संघवाद
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1. संघवाद Class10:संघवाद क्या है? संघीय व्यवस्था के स्वरूप (भाग 1 )
2.संघवाद Class10:भारत की संघीय व्यवस्था और
संघीय व्यवस्था कैसे चलती है (भाग
2 )
3. संघवाद Class 10: भारत में विकेंद्रीकरण तथा
ब्राजील का एक प्रयोग (भाग-3)
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इस अध्याय की मुख्य बातेंः
• संघवाद क्या है ?
• भारत में संघीय व्यवस्था
• संघीय व्यवस्था कैसे चलती है?
• भाषायी राज्य
• भाषा – नीति
• केन्द्र - राज्य संबंध
• भारत की भाषायी विविधता
• भारत में विकेन्द्रीकरण
• ब्राजील का एक प्रयोग
महत्वपूर्ण तथ्य
संघवाद : परिचय
सत्ता अर्थात राजनीतिक शक्ति जिसे हम सामान्य शब्दों में शासन भी कहते हैं। शासन के विभिन्न स्तरों बीच सत्ता का ऊर्ध्वाधर बंटवारा जिसमें दो स्तर की सरकारें की होती हैं तथा उनमें सत्ता का बंटवारा ही संघवाद होता है। साधारण शब्दों कहें तो संघवाद संगठित रहने का विचार है।
संघवादः
• संघवाद एक संस्थागत प्रणाली है जिसमें दो स्तर राजनीतिक व्यवस्थाओं को सम्मिलित किया जाता है। इसमें एक संघीय (केन्द्रीय) स्तर की सरकार और दूसरी प्रांतीय स्तर की सरकारें होती हैं।
• दुनिया के 193 देशों में से केवल 25 देशों में संघीय शासन व्यवस्था है। जिनमें दुनिया के 40 फीसदी आबादी निवास करती है।
संघीय शासन व्यवस्था की विशेषताएं :-
1. यहां सरकार दो या दो से अधिक स्तरों वाली रहती है।
2. अलग अलग स्तर की सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती हैं किन्तु उनके अधिकार और कर्त्तव्य अलग अलग होते हैं।
3. विभिन्न स्तरों की सरकारों के अधिकार संविधान द्वारा तय होते हैं।
4. संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों और कानूनों में बदलाव कोई भी एक स्तर की सरकार अकेले नहीं कर सकती।
5. न्यायालय को संविधान और विभिन्न स्तरों की सरकारों के अधिकारों की व्याख्या करने का अधिकार है।
6. अलग अलग स्तर की सरकारों की वित्तीय स्वायत्तता सुनिश्चित करने राजस्व के अलग अलग स्रोत निर्धारित किए गए हैं।
7. संघीय शासन व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय विविधताओं के सम्मान के साथ देश की एकता और अखंडता को बढ़ावा देना है।
संघों के प्रकार -
1. साथ आकर संघ बनाना (Coming Together Federation) :- इसके अंतर्गत दो या दो से अधिक स्वतंत्र राष्ट्रों को साथ लाकर एक बड़ी इकाई गठित की जाती है। उदाहरण - संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रेलिया।
2. साथ लेकर संघ बनाना (Holding Together Federation) :- बड़े देश अपनी आंतरिक विविधताओं को ध्यान में रखते हुए राज्यों का गठन करते हैं और फिर राष्ट्रीय और राज्य सरकारों के बीच सत्ता का बंटवारा कर देते हैं। उदाहरण :- भारत, बेल्जियम और स्पेन।
भारत में संघीय व्यवस्था :-
• भारत के संविधान में मौलिक रूप से दो स्तरीय शासन व्यवस्था का प्रावधान किया गया था। एक केन्द्र सरकार जिसका प्रमुख राष्ट्रपति होता है और प्रधानमंत्री के माध्यम से शासन संचालित करता है। जिसे संघ सरकार भी कहते हैं। दूसरा राज्य सरकारें होती हैं जिनका प्रमुख राज्यपाल होता है और वह मुख्यमंत्री के माध्यम से शासन संचालित करता है।
• बाद में 1992 को पंचायतों और नगरपालिकाओं के रूप में संघीय शासन का तीसरा स्तर भी जोड़ा गया।
• संविधान में स्पष्ट रूप से केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी अधिकारों को तीन हिस्सों में बाँटा गया है। ये तीन सूचियाँ निम्नलिखित हैं :-
1. संघ सूची :- इसमें राष्ट्रीय महत्व के विषय जैसे – प्रतिरक्षा, विदेशी मामले, संचार, बैंकिंग और मुद्रा इत्यादि शामिल हैं।
2. राज्य सूची :- इस सूची में स्थानीय और प्रांतीय महत्व के विषय होते हैं - जैसे – पुलिस, वाणिज्य और व्यापर, इत्यादि
3. समवर्ती सूची :- इस सूची में वे विषय होते हैं जो केन्द्र के साथ प्रांतीय सरकारों की साझा दिलचस्पी में आते हैं।
4. बाकी बचे विषय (अवशिष्ट शक्ति) :- ऐसे विषय जो किसी भी सूची में नहीं आते उनको केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में चले जाते हैं।
भारतीय संघ की विशेषताएं :-
1. विशेष दर्जा प्राप्त राज्य :- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371 के अनुसार संघ सरकार द्वारा कुछ राज्यों की स्थानीय संस्कृति और विशेषताओं को सुरक्षित और संरक्षित रखने के उद्देश्य से विशिष्ट राज्य का दर्जा दिया जाता है। जैसे अनुच्छेद 370 के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर को भी विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था जिसे हटा दिया गया है।
2. केन्द्र शासित प्रदेश :- देश के कुछ इलाके इतने छोटे होते हैं कि उनको स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया जाना संभव नहीं होता है और न ही उनको किसी राज्य के साथ विलीन किया जा सकता है। ऐसी छोटी भौगोलिक इकाईयों का शासन संघ सरकार स्वयं करती है जिसे केन्द्र शासित प्रदेश कहते हैं।
3. संविधान संशोधन :- केंद्र ओर राज्यों के बीच सत्ता का बंटवारा संविधान की बुनियादी बात है। यदि इसमें कोई संशोधन करना हो तो इसके लिए अकेले संसद अथवा अकेले किसी राज्य की विधायिका ऐसा नहीं कर सकती। इसकी लिए अलग अलग प्रावधान हैं।
4. न्यायालय की सर्वोच्चता :- शक्तियों के बंटवारे के संबंध में केन्द्र और राज्य के बीच कोई विवाद हो अथवा संविधान की व्याख्या का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय को होता है।
5. राजस्व वसूली :- सरकार चलाने और अपनी जिम्मवारियों के निर्वाह के लिए जरूरी राजस्व की उगाही का अधिकार केन्द्र और राज्य सरकारों को प्राप्त है।
संघीय व्यवस्था कैसे चलती है ?
(भारतीय संघीय व्यवस्था की सफलता के कारण)
भाषायी राज्य :-
• 1950 के दशक में पुराने राज्यों की सीमाओं को बदलकर नए राज्य गठित किए गए।
• राज्यों का पुर्नगठन मुख्य रूप से दो बातों को ध्यान में रखकर किया गया :-
1. भाषायी आधार पर -
2. संस्कृति और जातीयता के आधार पर -
भाषा नीति :-
• भारत में किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया गया है।
• हिन्दी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है किन्तु संविधान की आठवीं अनुसूची में हिन्दी के अलावा 21 भाषाओं को ( कुल अनुसूचित भाषा की संख्या 22 है) अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है।
• हिन्दी केवल 40 प्रतिशत भारतीयों की मातृभाषा है।
• सरकारी कामकाज की भाषा के रूप में अंग्रेजी के प्रयोग पर 1965 में रोक लगना था किन्तु गैर हिंदी भाषी राज्यों के अनुरोध पर अंग्रेजी का उपयोग जारी है।
केन्द्र-राज्य संबंध :-
• केन्द्र और राज्यों के बीच रिश्ते इन स्तरों पर सरकार गठित करने वाले राजनीतिक दल की कार्यप्रणाली पर भी निर्भर करता है।
कांग्रेस का दबदबा :-
• आजादी के बाद लगभग पूरे देश में केन्द्र तथा राज्यों दोनों जगह कांग्रेस की सरकारें बनीं। तब केन्द्रीय हाईकमान के दबाव में राज्य स्तर के अधिकारों की अवहेलना हुई। यदि विपक्ष की सरकार राज्यों में बन भी जाए तो भंग करने तक का कार्य किया गया।
गठबंधन सरकारों का दौर :-
• 1990 के बाद जब राज्यों में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का उदय हुआ तो केन्द्र से भी कांग्रेस का वर्चस्व खत्म होने लगा और नए राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी बुहमत प्राप्त कर सबसे बड़ा दल बनी किन्तु पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए भजपा को क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का सहयोग लेना पड़ा इससे राज्यों की स्वायत्तता में वृद्धि हुई।
भारत में भाषायी विविधता :-
• 2011 की जनगणना के अनुसार लोगों ने 1300 से अधिक भाषाओं को मातृभाषा के रूप में दर्ज कराया है।
• हिन्दी भाषा समूह के साथ भोजपुरी, मगही, बुंदेलखंडी, छत्तीसगढ़ी तथा राजस्थानी को सम्मिलित किया गया।
• भारत में कुल 121 भाषा समूह सूचीबद्ध किए गए हैं।
• इनमें से 22 भाषाओं को संविधान की आठवी अनुसूची में रखा गया है।
• भाषा के आधार पर संभवतः भारत विश्व का सबसे अधिक विविधता वाला देश है।
• सर्वाधिक 43.63 फीसदी लोग हिन्दी भाषा बोलते हैं। द्वितीय स्थान पर बांग्ला तथा तृतीय स्थान पर मराठी है। जबकि चौथे स्थान पर तेलुगु है।
भारत में विकेन्द्रीकरण
• भारत में सत्ता का विकेन्द्रीकरण इसकी विविधताओं को ध्यान में रखते हुए तीन स्तरों में किया गया है। 1. केन्द्र सरकार 2. राज्य सरकार 3. स्थानीय स्वशासन।
• भारत में वास्तविक विकेन्द्रीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम 1992 में उठाया गया।
• जिला परिषद -
ब्राजील का एक प्रयोग - ब्राजील के शहर एलग्रे पोर्ते में नगर परिषद के समानांतर सोषल सोसायटी को फैसलों में सम्मिलित करने का प्रावधान रखा।
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पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्नोत्तर
1. भारत के खाली राजनीतिक नक्शे पर इन राज्यों की उपस्थिति दर्शाएँ : मणिपुर, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और गोवा।
उत्तर - (क) मणिपुर - मणिपुर भारत में उत्तर-पूर्वी सीमा पर स्थित है तथा इसकी सीमा म्यांमार देश की सीमा से मिलती है।
(ख) सिक्किम - सिक्किम को बौद्ध लोगों के मठों का राज्य भी कहा जाता है तथा नेपाल तथा भूटान देशों के बीच स्थित भारत का एक राज्य है।
(ग) छत्तीसगढ़ - छत्तीसगढ़ मध्य भारत में स्थित है तथा मध्य प्रदेश को विभाजित कर इसे बनाया गया है।
(घ) गोवा - गोवा भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक राज्य है तथा यह कर्नाटक और महाराष्ट्र से घिरा हुआ है।
2. विश्व के खाली राजनीतिक मानचित्र पर भारत के अलावा संघीय शासन वाले तीन देशों की अवस्थिति बताएँ और उनके नक्शे को रंग से भरें।
उत्तर – विश्व के 193 देशों में से केवल 25 देशों में संघीय शासन व्यवस्था है जो कि निम्नलिखित मानचित्र में स्पष्ट है -
3. भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती
एक विशेषता और उससे अलग एक विशेषता को बताएँ।
उत्तर - बेल्जियम से मिलती-जुलती व्यवस्था - भारत में संविधान
ने मौलिक रूप से दो स्तरीय शासन व्यवस्था का प्रावधान किया था- संघ सरकार और राज्य
सरकारें। केंद्र सरकार को पूरे भारतीय संघ का प्रतिनिधित्व करना था और अलग-अलग राज्यों
के लिए राज्य सरकारें होगीं। केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बँटवारा संविधान
में विषयों की तीन सूचियों के द्वारा कर दिया गया। बेल्जियम में भी केंद्र और राज्य
दो प्रकार की सरकारें हैं और दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र हैं।
बेल्जियम से अलग एक विशेषता - भारत में बेल्जियम की तरह सामुदायिक सरकारों के गठन का कोई
प्रावधान नहीं है।
4. शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या
मुख्य अंतर है? इसे उदाहरणों
के माध्यम से स्पष्ट करें।
उत्तर - शासन के एकात्मक
स्वरूप में केंद्र सरकार बहुत शक्तिशाली होती है और शासन के निचले स्तरों को सही मायने
में शक्ति नहीं मिलती। इस तरह के उदाहरण कई तानाशाही शासनों और राजतंत्रों में देखे
जा सकते हैं। जैसे लीबिया, सउदी अरब, आदि।
क्रं. |
तुलना के बिंदु |
संघात्मक सरकार |
एकात्मक सरकार |
1 |
सरकारों का स्तर |
संघात्मक शासन में
दो स्तरों वाली सरकारें काम करती हैं-केंद्र सरकार और राज्य सरकार। जैसे-भारत,
अमरीका आदि में। |
एकात्मक शासन में एक
स्तरीय सरकार होती है। यही पूरे देश के लिए कानून बनाने,
लागू करने का काम करती है। जैसे-ब्रिटेन और
फ्रांस में एकात्मक शासन व्यवस्था है। |
2 |
सरकारों के अधिकार |
संघात्मक शासन में
दोनों प्रकार की सरकारों को अपने अधिकार संविधान द्वारा प्राप्त होते हैं जिससे किसी
सरकार का दूसरी सरकार पर नियंत्रण न हो सके। |
एकात्मक शासन में एक
ही सरकार प्रमुख होती है। वह अपनी सुविधा के लिए राज्य सरकारों का निर्माण तो करती
है। किंतु उन्हें संवैधानिक शक्तियाँ देना या न देना केंद्र सरकार पर निर्भर
होता है। |
3 |
संविधान में संशोधन |
संघात्मक शासन में
संविधान में संशोधन एक जटिल प्रक्रिया द्वार किया जाता है जो कानून बनाने की प्रक्रिया
से अलग होती है। इसके लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की सहमति आवश्यक होती है।
जैसे- भारत तथा अमरीका में। |
’एकात्मक शासन में
संविधान में संशोधन ’करने की प्रक्रिया बहुत सरल होती है। केंद्र सरकार जब चाहे तब
संविधान में परिवर्तन’ कर सकती है। जैसे-इंग्लैंड तथा फ्रांस में। |
4 |
नागरिकता |
संघात्मक शासन वाले
देशों में लोगों को दोहरी नागरिकता प्राप्त होती है। जैसे- अमरीका में रहनेवाला कोई
व्यक्ति अमरीका का भी नागरिक होगा तथा जिस राज्य में वह रहता है वहाँ का भी नागरिक’कहलाएगा।
परंतु भारतीय संघीय व्यवस्था इसका अपवाद है यहाँ पर लोगों को दोहरी नागरिकता की जगह
एकहरी नागरिकता प्राप्त है । |
एकात्मक शासन वाले
देशों में रहने वाले लोग केवल अपने देश के नागरिक कहलाते हैं चाहे वे उसके किसी भी
भाग में रहते हों। जैसे-इंग्लैंड में रहने वाले व्यक्ति केवल ब्रिटिश कहलाते हैं
। उन्हें इकहरी नागरिकता प्राप्त होती है। |
5 |
वित्तीय व्यवस्था |
संघात्मक शासन में
दोनों प्रकार की सरकारों को वित्तीय स्वायत्तता प्राप्त होती है। दोनों सरकारों के
राजस्व के अलग-अलग निर्धारित हैं। |
एकात्मक शासन में राज्य
सरकारों वित्तीय स्वायतता नहीं होती। वे पूर्ण रूप से केंद्र सरकार पर निर्भर करते
हैं। |
6 |
न्यायपालिका की भूमिका |
संघात्मक शासन में
न्यायपालिका महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है केंद्र और राज्यों के बीच होनेवाले झगड़ों
को निपटाती है तथा संविधान की व्याख्या भी करती है। उसे “संविधान का संरक्षक’ कहते
हैं। |
एकात्मक देशों में
न्यायपालिका की भूमिका महत्वपूर्ण नहीं होती। वहाँ सारी शक्तियाँ केंद्र सरकार के
हाथों में होती हैं। यदि कोई राज्य सरकार उसके कहे अनुसार काम न करे तो वह उसे समाप्त
कर सकती है। |
5. 1992 के संविधान संशोधन के पहले और बाद के स्थानीय शासन के दो महत्वपूर्ण अंतरों को बताएँ।
उत्तर - भारत में सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए सभी राज्यों में गाँव के स्तर पर ग्राम पंचायतों और शहरों में नगरपालिकाओं की स्थापना की गई थी। 1992 के संविधान संशोधन के पहले स्थानीय शासन निकायों के पास संवैधानिक शक्ति नहीं होती थी। उस समय स्थानीय निकायों के चुनाव भी नियमित रूप से नहीं हो पाते थे। पर उन्हें राज्य सरकारों के सीधे नियंत्रण में रखा गया था। इनके पास न तो कोई अधिकार था न कोई संसाधन। लेकिन 1992 के संशोधन के बाद चीजें बदल गई हैं। 1992 में संविधान में संशोधन करके लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के तीसरे स्तर को मजबूत बनाया गया।
· अब स्थानीय स्वशासी निकायों
के चुनाव नियमित रूप से कराना संवैधानिक बाध्यता है।
· निर्वाचित स्वशासी निकायों
के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
· राज्य सरकारों को अपने
राजस्व और अधिकारों का कुछ हिस्सा इन स्थानीय स्वशासी निकायों को देना पड़ता है।
· कम-से-कम एक तिहाई पद
महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
· हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है। इस संशोधन द्वारा स्थानीय स्तर पर शासन को अधिक शक्तिशाली और प्रभावी बनाया गया।
6. रिक्त स्थानों को भरेंः
चूँकि
अमरीका ................. तरह का संघ है इसलिए वहाँ सभी इकाइयों को समान अधिकार है।
संघीय सरकार के मुकाबले प्रांत हैं। लेकिन भारत की संघीय प्रणाली ............ की है
और यहाँ कुछ राज्यों को औरों से ज़्यादा शक्तियाँ प्राप्त हैं।
उत्तर - साथ आकर संघ
बनाने, सबको जोड़कर संघ बनाने
7. भारत की भाषा नीति पर नीचे तीन प्रतिक्रियाएँ
दी गई हैं। इनमें से आप जिसे ठीक समझते हैं उसके पक्ष में तर्क और उदाहरण दें।
संगीता
: प्रमुख भाषाओं को समाहित करने की नीति ने राष्ट्रीय एकता को मज़बूत किया है।
अरमान
: भाषा के आधार पर राज्यों के गठन ने हमें बाँट दिया है। हम इसी कारण अपनी भाषा के
प्रति सचेत हो गए हैं।
हरीश
: इस नीति ने अन्य भाषाओं के ऊपर अँगरेजी के प्रभुत्व को मज़बूत करने भर का काम किया
है।
उत्तर - भारत की भाषा
नीति पर तीन प्रतिक्रियाएं दी गई हैं। इनमें से हमें लगता है कि संगीता द्वारा दी गई
प्रतिक्रिया सबसे ठीक है क्योंकि भारत सामंजस्य की नीति पर विश्वास करता है और इसी
सामंजस्य से हमारी राष्ट्रीय एकता सुदृढ़ होती है। भारत में प्रारंभ हिन्दी को आधिकारिक
भाषा बनाया गया। भारत में लगभग 114 प्रमुख भाषाएं हैं। 1947 के राज्यों के पुनर्गठन
की आवश्यकता को महसूस किया गया तब सभी पक्षों को ध्यान में रखकर सरकार ने भारत के राज्यों
को भाषायी आधार पर पुर्नगठित किया गया जैसे आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि। इन्हें
भाषायी आधार पर निर्मित न किया गया होता तो स्थानीय भाषायी समूह केन्द्र सरकार के विरूद्ध
मोर्चा खेल देते। इसलिए भारत में अपनाई गई भाषायी नीति ने देश की एकता को मजबूत किया।
8. संघीय सरकार की एक विशिष्टता है :
(क) राष्ट्रीय सरकार अपने कुछ
अधिकार प्रांतीय सरकारों को देती है।
(ख) अधिकार विधायिका, कार्यपालिका
और न्यायपालिका के बीच बाँट जाते हैं।
(ग) निर्वाचित पदाधिकारी ही सरकार
में सर्वोच्च ताकत का उपयोग करते हैं।
(घ) सरकार की शक्ति शासन के विभिन्न
स्तरों के बीच बँट जाती है।
उत्तर - (घ) सरकार की
शक्ति शासन के विभिन्न स्तरों के बीच बँट जाती है।
9. भारतीय संविधान की विभिन्न सूचियों में दर्ज कुछ
विषय यहाँ दिए गए हैं। इन्हें नीचे दी गई तालिका में संघीय सूची, राज्य
सूची और समवर्ती सूची वाले समूहों में लिखें।
(क) रक्षा (ख) पुलिस (ग) कृषि (घ) शिक्षा (ड) बैंकिंग (च) वन (छ) संचार (ज) व्यापार (झ) विवाह।
संघीय
सूची
राज्य
सूची
समवर्ती
सूची
उत्तर –
सूची |
विषय |
संघीय सूची |
रक्षा,
बैंकिंग,
संचार |
राज्य सूची |
पुलिस,
कृषि,
व्यापार |
समवर्ती सूची |
शिक्षा,
वन,
विवाह |
10. नीचे भारत में शासन के विभिन्न स्तरों और उनके
कानून बनाने के अधिकार-क्षेत्र के जोड़े दिए गए हैं। इनमें से कौन सा जोड़ा सही मेल वाला
नहीं है-
(क) राज्य
सरकार |
राज्य
सूची |
(ख) केंद्र
सरकार |
संघीय
सूची |
(ग) केंद्र
और राज्य सरकार |
समवर्ती
सूची |
(घ) स्थानीय
सरकार |
अवशिष्ट
अधिकार |
11. सूची 1 और सूची 2 में मेल ढूँढें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही
उत्तर चुनें।
सूची 1 |
सूची 2 |
1. भारतीय
संघ |
(अ)
प्रधानमंत्री |
2. राज्य |
(ब)
सरपंच |
3. नगर
निगम |
(स)
राज्यपाल |
4. ग्राम
पंचायत |
(द)
मेयर |
|
1 |
2 |
3 |
4 |
(सा) |
द |
अ |
ब |
स |
(रे) |
ब |
स |
द |
अ |
(गा) |
अ |
स |
द |
ब |
(मा) |
स |
द |
अ |
ब |
12. इन बयानों पर
गौर करें :
(अ) संघीय व्यवस्था में संघ और
प्रांतीय सरकारों के अधिकार स्पष्ट रूप से तय होते हैं।
(ब) भारत एक संघ है क्योंकि केंद्र
और राज्य सरकारों के अधिकार संविधान में स्पष्ट रूप से दर्ज हैं और अपने-अपने विषयों
पर उनका स्पष्ट अधिकार है।
(स) श्रीलंका में संघीय व्यवस्था
है क्योंकि उसे प्रांतों में बाँट दिया गया है।
(द) भारत में संघीय व्यवस्था नहीं
रही क्योंकि राज्यों के कुछ अधिकार स्थानीय शासन की इकाइयों में बाँट दिए गए हैं।
ऊपर दिए
गए बयानों में कौन-कौन सही हैं।
(सा) अ, ब और स
(रे) अ, स और द
(गा) अ और ब (मा) ब और स
उत्तर - (गा) अ और ब
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01 अंक हेतु प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय
प्रश्न -
1. दुनिया के कितने देशों में संघात्मक शासन व्यवस्था
है?
अ. 25 ब. 30 स. 35 द. 40
2. किस देश में केन्द्रीय सरकार की शक्तियों को कम
करके प्रांतीय सरकारों को ज्यादा शक्तियां दी गईं?
अ. जर्मनी ब. रूस स. बेल्जियम द.
पोलैंड
3. ............................. सरकार का वह
स्वरूप है जिसमें सत्ता को सरकार के विभिन्न स्तरों में विभाजित किया जाता है।
अ. संघात्मक ब. एकात्मक स. राजतंत्रात्मक द.
औपनिवेशिक
4. .............................. साथ आकर संघ
बनाने का उदाहरण है।
अ. भारत ब. स्पेन स. बेल्जियम द. ऑस्ट्रेलिया
5. सत्ता में साझेदारी सही है क्योंकि -
अ. यह विविधता को अपने में
समेट लेती है ब. देश
की एकता को कमजोर करती है
स. फैसले लेने में देरी करती
है द.
विभिन्न समुदायों के बीच टकरावों को कम करती है
6. कौन सा देश साथ लेकर चलने का उदाहरण है-
अ. श्रीलंका ब. पाकिस्तान स. भारत द. अमेरिका
7. कौन सा विषय संघसूची का विषय नहीं है?
अ. प्रतिरक्षा ब. विदेशी मामले स. वाणिज्य द. संचार
8. निम्नलिखित में से किन विषयों पर राज्य और केन्द्र
दोनों कानून बना सकते हैं?
अ. मुद्रा,संचार और बैंकिंग ब.
पुलिस,
व्यापार और सिंचाई
स. अंतरिक्ष अनुसंधान, साईबर कानून और सरोगेसी नियम द. शिक्षा, वन
और उत्तराधिकार नियम
9. भारत में संघ और राज्यों के बीच विभाजन कितनी
सूचियों में हुआ है?
अ. एक ब. दो स. तीन द.
चार
10. संघवाद
की विशेषता नहीं है।
अ. लिखित संविधान ब. शक्तियों का विभाजन स. इकहरी शासन व्यवस्था द.
सर्वोच्च न्यायपालिका
11. हिंदी
के बाद सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा है -
अ. बांग्ला ब. मराठी स. तमिल द.
तेलुगु
12. इनमें
से किस राज्य को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है?
अ. नगालैंड ब. झारखंड स. उत्तराखंड द.
बिहार
13. संविधान
के किस अनुच्छेद के तहत असम, नगालैंड, अरूणाचल प्रदेश
और मिजोरम को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है?
अ. अनुच्छेद 370 ब.
अनुच्छेद 371 स.
अनुच्छेद 270 द.
अनुच्छेद 271
14. वह क्षेत्र जो एक स्वतंत्र राज्य बनने के लिए
बहुत छोटा है लेकिन मौजूदा राज्य के साथ विलय नहीं किया जा सकता है -
अ. विशेष राज्य ब. केन्द्र शासित प्रदेश स. प्रांतीय सरकार द. प्रांत शासित क्षेत्र
15. पोखरण
किस राज्य में स्थित है?
अ. राजस्थान ब. गुजरात स. हरियाणा द.
पंजाब
16. भारत
के कई पुराने राज्यों की सीमाओं में पहली बार बदलाव कब हुआ?
अ. 1950 के दशक में ब. 1960 के दशक में स. 1970 के दशक में द.
1980 के दशक में
17. संवैधानिक
रूप से अंग्रेजी भाषा के उपयोग को किस वर्ष से बंद करना था?
अ. 1955 ब. 1965 स. 1975 द. 1985
18. रक्षा
.................................... सूची का विषय है।
अ. राज्य ब. स्थानीय स. संघ द. समवर्ती
19. शिक्षा
.................................... सूची का विषय है।
अ. राज्य ब. स्थानीय स. संघ द. समवर्ती
20. रेल्वे
.................................... सूची का विषय है।
अ. राज्य ब. स्थानीय स. संघ द. समवर्ती
21. आई टी .................................... सूची का विषय है।
अ. राज्य ब. अवषिष्ट स. संघ द. समवर्ती
22. भारत की राष्ट्रीय भाषा
........................ है।
अ. हिन्दी ब. अंग्रेजी स. तमिल द. इनमें से कोई नहीं
23. भारत
की अनुसूचित भाषा नहीं है।
अ. हिन्दी ब. अंग्रेजी स. तमिल द. संस्कृत
24. दो या
दो से अधिक राजनीतिक दल मिलकर जब सरकार बनाते हैं तो उसे कहते हैं।
अ. केंद्र सरकार ब. राज्य सरकार स. गठबंधन सरकार द.
स्थानीय सरकार
25. आठवीं अनुसूची में दर्ज कौन सी भाषा सबसे कम
बोली जाती है?
अ. हिन्दी ब. अंग्रेजी स. तमिल द. संस्कृत
26. भारत में सत्ता की साझेदारी का तीसरा स्तर कौन
सा है?
अ. केन्द्र सरकार ब. राज्य सरकार स. स्थानीय सरकार द.
सिविल सोसायटी
27. सत्ता
के वास्तविक विकेन्द्रीकरण के लिए बड़ा कदम कब उठाया गया ?
अ. 1974 ब. 1947 स. 1950 द. 1992
28. नगरनिगम के प्रमुख राजनीतिक प्रधान को क्या कहते
हैं?
अ. नगरनिगम अध्यक्ष ब. मेयर स. पार्षद द.
एल्डरमेन
29. पोर्तो एलग्रे शहर जहाँ विकेन्द्रीकरण में नागरिकों
की सक्रिय भागीदारी का विलक्षण प्रयोग किया गया। किस देश में स्थित है?
अ. बेल्जियम ब. फ्रांस स. श्रीलंका द. ब्राजील
30. भारत में कितने प्रतिशत लोगों की मातृभाषा हिंदी
है?
अ.
35 प्रतिशत ब. 40 प्रतिशत स. 42 प्रतिशत द. 48 प्रतिशत
31. भारतीय संविधान द्वारा कितनी भाषाओं के अनुसूचित भाषाओं का दर्जा दिया गया है।
अ.
20 भाषाओं का ब. 21 भाषाओं का स. 22 भाषाओं का द. 23 भाषाओं का
32. भारत के किस राज्य को अनुच्छेद 370के तहत विशेष दर्जा प्राप्त था?
अ.
उत्तर-प्रदेश ब. जम्मू कश्मीर स. कर्नाटक द. आन्ध्र प्रदेश
33. केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच में होने वाले विवादों का निपटारा कौन करता है?
अ.
प्रधानमंत्री ब. राष्ट्रपति स. न्यायपालिका द. राज्यपाल
34. स्थानीय शासन वाली संस्थाऐं जो शहरों में काम करती हैं, कहलाती है।
अ.
नगरपालिका और नगर निगम ब. जिला पंचायत स. विधान परिषद द. ग्राम पंचायत
35. केन्द्र और राज्यों के बीच सत्ता का बँटवारा कितनी सूचियों में किया गया है?
अ.
3 ब. 4 स. 5 द. 6
36. राज्य पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट को कब लागू किया गया था?
अ.
12 मई 1950 ब. 1 नवम्बर 1956 स. 26 जनवरी 1950 द. 15 अगस्त 1947
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -
1. संविधान का
रखवाला ........................... को कहा जाता है। (कार्यपालिका/न्यायपालिका)
2. भारत में
वर्तमान में .................... राज्य तथा ........................... केन्द्रशासित
प्रदेश हैं। (28,08/29,09)
3. भारत, बेल्जियम और स्पेन ........................... के उदाहरण हैं।
(संघवाद/एकल सरकार)
4. ......................................
के बाद देश में गठबंधन सरकारों की शुरूवात हुई। (1990/1992)
5. भोजपुरी, मगही, बुंदेलखंडी, छत्तीसगढ़ी और राजस्थानी ........................ भाषा समूह
के अंतर्गत सम्मिलित हैं। (हिंदी/तमिल)
सही जोड़ी बनाइए -
स्तम्भ
क |
स्तम्भ
ख |
1 संघीय सूची |
अ शिक्षा |
2 राज्य सूची |
ब शक्ति का विभाजन |
3 समवर्ती सूची |
स संचार |
4 अवशिष्ट विषय |
द कृषि |
5 संविधान |
इ आई टी |
1.सत्ता का विकेन्द्रीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर- केन्द्र और राज्य से
शक्तियाँ लेकर स्थानीय सरकारों को देना।
2. नगर पालिकाओं और ग्राम पंचायतों के लिए लगभग कितने
लोगों का चुनाव होता है ?
उत्तर- 36 लाख
3. भारत में किस राज्य को अनुच्छेद के तहत विशेष
दर्ज़ा प्राप्त था?
उत्तर- जम्मू कश्मीर
4. स्थानीय शासन वाली कौन-कौन सी संस्थाएँ शहरों
में काम करती हैं ?
उत्तर- नगरपालिका और नगर निगम
5. एकात्मक शासन व्यवस्था किसे कहते हैं ?
उत्तर- ऐसी व्यवस्था जिसमें
शासन का एक ही स्तर होता है।
6. बेल्जियम में किस प्रकार की सरकार है ?
उत्तर- संघीय सरकार
7. पचायत समिति का गठन कैसे होता है ?
उत्तर- कई पंचों को मिलाकर
पंचायत समिति का गठन होता है।
8. नगर निगम के प्रमुख को क्या कहते हैं ?
उत्तर- मेयर
9. समवर्ती सूची के विषयों पर कानून कौन बनाता है?
उत्तर- केन्द्र सरकार तथा राज्य
सरकार।
10. राज्य पुनर्गठन आयोग की रिपोर्ट कब लागू की गई
थी?
उत्तरः1 नवंबर 1956।
11. स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए कितनी सीटें
आरक्षित हैं?
उत्तर - सभी पदों में से कम
से कम एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
12. भारत में ग्रामीण स्थानीय सरकार को किस प्रकार
लोकप्रिय रूप से जाना जाता है ?
उत्तर - भारत में ग्रामीण स्थानीय
सरकार को पंचायती राज के नाम से जाना जाता है।
13. एक गाँव में ग्राम सभा के सदस्य कौन होते हैं
?
उत्तर - गांव के सभी मतदाता
ग्राम सभा के सदस्य हैं।
14. नगर निगम के अध्यक्ष के लिए आधिकारिक पद क्या
है?
उत्तर - महापौर।
15. पंचायतों और नगर पालिकाओं आदि में निर्वाचित प्रतिनिधियों
की अनुमानित संख्या कितनी है?
उत्तर - लगभग 36 लाख।
सत्य/असत्य लिखिए
-
1. भारत में
राज्यों की तुलना में केन्द्र सरकार ज्यादा मजबूत है।
2. राज्य पुर्नगठन
आयोग की रिपोर्ट को 01 नवम्बर 1956 को लागू किया गया।
3. भारत में
आजादी के बाद राज्यों का पहला पुनर्गठन भाषा के आधार पर हुआ।
4. संघवाद से
लोकतंत्र कमजोर होता है।
5. लक्षद्वीप
एक स्वतंत्र राज्य है।
6. भारत के प्रान्त यूरोप
के स्वतंत्र देशों से भी बड़े हैं।
---000---
01 अंक के प्रश्नों के उत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर -
1 | (अ) | 10 | (स) | 19 | (द) | 28 | (ब) |
2 | (स) | 11 | (अ) | 20 | (स) | 29 | (द) |
3 | (अ) | 12 | (द) | 21 | (ब) | 30 | (ब) |
4 | (द) | 13 | (ब) | 22 | (द) | 31 | (स) |
5 | (द) | 14 | (ब) | 23 | (ब) | 32 | (ब) |
6 | (स) | 15 | (अ) | 24 | (स) | 33 | (स) |
7 | (स) | 16 | (अ) | 25 | (द) | 34 | (अ) |
8 | (द) | 17 | (ब) | 26 | (स) | 35 | (अ) |
9 | (स) | 18 | (स) | 27 | (द) | 36 | (ब) |
रिक्त स्थानों की पूर्ति
1. – न्यायपालिका , 2. - 28,08 , 3. – संघवाद, 4. – 1990, 5. - हिंदी
सही जोड़ी
1 -स , 2 – द, 3 – अ, 4 – इ, 5 -ब
सत्य/असत्य
1 - सत्य, 2 - सत्य, 3 - सत्य, 4 – असत्य , 5 – असत्य, 6 – सत्य
-------------------
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
( 02 अंक ) -
1. संघवाद किसे कहते हैं?
उत्तर - संघवाद सरकार की एक
प्रणाली है जिसमें शक्ति को एक केंद्रीय प्राधिकरण और देश की विभिन्न घटक इकाइयों के
बीच विभाजित किया जाता है।
2. 1993 में बेल्जियम में सरकार के स्वरूप में क्या परिवर्तन
हुआ?
उत्तर - 1993 में, बेल्जियम एक एकात्मक से सरकार के एक संघीय रूप में स्थानांतरित
हो गया क्योंकि क्षेत्रीय सरकारों को संवैधानिक अधिकार दिए गए थे। क्षेत्रीय सरकारें
अब केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं थीं।
3. पश्चिम में संघीय सरकार वाले किन्हीं दो देशों
के नाम लिखिए।
उत्तर - यूएसए और कनाडा।
4. क्षेत्राधिकार क्या है?
उत्तर - क्षेत्राधिकार वह क्षेत्र
है जिस पर किसी का कानूनी अधिकार होता है। क्षेत्र को भौगोलिक सीमाओं के संदर्भ में
या कुछ विशेष प्रकार के विषयों के संदर्भ में परिभाषित किया जा सकता है।
5. सरकार की एकात्मक प्रणाली क्या है?
उत्तर - एकात्मक प्रणाली के
तहत या तो सरकार का एक ही स्तर होता है या उप इकाइयाँ केंद्र सरकार के अधीनस्थ होती
हैं।
6. सरकार की संघीय व्यवस्था में संविधान के मौलिक
प्रावधानों को कैसे बदला या संशोधित किया जा सकता है ?
उत्तर - संविधान के मूल प्रावधानों
को एक स्तर की सरकार द्वारा एकतरफा नहीं बदला जा सकता है। इस तरह के परिवर्तनों के
लिए सरकार के दोनों स्तरों की सहमति की आवश्यकता होती है।
7. राजनीति के अलावा और कौन से कारक संघों को एकजुट
रखते हैं ?
उत्तर - आपसी विश्वास और साथ
रहने का समझौता अन्य कारक हैं जो संघों को एक साथ रखते हैं।
8. भारतीय संघीय व्यवस्था की प्रकृति क्या है ?
उत्तर - भारतीय संघीय व्यवस्था
’साथ लेकर चलने वाला संघ ’ प्रकार
के संघ का एक उदाहरण है।
9. ‘एक साथ आना’ संघ के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर – यूएसए, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रेलिया।
10. भारत को एक संघीय देश बनाने वाली किसी एक विशेषता
का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - संविधान केंद्र सरकार
और राज्य सरकारों के बीच विधायी शक्तियों को विभाजित करता है। इसकी तीन सूचियाँ हैं
संघ सूची,
राज्य सूची और समवर्ती सूची।
11. अवशिष्ट विषय क्या हैं ? इन विषयों पर
कौन कानून बना सकता है ?
उत्तर - अवशिष्ट विषय वे विषय
हैं जो किसी सूची में शामिल नहीं हैं। केंद्र सरकार के पास ’अवशिष्ट’ विषयों पर कानून
बनाने की शक्ति है।
12. कौन सी सरकार समवर्ती सूची में शामिल विषयों पर
कानून बना सकती है ?
उत्तर - समवर्ती सूची में शामिल
विषयों पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारें कानून बना सकती हैं।
13. शक्तियों के विभाजन के बारे में किसी भी विवाद
के मामले में कौन सी संस्था इसे तय करती है ?
उत्तर - शक्तियों के विभाजन
के बारे में किसी भी विवाद के मामले में, उच्च
न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय निर्णय लेते हैं।
14. केंद्र शासित प्रदेशों के नाम लिखिए।
उत्तर - भारत एक संघीय संघ
है जिसमें कुल 36 निकाय के साथ 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश शामिल
हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आगे जिलों और छोटे प्रशासनिक प्रभागों में
विभाजित किया गया है। जिनमें केन्द्र शासित प्रदेशों की सूची निम्नानुसार है -
1. अंडमान
और निकोबार द्वीप समूह 2. चंडीगढ़ 3. दादर और नागर हवेली तथा दमन और दीव 4. दिल्ली 5. लक्षद्वीप 6. पुडुचेरी 7. जम्मू और कश्मीर 8. लद्दाख
15. पोखरण में क्या हुआ था? कहाँ है ?
उत्तर - पोखरण वह जगह है जहां
भारत ने अपने परमाणु परीक्षण किए। राजस्थान में है।
16. संस्कृति, जातीयता या भूगोल
के आधार पर मतभेदों को पहचानने के लिए किन राज्यों का निर्माण किया गया है ?
उत्तर – नागालैंड, उत्तराखंड और झारखंड।
17. भाषाई राज्यों के गठन का एक लाभ बताइए।
उत्तर - भाषाई राज्यों के गठन
ने देश को और अधिक एकजुट किया है। इसने प्रशासन को भी आसान बना दिया है।
18. भारतीय संविधान द्वारा कितनी भाषाओं को अनुसूचित
भाषाओं के रूप में मान्यता दी गई है ?
उत्तर - 22 भाषाओं को संविधान द्वारा
अनुसूचित भाषाओं के रूप में मान्यता दी गई है।
19. भारत में हिंदी की क्या स्थिति है ?
उत्तर - राजभाषा के रूप में
हिन्दी की पहचान की गई।
20. गठबंधन सरकार क्या है ?
उत्तर - कम से कम दो राजनीतिक
दलों के एक साथ आने से बनी सरकार। आमतौर पर गठबंधन में भागीदार एक राजनीतिक गठबंधन
बनाते हैं और एक कामन मिनिमम प्रोग्राम को अपनाते हैं।
21. विकेंद्रीकरण क्या है ?
उत्तर - जब केंद्र और राज्य
सरकार से सत्ता संचालन की कुछ शक्तियों को विभाजित कर ली जाती है और स्थानीय सरकार
को दे दी जाती है,
तो इसे विकेंद्रीकरण कहा जाता है।
22. लोकतंत्र के तीसरे स्तर को अधिक शक्तिशाली और
प्रभावी बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ?किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - स्थानीय निकाय निकायों
के लिए नियमित चुनाव कराना संवैधानिक रूप से अनिवार्य है। पंचायत और नगरपालिका चुनाव
कराने के लिए प्रत्येक राज्य में राज्य चुनाव आयोग नामक एक स्वतंत्र संस्था बनाई गई
है।
23. स्थानीय निकायों को किन समस्याओं का सामना करना
पड़ रहा है ? किन्हीं दो का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - कई राज्य सरकारों ने स्थानीय सरकारों को महत्वपूर्ण
शक्तियां हस्तांतरित नहीं की हैं।
स्थानीय निकायों
को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
24. संघवाद में कितने प्रकार की सरकारें होती हैं
? नाम बताएँ।
उत्तर - संघवाद में दो प्रकार
की सरकारें होती हैं। यह हैं- केन्द्रीय सरकार तथा राज्य सरकारें।
25. संघवाद कितने प्रकार का होता है ? नाम बताएँ।
उत्तर - संघवाद दो प्रकार का
होता है : साथ आकर संघ बनाना (Coming Together
Fedaration) तथा साथ लेकर संघ बनाना
(Holding Together Federation).
26. साथ आकर संघ बनाने का क्या अर्थ है ?
उत्तर - इस प्रकार के संघ में
केन्द्र तथा राज्य दोनों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य
अमेरिका।
27. साथ लेकर संघ बनाने का क्या अर्थ है ?
उत्तर - इस प्रकार के संघ में
केन्द्र सरकार राज्य सरकारों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली होती है। उदाहरण के लिए भारत
।
28. भारत में भाषायी आधार पर निर्मित चार राज्यों
के नाम बताएँ।
उत्तर - (क) महाराष्ट्र (ख)
पंजाब (ग) आन्ध्र प्रदेश (घ) तमिलनाडु।
29. संविधान में दी गई तीन सूचियों के नाम बताएँ जिनमें
अलग-अलग विषय दिए गए हैं।
उत्तर - (क) केन्द्रीय सूची
(ख) राज्य सूची (ग) समवर्ती सूची।
30. उस प्रक्रिया को क्या कहते हैं जिसमें केंद्र
तथा राज्य सरकार की कुछ शक्तियाँ स्थानीय सरकारों को दे दी जाती हैं ?
उत्तर - शक्तियों का विकेंद्रीकरण
।
31. 73वाँ संवैधानिक
संशोधन कब हुआ था ?
उत्तर - 73वाँ संवैधानिक संशोधन 1992 में हुआ था।
32. स्थानीय सरकार में महिलाओं के लिए कितने स्थान
आरक्षित हैं ?
उत्तर - स्थानीय सरकार में
एक तिहाई स्थान औरतों के लिए आरक्षित हैं।
33. ग्रामीण क्षेत्रों की स्थानीय सरकार की तीन स्तरीय
संरचना के नाम बताएँ।
उत्तर - गाँव के स्तर पर पंचायत,
ब्लॉक के स्तर पर पंचायत समिति तथा जिला स्तर पर जिला परिषद।
लघु उत्तरीय प्रश्न
( 03 अंक )
1. भारतीय संविधान में केंद्र और राज्यों के बीच
शक्तियों का बँटवारा किस प्रकार किया गया है ?
उत्तर- संघ सूची – प्रतिरक्षा, विदेश, बँकिंग, संचार, मुद्रा
आदि - राष्ट्रीय महत्व के विषय।
राज्य सूची - पुलिस, व्यापार, वाणिज्य, कृषि, सिंचाई
- प्रान्तीय महत्च के विषय।
समवर्ती सूची - शिक्षा, वन, मजदूर
संघ,
विवाह, गोद
लेना।
अवशिष्ट शक्तियाँ - वे विषय
जो ऊपर के तीन सूचियों में नहीं हैं तथा जिन पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार
को है।
2. स्थानीय सरकारों के महत्व का वर्णन कीजिए ?
उत्तर- स्थानीय सरकारों के
महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के अनुसार समझा जा सकता है -
1. अनेक समस्याओं
का निपटारा स्थानीय स्तर पर हो जाता है।
2. लोगों को
इस बात की जानकारी होती है कि पैसा कहाँ और कैसे खर्च करना है।
3. स्थानीय स्तर
पर लोगों को फैसलों में सीधे भागीदार बनाना संभव हो जाता है।
4. सत्ता में
अधिक से अधिक लोगों को भागीदार बनाना।
5. स्थानीय शासन
सत्ता के विकेन्द्रीकरण के अनुरूप है।
3. 1992 के संविधान संशोधन द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था
में विकेन्द्रीकरण की प्रभावी बनाने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं ?
उत्तर - 1992 के संविधान संशोधन द्वारा
लोकतांत्रिक व्यवस्था में विकेन्द्रीकरण की प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित प्रयास
किए गए हैं
1. स्थानीय निकायों
के चुनाव नियमित रूप से कराना अनिवार्य है।
2. कम से कम
एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
3. हर राज्य
में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था
का गठन किया गया है।
4. राज्य सरकारों
को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ हिस्सा स्थानीय निकायों को देना पड़ा।
4. संघवाद या संघीय शासन व्यवस्था क्या है ? इसकी विशेषताएँ
लिखिए।
उत्तर- संघवाद - संघवाद सरकार
की एक प्रणाली है जिसमें शक्ति को एक केंद्रीय प्राधिकरण और देश की विभिन्न घटक इकाइयों
के बीच विभाजित किया जाता है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं -
1. संघीय व्यवस्था
में सत्ता केन्द्रीय सरकार और अन्य सरकारों में बंटी होती है।
2. संघीय व्यवस्था
में दो या दो से अधिक स्तर की सरकारें होती हैं।
3. केंद्र सरकार
राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर कानून बनाती है और राज्य सरकारें राज्य से संबंधित विषयों
पर।
4. दोनों स्तर
की सरकारें अपने-अपने स्तर पर स्वतंत्र होकर अपना काम करती हैं।
5. केन्द्र तथा
राजय सरकार के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट रूप से वर्णित हैं।
5. भारत की भाषा नीति क्या है ?
उत्तर - भारत की भाषा नीति
के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं -
1. भारत में
किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा न देकर हिंदी और अन्य 21 भाषाओं को अनुसूचित भाषा
का दर्जा दिया गया है।
2. अंग्रेजी
को राजकीय भाषा के रूप में मान्यता दी गई है, विशेषकर गैर हिन्दी भाषी प्रदेशों को देखते हुए।
3. सभी राज्यों
की मुख्य भाषा का विशेष ख्याल रखा गया है।
6. 1992 से पूर्व विकेन्द्रीकरण के स्वरूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर- 1992 से पूर्व
विकेंद्रीकरण की स्थिति ठीक नहीं थी , विकेंद्रीकरण नाममात्र का था जिसे निम्न
बिन्दुओं के अधर पर समझा जा सकता है -
1. सभी राज्यों
में गाँव के स्तर पर ग्राम पंचायतें और शहरों में नगरपालिकाओं की स्थापना की गई थी।
2. स्थानीय संस्थाएँ
राज्य सरकारों के अधीन रखी गई थी।
3. स्थानीय संस्थाओं
के चुनाव नियत समय पर नहीं कराए जाते थे।
4. स्थानीय संस्थाओं
के पास न अपना अधिकार था और न संसाधन।
7. केन्द्र और राज्यों के सम्बन्धों में आए बदलावों
का वर्णन कीजिए।
उत्तर - केन्द्र और राज्य सरकारों
के संबंधों में 1990 के बाद काफी बदलाव आए
जो कि निम्नानुसार हैं -
1. विभिन्न राज्यों
में क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारें।
2. गठबन्धन सरकारों
के आने से केन्द्र सरकार अपनी मनमानी नहीं कर सकती है।
3. केन्द्रीय
राजस्व में राज्यों को दी जाने वाली राशि में बढ़ोतरी।
4. केन्द्र
- राज्य तनाव में कमी।
5. केन्द्र
- राज्य सम्बन्धों में सुधार।
6. केन्द्र सरकार
की योजनाओं में राज्यों के हितों का ख्याल।
8. पंचायतों की मुख्य परेशानियों का वर्णन करें।
उत्तर - पंचायतों के समक्ष
निम्नलिखित परेशानियां प्रमुख रूप से दिखाई देती हैं -
1. जागरूकता
का अभाव ।
2. धन का अभाव
।
3. अधिकारियों
की मनमानी।
4. जन सहभागिता
में कमी।
5. केन्द्र और
राज्य सरकारों द्वारा समय पर वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं कराना।
6. चुनाव नियमित
रूप से नहीं होते।
9. भारत एक संघीय व्यवस्था वाला देश है इस तथ्य को
साबित करने वाले मुख्य सिद्धांतों को लिखिए।
उत्तर - भारत एक संघीय व्यवस्था
वाला देश है क्योंकि -
1. भारत में
केन्द्र,
राज्य और स्थानीय, तीन
स्तरों पर सरकारें हैं।
2. भारत में
एक लिखित एवं विस्तृत संविधान है।
3. प्रत्येक
स्तर की सरकार के अधिकार क्षेत्र संविधान में स्पष्ट वणित हैं।
4. संविधान के
मौलिक प्रावधानों को कोई एक स्तर की सरकार अकेले नहीं बदल सकती।
5. सर्वोच्च
न्यायालय की संविधान की व्याख्या का अधिकार।
6. केन्द्र और
राज्य सरकारों के बीच विधायी शक्तियों को संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में बांटा जाना।
7. वित्तीय स्वायतता
के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए अलग-अलग स्रोत।
10. संघवाद की किन्हीं तीन बुराइयों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर - संघवाद की आलोचना निमनलिखित
बिंदुओं के आधार पर की जाती है -
1. केन्द्रीय
सरकार का अधिक शक्तिशाली होना।
2. संविधान संशोधन
का अधिकार केवल केन्द्र को ही प्राप्त होना।
3. संसद को अधिक
अधिकार होना।
4. धन संबंधी
अधिकारों का केन्द्र के पास अधिक होना।
5. केन्द्र सरकार
का राज्य सरकारों के मामले में अनावश्यक हस्तक्षेप।
11. संघीय व्यवस्था की चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए ?
उत्तर - संघीय व्यवस्था की
चार विषेषताएं निम्नलिखित हैं -
1. सरकार एक
से अधिक प्रकार की होती है।
2. सत्ता का
विभाजन होता है।
3. प्रत्येक
सरकार का अपना क्षेत्राधिकार निश्चित होता है।
4. दोनों सरकारें
एक ही नागरिक समूह पर शासन करती है।
12. सरकार का एकल रूप क्या होता है ? तीन विशेषताएं
लिखिए।
उत्तर - एकात्मक शासन में एक
स्तरीय सरकार होती है। यही पूरे देश के लिए कानून बनाने, लागू करने का काम करती है। जैसे-ब्रिटेन और फ्रांस में एकात्मक
शासन व्यवस्था है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं -
1. जब सरकार
का स्तर एक होता है। इससे अलग उसकी उपइकाइयाँ होती है। जो उसके अधीन काम करती है।
2. केन्द्र सरकार
राज्य सरकार के लिए आदेश पारित कर सकती है।
3. मुख्य शक्ति
केन्द्रीय सरकार के पास ही होती है।
13. केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच विधायी शक्तियों
के तीन स्तरीय विभाजन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- तीन सूचियों में विभाजन
किया गया है।
1. संघ सूची
- राष्ट्रीय महत्व के विषय
2. राज्य सूची
- स्थानीय महत्व के विषय
3. समवर्ती सूची
- साझे महत्व के विषय
14. भारत में संघीय शासन व्यवस्था किस प्रकार राज्यों
के निर्माण में सफल रही ? तीन बिन्दुओं में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
1. संघीय व्यवस्था
भारत में राज्यों के गठन के संदर्भ में सफल रही।
2. भाषायी आधार
पर राज्यों का गठन सफल प्रयास रहा।
3. कुछ राज्यों
का गठन संस्कृति भूगोल तथा जातीय विभिन्नताओं की पहचान हेतु किया गया।
15. भारत की भाषा नीति की कोई चार विशेषताएँ लिखिए ?
उत्तर-
1. संविधान में
किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नही दिया गया है।
2. संविधान में
22 भाषाओं का अनुसूचित भाषा का दर्जा दिया गया है।
3. केन्द्र सरकार
ने हिन्दी के साथ अंग्रेजी को राजकीय कामों में प्रयोग की अनुमति दे दी है।
4. हिन्दी को
बढ़ावा देने की केन्द्र सरकार की नीति है लेकिन दूसरे राज्यों पर हिन्दी को थोपा नही जा सकता है।
16. विकेन्द्रीकरण के क्या लाभ है ? कोई तीन लाभ
बताइए।
उत्तर-
1. विकेन्द्रीकरण
का अर्थ है - सत्ता का बँटवारा।
2. विकेन्द्रीकरण
से तानाशाही प्रवृत्ति की समाप्ति होती है।
3. स्थानीय स्तर
पर समस्याओं का समाधान हो जाता है।
4. प्रजातन्त्रिक
मूल्यों को शक्ति मिलती है।
17. 1992 के संविधान संशोधन द्वारा हमारे देश में सरकार
के तीसरे स्तर को अधिक प्रभावशाली क्यों बनाया गया ?
उत्तर- 1992 में
विकेंद्रीकरण के पहले सत्ता का विकेंद्रीकरण नाम मात्र का हुआ था जिसे वास्तविकता
का जमा पहनाया जरुरी था. अत निम्नलिखित बदलावों से हम समझ सकते हैं कि तीसरे स्तर
को अधिक प्रभावशाली क्यों बनाया गया -
1. गाँव, प्रखण्ड तथा जिला स्तर पर स्थानीय सरकार का निर्माण
2. स्थानीय लोगों
को सत्ता में शामिल करके देश के विकास में सहायक बनाया गया।
3. महिलाओं, अनुसूचित जातियों तथा पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था।
4. स्थानीय स्तर
पर समस्याओं का शीघ्र निपटारा।
18. हमारे देश में कानून बनाने से संबंधित कितनी सूचियाँ
हैं ?
उत्तर- हमारे देश में कानून
बनाने से संबंधित तीन प्रकार की सूचियाँ हैं।
पहली है संघीय सूची जिसमें
दिए गए विषयों पर केवल केंद्र सरकार ही कानून बना सकती है।
दूसरी सूची है राज्य सूची जिसमें
दिये गए विषयों पर केवल राज्य सरकार कानून बना सकती है।
तीसरी है समवर्ती सूची जिसमें
दिए गए विषयों पर केंद्र तथा राज्य दोनों कानून बना सकते हैं।
परंतु कानूनों के आमने-सामने
होने से केंद्र सरकार का कानून मान्य होगा।
19. संघीय सरकार में शक्तियाँ किस प्रकार विभाजित
की गई हैं ?
उत्तर- संपूर्ण देश के हित
से संबंधित मुद्दे,
जैसे कि रक्षा, विदेश
मंत्रालय,
डाक तथा तार, वित्त
इत्यादि केंद्र सरकार को दिए गए हैं। इस प्रकार स्थानीय महत्त्व से संबंधित मुद्दे
राज्य सरकारों को दिए गए हैं। बाकी बचे मुद्दों पर कोई भी कानून बना सकता है।
20. संघीय सूची का क्या अर्थ है ?
उत्तर- संघीय सूची राष्ट्रीय
महत्त्व के विषयों की एक सूची है जिन पर केवल केंद्र सरकार कानून बना सकती है। संघीय
सूची में संपूर्ण देश से संबंधित विषय होते हैं जैसे कि रक्षा,
वित्त, विदेश
विभाग,
बैंकिंग, डाक
तथा तार इत्यादि। इन मामलों पर केवल केंद्र सरकार ही निर्णय ले सकती है।
21. राज्य सूची का क्या अर्थ है ?
उत्तर- राज्य सूची स्थानीय
एवं प्रांतीय महत्त्व के विषयों की एक सूची है जिन पर केवल राज्य सरकार कानून बना सकती
है। स्थानीय महत्त्व के विषय इसमें शामिल होते हैं जैसे कि पुलिस, कृषि सिंचाई, व्यापार, वाणिज्य इत्यादि। राज्य सरकार केवल उन विषयों पर कानून बना सकती
है जो राज्य सूची में दिए गए हैं।
22. समवर्ती सूची का क्या अर्थ है ?
उत्तर- समवर्ती सूची ऐसे विषयों
की एक सूची है जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकारों दोनों के सांझा हित शामिल हैं। वन, शिक्षा, ट्रेड
यूनियन इत्यादि जैसे विषय इसमें शामिल हैं। केंद्र तथा राज्य सरकारें दोनों इन विषयों
पर कानून बना सकती हैं। परंतु अगर दोनों सरकारों द्वारा बनाए कानून आमने-सामने आ जाएँ
तो राज्य सरकार का कानून निरस्त हो जाएगा तथा केंद्र सरकार का कानून मान्य होगा।
23. भारत में शक्तियों के विकेंद्रीकरण की क्या आवश्यकता
है ?
उत्तर- भारत एक बहुत बड़ा देश
है जिसकी जनसंख्या 121 करोड़ (2011 की जनसंख्या के अनुसार)
है। केंद्र तथा राज्य सरकार के लिए देश के बड़े आकार के कारण, यह मुमकिन नहीं कि वह प्रत्येक गाँव तथा शहर का ध्यान रख सकें।
इसलिए प्रशासन की शक्तियों का ऊपर से नीचे तक विभाजन किया गया है ताकि लोगों की भलाई
के लिए कार्य हो सके।
24. भारत में शक्तियों के विकेंद्रीकरण के लिए कौन-सा
महत्त्वपूर्ण कदम उठाया गया था ?
उत्तर- भारत में शक्तियों के
विकेंद्रीकरण के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए 1992 में संविधान में 73वाँ संवैधानिक संशोधन किया गया। उसके उपरांत स्थानीय स्व-सरकारों
को अधिक शक्तियाँ प्रदान की गईं।
25. संघीय व्यवस्था में दो अथवा अधिक प्रकार की सरकारें
होती हैं।’ इस कथन की व्याख्या करें।
उत्तर- संघवाद सरकार की एक
व्यवस्था है जिसमें संपूर्ण शक्तियों को केंद्र तथा उसे बनाने वाले घटकों में विभाजित
किया जाता है। केंद्र सरकार संपूर्ण राष्ट्र पर शासन करती है तथा इसके घटक अलग-अलग
राज्य होते हैं जो राज्यों पर शासन करते हैं। इसलिए ही संघीय व्यवस्था में दो अथवा
अधिक प्रकार की सरकारें होती हैं।
26. एक आदर्श संघीय व्यवस्था की किन्हीं तीन विशेषताओं
का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - एक आदर्श संघीय व्यवस्था
की तीन विशेषताएं निम्नलिखित हैं -
(i) संघीय व्यवस्था जो देश की एकता की रक्षा करती है और उसे बढ़ावा
देती है, साथ ही साथ
क्षेत्रीय विविधता को भी समायोजित करती है।
(ii) विभिन्न स्तरों पर सरकारों को सत्ता के बंटवारे के कुछ नियमों
से सहमत होना चाहिए। उन्हें यह भी भरोसा होना चाहिए कि प्रत्येक समझौते के अपने हिस्से
का पालन करेगा।
(iii) एक आदर्श संघीय व्यवस्था के दोनों पहलू होते हैंः आपसी विश्वास
और साथ रहने का समझौता।
27. भारतीय संघ के
सभी राज्यों में समान शक्तियाँ नहीं हैं- कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर- भारतीय संघ के सभी
राज्यों में समान शक्तियां नहीं हैं इस कथन की पुष्टि में निम्नलिखित उदहारण दिए
जा सकते हैं -
(i) भारतीय संविधान के कई प्रावधान राज्य विधानसभा के अनुमोदन
के बिना इस राज्य पर लागू नहीं होते हैं.
(ii) भारतीय जो इस राज्य के स्थायी निवासी नहीं हैं, वे यहां जमीन या घर नहीं खरीद सकते हैं- इसी तरह के विशेष प्रावधान
भारत के कुछ अन्य राज्यों के लिए भी मौजूद हैं।
28. राज्यों के भीतर सत्ता के बंटवारे की आवश्यकता
क्यों है ? समझाइए।
उत्तर - (i) भारत जैसा विशाल देश
केवल इन दो स्तरों से नहीं चलाया जा सकता। भारत में राज्य यूरोप के स्वतंत्र देशों
जितने बड़े हैं। जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश रूस से बड़ा है,
महाराष्ट्र जर्मनी जितना बड़ा है।
(ii) कई भारतीय
राज्य आंतरिक रूप से बहुत विविध हैं। इस प्रकार इन राज्यों के भीतर सत्ता के बंटवारे
की आवश्यकता है।
(iii)
सत्ता के विकेंद्रीकरण के सिद्धांत के लिए तीसरे स्तर की भी आवश्यकता है।
29. स्थानीय सरकारों के क्या लाभ हैं ?
उत्तर - (i) स्थानीय सरकार की संवैधानिक
स्थिति ने हमारे देश में लोकतंत्र को गहरा करने में मदद की है।
(ii) इसने हमारे लोकतंत्र में महिलाओं के प्रतिनिधित्व और आवाज
को भी बढ़ाया है।
(iii) यह लोगों को निर्णय लेने में सीधे भाग लेने की अनुमति देता
है।
(iv) स्थानीय लोगों के पास स्थानीय समस्याओं के बारे में बेहतर
विचार और ज्ञान होता है।
30. ग्राम सभा क्या है ? इसके कार्यों
का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - गांव का प्रत्येक वयस्क
जिसकी आयु 18 वर्ष है, ग्राम
सभा का गठन करता है।
(i) यह पूरे गांव का निर्णय लेने वाला निकाय है।
(ii) ग्राम पंचायत ग्राम सभा की देखरेख में कार्य करती है।
(iii) यह ग्राम पंचायत के वार्षिक बजट को मंजूरी देता है।
31. पंचायती राज का उच्चतम स्तर कौन सा है ? इसकी रचना समझाइए।
उत्तर - ग्रामीण क्षेत्रों
में पंचायती राज की सर्वोच्च संस्था जिला परिषद है। जिला परिषद पूरे जिले में सभी ब्लॉक
समितियों की गतिविधियों का समन्वय करती है। जिला परिषद के अधिकांश सदस्य निर्वाचित
होते हैं। लोकसभा के सदस्य और उस जिले के विधायक सहित अन्य जिला स्तरीय निकायों के
कुछ अन्य अधिकारी भी इसके सदस्य हैं। जिला परिषद का अध्यक्ष जिला परिषद का राजनीतिक
प्रमुख होता है।
32. टिप्पणी लिखिए -
(अ) ग्राम
पंचायत (ब) पंचायत समिति (स) जिला
परिषद (द) मेयर
उत्तरः (अ) ग्राम पंचायत -
यह एक परिषद है जिसमें कई वार्ड सदस्य होते हैं, जिन्हें अक्सर पंच और अध्यक्ष या सरपंच कहा जाता है।
(ब) पंचायत समिति - कुछ ग्राम पंचायतों को एक पंचायत समिति या
ब्लॉक या मंडल बनाने के लिए एक साथ समूहित किया जाता है।
(स) जिला परिषद - एक जिले में सभी पंचायत समितियां या मंडल मिलकर
जिला परिषद का गठन करते हैं।
(द) मेयर - मेयर नगर निगम का निर्वाचित अध्यक्ष होता है।
विश्लेषणात्मक प्रश्न(
04 अंक ) -
1. भारतीय संविधान शरीर से संघात्मक है, परंतु आत्मा
से एकात्मक है । इस बात की पुष्टि के लिए तर्क दीजिए ।
उत्तर - भारतीय संविधान शरीर
से संघात्मक है,
परंतु आत्मा से एकात्मक है, यह निम्न बातों से स्पष्ट है।
(1)
समवर्ती सूची में वर्णित अधिकार के अनुसार केंद्र और राज्यों
के बीच बने कानून को लेकर विवाद की स्थिति में अंतिम निर्णय केंद्र के पक्ष में ही
जाता है।
(2)
आपातकाल की स्थित में राज्यों के सभी अधिकार छीन जाते है और
केन्द्रीय शासन स्थापित हो जाता है।
(3)
केंद्र को राज्यों के मुकाबले अधिक अधिकार प्राप्त हैं।
(4)
केंद्र कभी भी राज्य सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा
सकता है ।
(5)
एकहरी नागरिकता जो एकात्मक व्यवस्था है ।
(6)
सभी के लिए एक ही संविधान और एकीकृत न्यायपालिका ।
2. बेल्जियम का एक एकात्मक से सरकार के एक संघीय
रूप में स्थानांतरित हो गया“। उपर्युक्त बदलाव के तहत राजनीतिक व्यवस्था में कौन से
प्रमुख परिवर्तन लाए गए ?
उत्तरः “बेल्जियम का एक एकात्मक
से सरकार के एक संघीय रूप में स्थानांतरित हो गया“। उपर्युक्त बदलाव के तहत राजनीतिक
व्यवस्था में निम्नलिखित परिवर्तन लाए गए -
(i) केंद्र सरकार की कई शक्तियाँ देश के दोनों क्षेत्रों की राज्य
सरकारों को दी गईं।
(ii) क्षेत्रीय सरकारों को संवैधानिक शक्तियां दी गईं जो अब केंद्र सरकार पर निर्भर नहीं थीं।
(iii) केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अलावा एक तीसरी तरह की सरकार
है जिसे सामुदायिक सरकार के रूप में जाना जाता है। इस सरकार के पास सांस्कृतिक, शैक्षिक और भाषा संबंधी मुद्दों के संबंध में शक्ति है।
3. ‘’संघ एकात्मक सरकारों के विपरीत हैं“। श्रीलंका
और बेल्जियम से उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर - एकात्मक व्यवस्था में
या तो सरकार का एक ही स्तर होता है या उप-इकाइयाँ केंद्र सरकार के अधीनस्थ होती हैं।
केंद्र सरकार प्रांतीय या स्थानीय सरकार को आदेश दे सकती है। उदाहरण के लिए श्रीलंका
में एक एकात्मक शासन है और केंद्र सरकार ने एक नया कानून पारित किया है जिसमें कहा
गया है कि राज्य बौद्ध धर्म की रक्षा करेगा और उसे बढ़ावा देगा। जबकि संघीय व्यवस्था
के तहत केंद्र सरकार राज्य सरकार को कुछ करने का आदेश नहीं दे सकती है। जैसा कि
बेल्जियम में राज्य सरकार के पास अपनी शक्तियाँ होती हैं जिसके लिए राज्य केंद्र सरकार
के प्रति जवाबदेह नहीं होता । ये दोनों सरकारें जनता के प्रति अलग-अलग जवाबदेह हैं।
4. ‘’संविधान के लागू होने के बाद के शुरुआती वर्षों
की तुलना में आज संघीय शक्ति का बंटवारा अधिक प्रभावी है“। समझाइए।
अथवा
प्रारंभिक वर्षों
की तुलना में आज संघीय सत्ता का बंटवारा अधिक प्रभावी कैसे है ? समझाना।
उत्तर - (i) केंद्र-राज्य
संबंधः जब केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार होती है तो राज्यों की
स्थिति कमजोर होती है और जब राज्य स्तर पर सत्तारूढ़ दल अलग होता है तो
केंद्र में शासन करने वाले दल राज्यों की शक्ति को कम करने की
कोशिश करने लगते हैं । भारत में भी ऐसा होता था प्रतिद्वंद्वी दलों द्वारा नियंत्रित
राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के लिए केंद्र सरकार संविधान का दुरुपयोग कर रही
होती है। इसने संघवाद की भावना को कमजोर कर दिया। 1990 के बाद यह सब काफी बदल
गया। इस अवधि में देश के कई राज्यों में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का उदय हुआ। उनके
सहयोग के बिना केंद्र सरकार बनाना और चलाना संभव नही हो पा रहा था.
(ii) गठबंधन
सरकारें और राज्यों की स्वायत्तताः गठबंधन के युग ने केंद्र और राज्य सरकारों
के बीच संबंधों को बदल दिया है क्योंकि लोकसभा में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं
मिला,
प्रमुख राष्ट्रीय दलों को कई दलों के साथ गठबंधन करना पड़ा। जिसमें
केंद्र में सरकार बनाने के लिए कई क्षेत्रीय दल शामिल हैं। इससे सत्ता के बंटवारे और
राज्य सरकारों की स्वायत्तता के प्रति सम्मान की एक नई संस्कृति पैदा हुई।
(iii) सर्वोच्च न्यायालय का निर्णयः भारत के सर्वोच्च
न्यायालय ने राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए सख्त दिशा-निर्देश स्थापित किए हैं। नए दिशा-निर्देशों
के साथ केंद्र सरकार के लिए राज्य सरकारों को मनमाने तरीके से बर्खास्त करना बहुत मुश्किल
है। इस प्रकार,
संघीय सत्ता का बंटवारा आज संविधान के लागू होने के बाद के शुरुआती
वर्षों की तुलना में अधिक प्रभावी है।
5. ‘केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच सत्ता का
बंटवारा भारतीय संविधान की संरचना के लिए बुनियादी है’। समझाइए।
उत्तर - (i) एक संघीय सरकार के तहत,
सरकार के एक स्तर द्वारा मौलिक प्रावधानों को एकतरफा नहीं बदला
जा सकता है और भारत के लिए भी यही सच है,
(ii) संसद स्वयं संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदल सकती है। इसमें
किसी भी बदलाव को पहले संसद के दोनों सदनों द्वारा कम से कम दो-तिहाई बहुमत से पारित
करना होता है। फिर इसे कुल राज्यों के कम से कम आधे राज्यों की विधायिकाओं द्वारा अनुमोदित
किया जाना है।
6. संघवाद की प्रमुख प्रमुख विशेषताओं की व्याख्या
कीजिए।
अथवा
संघवाद की किन्हीं
चार विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर - (i) सरकार के दो या
दो से अधिक स्तर - संघवाद सरकार की एक प्रणाली है जिसमें सरकारी शक्ति को एक
केंद्रीय प्राधिकरण और उसकी विभिन्न घटक इकाइयों के बीच विभाजित किया जाता है। आमतौर
पर, एक संघ में सरकार के दो
स्तर होते हैं। एक पूरे देश के लिए सरकार है, और दूसरी राज्य या प्रांतीय स्तर पर सरकारें हैं।
(ii) समान
नागरिक अलग क्षेत्राधिकार - सरकार के विभिन्न स्तर समान नागरिकों को नियंत्रित
करते हैं,
लेकिन कानून, कराधान
और प्रशासन के विशिष्ट मामलों में प्रत्येक स्तर का अपना अधिकार क्षेत्र होता है।
(iii) संविधान
की श्रेष्ठता - सरकार के संबंधित स्तरों या स्तरों के क्षेत्राधिकार संविधान
में निर्दिष्ट हैं। इसलिए सरकार के प्रत्येक स्तर के अस्तित्व और अधिकार की संवैधानिक
रूप से रक्षा की जाती है।
(iv) कठोर
संविधान - संविधान के मूल प्रावधानों को सरकार के एक स्तर द्वारा एकतरफा नहीं
बदला जा सकता है। ऐसे परिवर्तनों के लिए सरकार के दोनों स्तरों की सहमति की आवश्यकता
होती है।
(v) न्यायालयों का
सर्वोच्च अधिकार - न्यायालयों के पास संविधान की व्याख्या करने की शक्ति है,
और सरकार के विभिन्न स्तरों की शक्तियाँ हैं। सर्वोच्च न्यायालय
अपनी-अपनी शक्तियों के प्रयोग में सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच उत्पन्न होने वाले
विवादों के मामले में एक अंपायर के रूप में कार्य करता है.
(vi) दोहरे उद्देश्यः संघीय प्रणाली, इस प्रकार दोहरे उद्देश्य हैंः देश की एकता की रक्षा और बढ़ावा
देना, जबकि एक ही समय में, क्षेत्रीय विविधता को समायोजित करने के लिए।
7. ‘भारत एक संघीय देश है।’ उदाहरण देकर समझाइए।
अथवा
केंद्र सरकार
और राज्य सरकारों के बीच विधायी शक्तियों के तीन गुना वितरण की व्याख्या करें।
अथवा
भारत को एक संघीय
देश बनाने वाली किन्हीं पाँच प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर - (i) शक्तियों का विभाजनः
संविधान केंद्र और राज्य सरकारों की शक्तियों को विषयों की विभिन्न सूचियों में सीमांकित
करता है। तीन सूचियाँ हैंः
(अ) संघ सूची (ब) राज्य सूची (स) समवर्ती सूची।
(ii) त्रि-स्तरीय
प्रणालीः जैसा कि पहले चर्चा की गई है, एक संघीय सरकार के तहत सरकार के विभिन्न स्तर समान नागरिकों
को नियंत्रित करते हैं। यह भारत के लिए सच है। भारत में, हमारे पास सरकार की त्रि-स्तरीय प्रणाली है, अर्थात,
1. केंद्र सरकार 2. राज्य सरकार 3. स्थानीय स्वशासन।
(iii ) सभी
प्रशासनिक इकाइयों को समान अधिकार नहींः ’एक साथ रखने’ से बनने वाले अधिकांश
संघ अपनी घटक इकाइयों को समान अधिकार नहीं देते हैं। इस प्रकार, भारतीय संघ के सभी राज्यों में समान शक्तियाँ नहीं हैं। कुछ
राज्यों को विशेष दर्जा प्राप्त है। जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान था। भारतीय संविधान
के कई प्रावधान राज्य विधानसभा की अनुमति के बिना इस राज्य पर लागू नहीं होते हैं।
(iv) सरकार
के दोनों स्तरों की सहमतिः एक संघीय सरकार के तहत, मौलिक प्रावधानों को सरकार के एक स्तर द्वारा एकतरफा नहीं बदला
जा सकता है,
और यह भारत के लिए भी सच है। संसद अपने आप संविधान के मूल ढांचे
को नहीं बदल सकती है। संवैधानिक प्रावधानों और प्रक्रियाओं का कार्यान्वयन। भारत के
लिए भी यही सच है। शक्तियों के विभाजन के बारे में किसी भी विवाद के मामले में, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय निर्णय लेते हैं।
(v) आय के अलग-अलग स्रोतः भारतीय संविधान में केंद्र
और राज्यों की वित्तीय शक्तियों का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। आयकर, उत्पाद शुल्क, निगम
कर,
आदि केंद्र सरकार द्वारा लगाया और एकत्र किया जाता है,
जबकि भूमि राजस्व, स्टाम्प
शुल्क,
भवन कर, आदि
राज्य सरकार के अंतर्गत आते हैं।
8. भारत में संघवाद का पालन कैसे किया जाता है ? समझाइए।
अथवा
‘भारत में
संघवाद की वास्तविक सफलता का श्रेय भारत में लोकतांत्रिक राजनीति की प्रकृति को दिया
जा सकता है।’ व्याख्या कीजिए।
उत्तर - (i) भाषाई राज्यः
स्वतंत्रता के बाद,
1950 में, नए
राज्यों के निर्माण के लिए कई पुराने राज्यों की सीमाओं को बदल दिया गया था। यह सुनिश्चित
करने के लिए किया गया था कि एक ही भाषा बोलने वाले, समान संस्कृति, जातीयता
या भूगोल साझा करने वाले लोग एक ही राज्य में रह सकें।
(ii) भाषा
नीतिः भारतीय संविधान ने किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया।
हालांकि हिंदी को वैकल्पिक भाषा के रूप में पहचाना गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने उन राज्यों पर हिंदी नहीं थोपी है जहां
लोग अलग भाषा बोलते हैं। हिंदी के अलावा, भारतीय
संविधान द्वारा 22 अन्य भाषाओं को अनुसूचित
भाषाओं के रूप में मान्यता दी गई है।
(iii) केंद्र-राज्य
संबंधः केंद्र-राज्य संबंधों में सुधार करना एक और तरीका है जिससे व्यवहार
में संघवाद को मजबूत किया गया है। हालांकि भारतीय संविधान ने केंद्र और राज्य सरकारों
की शक्तियों का सीमांकन किया है लेकिन फिर भी केंद्र सरकार कई तरह से राज्य पर प्रभाव
डाल सकती है।
अतीत में, केंद्र सरकार ने अक्सर प्रतिद्वंद्वी दलों द्वारा नियंत्रित
राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के लिए संविधान का दुरुपयोग किया है। इसने संघवाद और
लोकतंत्र की भावना को कमजोर किया। न्यायपालिका ने राज्य सरकारों की स्वायत्तता में
सुधार करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है क्योंकि कई बार इसने राज्य सरकारों को बचाया
है जिन्हें मनमाने ढंग से बर्खास्त कर दिया गया था।
9. ‘भाषाई राज्यों का निर्माण हमारे देश में लोकतांत्रिक
राजनीति के लिए पहली और बड़ी परीक्षा थी।’ इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर - 1947 में, नए राज्यों के निर्माण के लिए भारत के कई पुराने राज्यों की
सीमाओं को बदल दिया गया था। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि एक ही भाषा
बोलने वाले लोग एक ही राज्य में रहें। कुछ राज्यों को भाषा के आधार पर नहीं बल्कि संस्कृति, जातीयता या भूगोल के आधार पर मतभेदों को पहचानने के लिए बनाया
गया था। इनमें नागालैंड,
उत्तराखंड और झारखंड जैसे राज्य शामिल हैं। जब भाषा के आधार
पर राज्यों के गठन की मांग उठाई गई, तो
कुछ राष्ट्रीय नेताओं को डर था कि इससे देश का विघटन हो जाएगा। केंद्र सरकार ने कुछ
समय के लिए भाषाई राज्यों का विरोध किया। लेकिन अनुभव ने दिखाया है कि भाषाई राज्यों
के गठन ने वास्तव में देश को और अधिक एकजुट कर दिया है। इसने प्रशासन को भी आसान बना
दिया है।
10. भाषाई राज्यों का निर्माण क्यों किया गया ? उनके क्या फायदे
हैं ?
उत्तर - (i) सामान्य भाषाः
भाषा के आधार पर कई राज्यों का निर्माण किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि
एक ही भाषा बोलने वाले लोग एक ही राज्य में रहें।
(ii) सामान्य
संस्कृति, जातीयता या भूगोलः कुछ राज्यों को भाषा के आधार पर नहीं बल्कि संस्कृति, जातीयता या भूगोल के आधार पर मतभेदों को पहचानने के लिए बनाया
गया था। इनमें नागालैंड,
उत्तराखंड और झारखंड जैसे राज्य शामिल हैं।
लाभ - अनुभव से पता चला है कि भाषाई राज्यों के गठन ने वास्तव में
देश को और अधिक एकजुट कर दिया है। इसने प्रशासन को भी आसान बना दिया है।
11. भारतीय संघ की भाषा नीति की व्याख्या कीजिए।
यह श्रीलंका से किस प्रकार भिन्न है ?
अथवा
भारत की भाषा
नीति की कोई चार विशेषताएँ लिखिए।
अथवा
भारत की भाषा
नीति का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर - (i) कोई राष्ट्रभाषा
नहींः हमारे संविधान ने किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिया। राजभाषा
के रूप में हिन्दी की पहचान की गई। लेकिन हिंदी केवल 40 प्रतिशत भारतीयों की मातृभाषा
है। इसलिए, अन्य भाषाओं
की रक्षा के लिए कई सुरक्षा उपाय थे।
(ii) अनुसूचित
भाषाएँः हिंदी के अलावा, 22 अन्य भाषाएँ हैं जिन्हें
संविधान द्वारा अनुसूचित भाषाओं के रूप में मान्यता दी गई है। केंद्र सरकार के पदों
के लिए आयोजित परीक्षा में एक उम्मीदवार इनमें से किसी भी भाषा में परीक्षा देने का
विकल्प चुन सकता है। राज्यों की भी अपनी आधिकारिक भाषाएं हैं। अधिकांश सरकारी कार्य
संबंधित राज्य की राजभाषा में होते हैं।
(iii) सावधानी
के साथ हिंदी का प्रसारः श्रीलंका
के विपरीत,
हमारे देश के नेताओं ने हिंदी के उपयोग को फैलाने में बहुत सतर्क
रवैया अपनाया। संविधान के अनुसार, 1965 में आधिकारिक उद्देश्यों
के लिए अंग्रेजी का उपयोग बंद कर दिया गया था। हालांकि, कई गैर-हिंदी भाषी राज्यों ने मांग की कि अंग्रेजी का उपयोग
जारी रहे। तमिलनाडु में इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया। केंद्र सरकार ने आधिकारिक
उद्देश्यों के लिए हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी का उपयोग जारी रखने पर सहमति व्यक्त करते
हुए जवाब दिया। हिंदी का प्रचार-प्रसार भारत सरकार की आधिकारिक नीति बनी हुई है। प्रमोशन
का मतलब यह नहीं है कि केंद्र सरकार उन राज्यों पर हिंदी थोप सकती है जहां के लोग अलग-अलग
भाषा बोलते हैं।
(iv) श्रीलंका
की भाषा नीतिः 1956 में, श्रीलंका सरकार द्वारा सिंहल को एकमात्र आधिकारिक भाषा के रूप
में मान्यता देने के लिए एक अधिनियम पारित किया गया था, जबकि भारत के मामले में सरकार आधिकारिक उद्देश्यों के लिए हिंदी
के साथ अंग्रेजी का उपयोग जारी रखने के लिए सहमत हुई थी।
12. केंद्र-राज्य संबंधों का पुनर्गठन एक महत्वपूर्ण
तरीका है जिससे व्यवहार में भारतीय संघवाद को मजबूत किया गया है।’ स्पष्ट करें।
उत्तर - (i) 90 के दशक के बाद देश के
कई राज्यों में कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का उदय हुआ है।
(ii) केंद्र
सरकार बनाने में क्षेत्रीय दल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
(iii) न्यायपालिका
ने राज्य सरकारों की स्वायत्तता में सुधार करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है क्योंकि
कई बार इसने राज्य सरकारों को बचाया है जिन्हें मनमाने ढंग से बर्खास्त कर दिया गया
था।
13. विकेंद्रीकरण
क्या है ? विकेंद्रीकरण का महत्व या आवश्यकता क्या है ?
अथवा
“क्या आप विकेंद्रीकरण को संघर्षों को कम करने
के साधन के रूप में लेते हैं ? अपना दृष्टिकोण दें।
उत्तर - जब केंद्र और राज्य
सरकारों से सत्ता की शक्ति लेकर विभाजित कर ली जाती है, और स्थानीय सरकारों को दे दी जाती है, तो इसे विकेंद्रीकरण कहा जाता है।
(i) विकेंद्रीकरण के पीछे मूल विचार यह है कि बड़ी संख्या
में समस्याएं और मुद्दे हैं जिनका स्थानीय स्तर पर सबसे अच्छा समाधान किया जाता है।
लोगों को अपने इलाके की समस्याओं की बेहतर जानकारी है। उनके पास इस बारे में भी बेहतर
विचार हैं कि पैसा कहां खर्च किया जाए, और
चीजों को अधिक कुशलता से कैसे प्रबंधित किया जाए।
(ii) स्थानीय
स्तर पर लोगों के लिए निर्णय लेने, लेने
में सीधे भाग लेना संभव है। यह लोकतांत्रिक भागीदारी की आदत को विकसित करने में मदद
करता है। मूल रूप से स्थानीय सरकार लोकतंत्र के एक महत्वपूर्ण सिद्धांत, स्थानीय स्वशासन को साकार करने का सबसे अच्छा तरीका है।
14. भारत में त्रिस्तरीय सरकारी प्रणाली का नाम बताइए। तीसरी श्रेणी को अधिक शक्तिशाली
और प्रभावी बनाने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं ?
अथवा
1992 के संवैधानिक संशोधन द्वारा हमारे देश में सरकार के तीसरे स्तर
को किस प्रकार अधिक प्रभावी और शक्तिशाली बनाया गया है ?
अथवा
1992 में संविधान संशोधन के बाद भारत में विकेन्द्रीकरण की दिशा में
किए गए किन्हीं चार प्रावधानों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : त्रिस्तरीय प्रणाली
: 1. केंद्र सरकार 2. राज्य सरकारें 3. स्थानीय सरकारें।
विकेंद्रीकरण की दिशा में
उठाये गए कदम -
·
अब, स्थानीय सरकारी निकायों के लिए नियमित चुनाव कराना संवैधानिक
रूप से अनिवार्य है।
·
इन संस्थाओं
के निर्वाचित निकायों और कार्यकारी प्रमुखों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
·
सभी पदों
में से कम से कम एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
·
पंचायत और
नगर पालिकाओं के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रत्येक राज्य में राज्य
चुनाव आयोग नामक एक स्वतंत्र संस्था बनाई गई है।
·
राज्य सरकारों
को स्थानीय सरकारी निकायों के साथ कुछ शक्तियां और राजस्व साझा करने की आवश्यकता होती
है। साझा करने की प्रकृति अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है।
16. विकेंद्रीकरण के लाभों की व्याख्या कीजिए।
अथवा
सरकार के तीसरे
स्तर की किन्हीं चार विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।
अथवा
बताएं कि भारत
में राज्यों के गठन के मामले में संघीय प्रयोग कैसे सफल रहा है।
अथवा
स्थानीय सरकारों
को शक्तियों के विकेन्द्रीकरण के पक्ष में दो तर्क दीजिए। 1992 के संशोधन के तहत दो प्रावधान दें जो भारत में
स्थानीय सरकारों को सशक्त बनाता है।
अथवा
स्थानीय सरकार
की आवश्यकता का आकलन करें।
उत्तरः (i) स्थानीय लोगों
को बेहतर ज्ञान हैः विकेंद्रीकरण के पीछे मूल विचार यह है कि बड़ी संख्या में
समस्याएं और मुद्दे हैं जो स्थानीय स्तर पर सबसे अच्छी तरह से सुलझाए जाते हैं। लोगों
को अपने इलाके की समस्याओं की बेहतर जानकारी है। उनके पास इस बारे में भी बेहतर विचार
हैं कि पैसा कहां खर्च किया जाए, और चीजों को अधिक कुशलता से कैसे प्रबंधित किया जाए।
(ii) लोगों
की प्रत्यक्ष भागीदारी - विकेंद्रीकरण लोगों के लिए निर्णय लेने में सीधे भाग
लेना संभव बनाता है। यह लोकतांत्रिक भागीदारी की आदत को विकसित करने में मदद करता है।
स्थानीय सरकार लोकतंत्र के एक महत्वपूर्ण सिद्धांत, स्थानीय स्वशासन को साकार करने का सबसे अच्छा तरीका है।
(iii) लोकतंत्र
की नींव - एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्थानीय सरकारें सबसे महत्वपूर्ण होती
हैं। ये स्थानीय नागरिकों और स्थानीय नेतृत्व के लिए प्रशिक्षण स्कूल हैं। ये राजनीतिक
शिक्षा प्रदान करते हैं। लोग चुनावी प्रक्रिया और अपने वोट के उचित उपयोग से परिचित
हो जाते हैं, जो लोकतंत्र
की नींव है।
(iv) केंद्र
सरकार के बोझ में कमी - यह केंद्र या राज्य सरकारों के बोझ को कम करता है।
ये राष्ट्रीय या राज्य महत्व के मामलों पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
इस तरह, स्थानीय स्वशासन
आज के शासन के तीनों स्तरों पर, हर जगह दक्षता सुनिश्चित करता है। भारतीय नेताओं ने विकेंद्रीकरण
की आवश्यकता को पहचाना है।
(v) महिला सशक्तिकरण
- सभी स्थानीय निकायों में कम से कम एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इससे
महिला सशक्तिकरण हुआ है।
अभ्यास हेतु विश्लेषणात्मक प्रश्न
1. कुछ
विषयों का उल्लेख नीचे किया गया है। उन्हें संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में वर्गीकृत करें।
(i) शिक्षा (ii) मुद्रा
(iii) पुलिस (iv) वन (v) बैंकिंग (vi) संचार
2. भारतीय संघीय
व्यवस्था श्रीलंका से किस प्रकार भिन्न है ? तीन
उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
3. बताएं
कि भारत में राज्यों के गठन के मामले में संघीय प्रयोग कैसे सफल रहा है?
4. 1990 से पहले और उसके बाद के
केंद्र-राज्य संबंधों का समालोचनात्मक विश्लेषण करें।
5. हमारे संविधान
निर्माताओं ने भारत को ’राज्यों का संघ’ क्यों घोषित किया ? भारत की कुछ उप-राजनीतिक इकाइयों को विशेष दर्जा क्यों दिया
गया ?
6. सत्ता के
विकेन्द्रीकरण का औचित्य क्या है ? ग्रामीण
स्थानीय शासन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
---------------------000-----------------------
धन्यवाद