक प्रश्न

 (High Order Thinking Skills  Questions for Practise)

1. ‘‘ हमारे पास हर व्यक्ति की आवश्यकता पूर्ति के लिए बहुत कुछ है, लेकिन किसी के लालच की संतुष्टि के लिए नहीं’’ महात्मा गाँधी के इस कथन पर आपका अभिमत प्रकट कीजिए।

2.  मृदा परिच्छेदिका का नामांकित चित्र बनाइए।

3. जलाक्रांतता कैसे उपस्थित होता है? मृदा अपरदन में इसकी क्या भूमिका है?

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