मुद्रा और साख कक्षा 10

 मुद्रा और साख

इस अध्याय की मुख्य बातेंः

ऽ          मुद्रा विनिमय का एक माध्यम

ऽ          मुद्रा के आधुनिक रूप

ऽ          बैंकों में निक्षेप

ऽ          बैंकों की ऋण संबंधी गतिविधियां

ऽ          साख की दो विभिन्न स्थितियां

ऽ          ऋण की शर्तें

ऽ          विविध प्रकार के साख प्रबंधन

ऽ          भारत में औपचारिक क्षेत्रक में साख

ऽ          औपचारिक और अनौपचारिक साख

ऽ          निर्धनों के लिए स्वयं सहायता समूह

ऽ          बांग्लादेश का ग्रामीण बैंक


सारांश

ऽ  वस्तु विनिमय प्रणाली :- इस प्रणाली में मुद्रा का उपयोग किये बिना वस्तुओं का लेन देन होता है।

ऽ  आवश्यकताओं का दोहरा संयोगः- विनियम में दोनो पक्ष एक दूसरे से चीज खरीदने और बेचने पर सहमति रखते हो। वस्तु विनियम प्रणाली में आवश्यकताओं का दोहरा संयोग होना आवश्यक है।

ऽ  विनियम का माध्यमः- मुद्रा विनियम प्रक्रिया में मध्यस्थता का काम करती है। इसे विनियम का माध्यम कहा जाता है। किसी देश की सरकार इसे प्राधिकृत करती है।

ऽ   मुद्रा के आधुनिक रूप :-

करेंसी :-

·      सबसे आधुनिक रूप जिसके अंतर्गत कागज के नोट और सिक्के आते हैं।

·      भारत में भारतीय रिजर्व बैंक केंद्रीय सरकार की तरफ से करेंसी नोट जारी करती है।

मुद्रा का प्रयोग :-

·      मुद्रा का प्रयोग ने एक प्रकार की चीजें खरीदने और बेचने में किया जाता है।

·      मुद्रा का प्रयोग विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्राप्त करने में भी किया जा सकता है जैसे वकील से परामर्श लेने में या डॉक्टर की सलाह लेने में आदि।

·      मुद्रा की सहायता से कोई भी अपनी चीजें बेच भी सकता है और हमने एक दूसरी चीजें खरीद भी सकता है।

·      इसी प्रकार में मुद्रा से सेवाओं का भी लेनदेन कर सकता है मुद्रा में भुगतान करने में बड़ी आसानी रहती है।

ऽ  बैंको में निक्षेप :- लोग प्राप्त वेतन में से आवश्यकता के अनुसार कुछ नगद राशि अपने पास रख लेते हैं और जो शेष नगद राशि बचती है उसे बैंकों में निक्षेप (जमा राशि) के रूप में सुरक्षित रखते हैं। जिस राशि पर बैंक द्वारा ब्याज भी दिया जाता है।

ऽ  बैंक जमा इस राशि को आवश्यकता होने पर माँग के जरिए निकाला जा सकता है अतः इसे माँग जमा कहा जाता है।

ऽ  माँग जमा के अंतर्गत चैक से भी भुगतान की सुविधा दी जाती है। चेक एक ऐसा कागज है जो बैंक को किसी के खाते से चेक पर लिखे नाम के किसी दूसरे व्यक्ति को एक खास रकम का भुगतान करने का आदेश देता है।

बैंकों की ऋण संबंधी गतिविधियाँः-

ऽ  भारत में बैंक जमा का केवल 15 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखते है।

ऽ इसे किसी एक दिन में जमाकर्ताओं द्वारा धन निकालने की संभावना को देखते हुए यह प्रावधान किया जाता है।

ऽ  बैंक जमा राशि के एक बड़े भाग को ऋण देने के लिए इस्तेमाल करते है।

ऽ  ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत है।

ऋण की शर्तेः-

·      ब्याज की दर

·      समर्थक ऋणाधार

·      आवश्यक कागजात

·      भुगतान के तरीके

·      विभिन्न ऋण व्यवस्थाओं में ऋण की शर्ते अलग-अलग है।

भारत में औपचारिक क्षेत्रक में साखः-

ऽ  बैंक और सहकारी समितियों से लिए कर्ज औपचारिक क्षेत्रक ऋण कहलाते है।

भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यः-

·      केन्द्रीय सरकार की तरफ से करेंसी और नोट जारी करता है।

·      देखता है कि बैंक वास्तव में नकद शेष बनाए हुए है।

·      समय-समय पर बैंकों से यह जानकारी लेता है कि कितना और किनको, किस ब्याज दर पर ऋण दे रहा है।

अनौपचारिक क्षेत्रक में साखः-

·      साहूकार, व्यापारी, मालिक, रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि ऋण उपलब्ध कराते है।

·      ऋणदाताओं की गतिविधियों की देखरेख करने वाली कोई संस्था नहीं है।

·      ऋणदाता ऐच्छिक दरों पर ऋण देते है।

·      नाजायज तरीकों से अपना ऋण वापिस लेते है।

स्वयं सहायता समूह :-

यह एक नया कान्सेप्ट है जिसमें 15 से 20 सदस्यों का एक छोटा समूह बनाया जाता है। जिसमें सभी सदस्यों अपनी अपनी बचतों को जोडते हैं और फिर उस जमा रकम में से किसी भी सदस्य को छोटी राशि का कर्ज दिया जाता है। जिस पर ब्याज भी लगाया जाता है। इसे माइक्रोफाइनेंस सिस्टम भी कहते हैं।

बांग्लादेश का ग्रामीण बैंक :-

सबसे पहले बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक ने माइक्रोफाइनेंस की शुरूवात की। प्रो. मोहम्मद युनुस ने 1970 में इस बैंक की स्थापना की जिसके लिए उन्हें नोबल पुरूस्कार भी मिला।

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अध्याय के अंत में दिए गये प्रश्नों के उत्तर

अभ्यास

1. जोखिम वाली परिस्थितियों में ऋण कर्जदार के लिए समस्याएं खड़ी कर सकता है। स्पष्ट कीजिये।

उत्तर - ब्याज की ऊंची दरों पर उधार लिया गया पैसा आमतौर पर कर्ज के बोझ या कर्ज के जाल को बढ़ा देगा। कर्ज का जाल एक ऐसी स्थिति है जहां कर्जदार अपने ऊपर किए कर्ज को चुका नहीं पाएगा। साख के अनौपचारिक स्रोत ब्याज की उच्च दर वसूलते हैं। उदाहरण के लिए: छोटे किसान साहूकारों से खेती के उद्देश्यों के लिए उच्च ब्याज दरों पर ऋण लेते हैं और वापस भुगतान करने में सक्षम नहीं होने के परिणामस्वरूप किसानों की जमीन का एक हिस्सा बेच दिया जाएगा और साहूकार को वापस भुगतान किया जाएगा। इस तरह से जोखिम वाली परिस्थितियों में ऋण कर्जदार के लिए समस्याएं खड़ी कर सकता है।

2. मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या को किस तरह सुलझाती है ? अपनी ओर से उदहारण देकर समझिए ।

उत्तर – वास्तु विनिमय प्रणाली में मुद्रा का प्रयोग नहीं होता है उसमे सीधे ही वस्तुओं का आदान – प्रदान किया जाता है। ऐसी स्थिति में आवश्यकताओं का दोहरा संयोग होना आवश्यक होता है । उदहारण के लिए यदि किसी कपडा व्यापारी को गेहूं खरीदना है तो उसे ऐसे किसान को खोजना होगा जिसके पास गेहूं  हों और वह गेहूं के बदले कपड़े खरीदना चाहता हो । इस समस्या का समाधान मुद्रा का प्रयोग करके किया जाता है । मुद्रा मांगों के दोहरे संयोग को ख़त्म कर देती है । मुद्रा विनिमय प्रक्रिया में मध्यस्थ का कार्य करती है । इसे विनिमय का माध्यम भी कहते हैं ।

3. अतिरिक्त मुद्रा वाले लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच बैंक किस तरह मध्यस्थता करते हैं?

उत्तर - अतिरिक्त मुद्रा वाले लोग अपना अतिरिक्त धन बैंकों में जमा करवा देते हैं जहाँ से उन्हें ब्याज मिलता है और धन भी सुरक्षित रहता है। बैंक जमा राशि का 15 प्रतिशत अपने पास नकद रखते हैं और शेष राशि को ऋण देने के लिए प्रयोग करते हैं। जरूतरमंद व्यक्ति बैंकों से उधार लेते हैं। बैंक जमाकर्ता को जो ब्याज देता है उधार देने वालों से उससे अधिक ब्याज लेता है। ब्याज में अंतर बैंक की आय का प्रमुख स्रोत होता है। इस प्रकार बैंक अतिरिक्त मुद्रा वाले लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच मध्यस्थता करता है।

4. 10 रुपये का नोट देखिये । इसके ऊपर क्या लिखा है? क्या आप इस कथन की व्याख्या कर सकते हैं ?

उत्तर - 10 रुपये के नोट पर निम्न पंक्ति लिखी होती है – “मैं धारक को दस रुपये अदा करने का वचन देता हूँ।“  इस कथन के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर का हस्ताक्षर होता है। इस कथन से यह पता चलता है कि रिजर्व बैंक केंद्र सर्कार की तरफ से नोट जारी करता है अर्थात किसी अन्य व्यक्ति अथवा संस्था की मुद्रा जारी करने की अनुमति नहीं है। रिज़र्व बैंक  ने उस करेंसी नोट पर जो मूल्य तय किया है वह देश के हर व्यक्ति और हर स्थान के लिये एक समान होता है।

5. हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढाने की क्यों जरुरत है?

उत्तर - भारत में कई कारणों से साख के औपचारिक स्रोतों का विस्तार करने की आवश्यकता है:

·      औपचारिक ऋणदाताओं की तुलना में, अधिकांश अनौपचारिक ऋणदाता ऋण पर बहुत अधिक ब्याज दर लेते हैं

·      उच्च ब्याज दर के अलावा, सभी उधार लेने वालों के सामने को विभिन्न अन्य कठिन परिस्थितियों को भी उत्पन्न करने वाली शर्तें भी रख देते हैं। उदाहरण के लिए, वे किसानों को ऋण के बदले उनकी फसल को उन्हें ही कम कीमत पर बेचने की गारंटी चाहते हैं

·      अनौपचारिक ऋणदाता कर्जदारों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं

·      भारतीय रिजर्व बैंक औपचारिक स्रोतों के कामकाज की निगरानी करता है। इसके विपरीत, कोई ऐसा संगठन नहीं है जो अनौपचारिक क्षेत्र में उधारदाताओं की साख गतिविधियों की निगरानी करता है।

·      अनौपचारिक साख क्षेत्र से गरीब लोगों द्वारा जो ऋण लिया जाता है उसकी ब्याज की डर बहुत ज्यादा होने से वे क़र्ज़ के जाल में फंस जाते हैं ।

·      भारत में साख के औपचारिक स्रोत अभी भी ग्रामीण लोगों  की आवश्यकता का आधा भाग ही रिनके रूप में प्रदान कर पा रहा है।

इसलिए, यह आवश्यक है कि ऋण के औपचारिक स्रोत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी उधारी का विस्तार करें, ताकि क्रेडिट के अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भरता कम हो जाए क्योंकि इससे देश के विकास में भी मदद मिलेगी।

6. गरीबों के लिए स्वयं सहायता समूहों के संगठन के पीछे मूल विचार क्या हैं? अपने शब्दों में व्याख्या कीजिये।

उत्तर - गरीबों के लिए स्वयं सहायता समूहों के संगठनों के पीछे मूल विचार गरीबों को अपना रोज़गार बनाने का मौका देकर आत्मनिर्भर बनाना है । आत्मनिर्भरता स्वयं सहायता समूह कर्जदारों को ऋणाधार (गारंटी) की कमी की समस्या से उबारने में मदद करते हैं । उन्हें समय अनुसार विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों के लिए एक यथोचित ब्याज दर पर ऋण मिल जाता है। इसके अतिरिक्त यह समूह ग्रामीण क्षेत्रों के गरीबों को संघबद्ध करने में मदद करते हैं। इससे न केवल महिलाएं स्वावलंबी हो जाती हैं, समूह की नियमित बैठकों के ज़रिए लोगों को एक माध्यम मिलता है जहां वे तरह तरह के सामाजिक विषयों जैसे- स्वास्थ्य ,पोषण और हिंसा इत्यादि में चर्चा कर पाती है।

7. क्या कारण है कि बैंक कुछ कर्जदारों को क़र्ज़ देने के लिए तैयार नहीं होते?

उत्तर- बैंक निम्नलिखित कारणों से कुछ उधारकर्ताओं को उधार देने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं:

(अ) बैंकों को ऋणों के खिलाफ सुरक्षा के रूप में उचित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। कुछ व्यक्ति इन आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहते हैं।

(ब) जिन उधारकर्ताओं ने पिछले ऋणों का भुगतान नहीं किया है, बैंक उन्हें और अधिक देने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं।

(स) बैंक उन उद्यमियों को उधार देने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं जो उच्च जोखिम वाले व्यवसाय में निवेश करने जा रहे हैं।

8. भारतीय रिज़र्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर किस तरह नजर रखता है? यह क्यों जरुरी है?

उत्तर – भारतीय रिज़र्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर विभिन्न प्रकार से नजर रखता है जो कि इस प्रकार हैं -

अ. रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया बैंकों द्वारा दिए जा रहे ऋण की राशि तथा बैंक में जमा राशि के लेन – देन पर नजर रखता है।

ब. रिज़र्व यह भी निगरानी में रखता है कि बैंक केवल लाभ कमाने लिए ही लेन – देन करें अपितु कुटीर उद्योगों, छोटे कर्जदारों और छोटे उत्पादकों के संरक्षण का भी ध्यान रखें।

स. बैंकों द्वारा समय-समय पर रिज़र्व बैंक को ऋण पर लिए जा रहे ब्याज दरों की जानकारी भी देना होती है।

यह जरुरी है क्योंकि –

क. इससे यह सुनिश्चित होता है कि बैंकों के सेवा  गुणवत्ता उत्तम हो और छोटे उद्योगों को भी बढ़ने का मौका प्राप्त हो।

ख. इससे यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि बैंक निर्धारित सीमा से अधिक उधार न दें, क्योंकि इससे मंदी की स्थिति पैदा हो सकती है।

9. विकास में ऋण की भूमिका का विश्लेषण कीजिये।

उत्तर – विकास में ऋण की भूमिका का विश्लेषण –

1.       ऋण देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

2.       ऋण स्वीकृत करके उद्योगों और व्यापार के विस्तार तथा विकास में बैंक आवश्यक सहायता प्रदान करते हैं।

3.       इससे उत्पादन, रोजगार और लाभ में वृद्धि होती है। हालांकि, उच्च जोखिम के मामले में सावधानी बरती जानी चाहिए ताकि नुकसान न हो।

4.       ऋणों से इतने लाभ होने पर भी इसमें हेराफेरी रोकने और प्रशासनिक नियंत्रण में रखने की आवश्यकता है क्योंकि अनौपचारिक क्षेत्र के ऋणों में उच्च ब्याज दरें शामिल हैं जो हानिकारक हो सकती हैं।

5.       यह महत्वपूर्ण है कि औपचारिक क्षेत्र अधिक ऋण प्रदान करे ताकि उधारकर्ता साहूकारों द्वारा ठगे न जाएं, और अंततः राष्ट्रीय विकास में योगदान दे सकें।

    10. मानव को एक छोटा व्यवसाय करने के लिए ऋण की जरुरत है । मानव किस आधार पर यह निश्चित करेगा कि उसे यह ऋण बैंक से लेना चाहिए या साहूकार से? चर्चा कीजिये।

उत्तर - मानव यह निर्णय करेगा कि ऋण की निम्नलिखित शर्तों के आधार पर बैंक या साहूकार से उधार लिया जाए:

(अ) ब्याज दर

(ब) बैंकर द्वारा आवश्यक दस्तावेज की उपलब्धता की आवश्यकताएं।

(स) चुकौती का तरीका।

निश्चित रूप से, इन कारकों और चुनौती की आसान शर्तों के आधार पर , मानव ने यह तय किया कि क्या उसे साहूकार या बैंक से उधार लेना है।

11. भारत में 80 प्रतिशत किसान छोटे किसान हैं, जिन्हें खेती करने के लिए ऋण की जरुरत होती है।

(क) बैंक छोटे किसानों को ऋण देने से क्यों हिचकिचा सकते हैं?

(ख) वे दुसरे स्रोत कौन से हैं, जिनसे किसान क़र्ज़ ले सकते हैं?

(ग) उदहारण देकर स्पष्ट कीजिये कि किस तरह ऋण की शर्तें छोटे किसानों के प्रतिकूल हो सकती हैं?

(घ) सुझाव दीजिये कि किस तरह छोटे किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा सकता है?

उत्तर - (क) - बैंक छोटे किसानों को देने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं क्योंकि उनके पास बैंक में जमा करने के लिए समर्थक ऋणआधार नहीं है। इनमें से कुछ किसान पहले से मौजूद ऋण के कारण ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं हैं।

(ख) उधार लेने के अन्य स्रोत साहूकारों, स्वयं सहायता समूह, जमींदार, रिश्तेदार आदि हैं।

(ग) उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति अपनी भूमि की को गिरवी रख कर अपने जमींदार से ऋण लेता है। जिस्मा यह शर्त होती है कि समय पर ऋण नहीं चूका पाने पर गिरवी रखी गई जमीन बेचकर जमींदार अपना धन वापस ले सकता है। इस प्रकार ऋण की शर्त किसानों के लिए प्रतिकूल हो सकती है।

(घ) छोटे किसान बैंक से स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की सहायता से सस्ता ऋण प्राप्त कर सकते हैं और वे 3 या 4 वर्षों के बाद आसानी से ऋण चुका सकते हैं। ऋण के अन्य स्रोतों की तुलना में ब्याज की दर भी कम है।

12. रिक्त स्थानों की पूर्ती कीजिये –

(क) ............................. परिवारों की ऋण की अधिकांश जरूरतें अनौपचारिक स्रोतों से पूरी होती है।

उत्तर – गरीब

(ख) .......................... ऋण की लगत ऋण का बोझ बढ़ाती हैं।

उत्तर – अधिक

(ग) ....................... केन्द्रीय सर्कार की ओर से करेंसी नोट जारी करता है।

उत्तर – रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया

(घ) बैंक ......................... पर देने वाले ब्याज से ऋण पर अधिक ब्याज लेते हैं।

उत्तर – जमा राशि अथवा निक्षेप

() ................... संपत्ति है जिसका मालिक कर्जदार होता है जिसे वह ऋण लेने के लिए गारंटी के रूप में इस्तेमाल करता है, जब तक ऋण चुकता नहीं हो जाता ।

उत्तर – गिरवी

13. सही उत्तर का चयन कीजिये –

(क) स्वयं सहायता समूह में बचत और ऋण संबंधित अधिकतर निर्णय लिये जाते हैं:

·      बैंक द्वारा

·      सदस्यों द्वारा

·      गैर सरकारी संस्था द्वारा

उत्तर: (b) सदस्यों द्वारा

(ख)  ऋण के औपचारिक स्रोतों में शामिल नहीं है:

·      बैंक

·      सहकारी समिति

·      नियोक्ता

उत्तर: (c) नियोक्ता

अतिरिक्त परियोजना कार्य / क्रियाकलाप

नीचे दी गई तालिका शहरी क्षेत्रों के विभिन्न लोगों के व्यवसाय दिखाती है । इन लोगों को किन उद्देश्यों के लिए ऋण की जरुरत हो सकती है? रिक्त स्तंभों को भरिये ।

व्यवसाय

ऋण लेने के कारण

 

निर्माण मजदूर

अपनी आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने के लिए

कंप्यूटर शिक्षित स्नातक छात्र

कंप्यूटर खरीदकर कर अपना व्यवसाय शुरू करने

सरकारी सेवा में नियोजित व्यक्ति

घर बनाने या बच्चों की पढ़ाई के लिए

दिल्ली में प्रवासी मजदूर

अपने लिए एक झोपडी बनाने

घरेलु नौकरानी

अपनी दैनिक जरूरतों के लिए

छोटा व्यापारी

सामान खरीदने के लिए

ऑटो रिक्शा चालक

टैक्सी खरीदने के लिए

बंद फैक्ट्री का मजदूर

बच्चों का पेट भरने के लिए

आगे , लोगों को दो वर्गों में विभाजित कीजिये, जिन्हें आप सोचते हैं कि बैंक से क़र्ज़ मिल सकता है और जिन्हें क़र्ज़ मिलने की आशा नहीं है । आपने वर्गीकरण के लिए किन कारकों का उपयोग किया?

उत्तर –

जिन्हें बैंक से क़र्ज़ मिल सकता है

जिन्हें बैंक से क़र्ज़ नहीं मिल सकता है

कंप्यूटर शिक्षित स्नातक छात्र

सरकारी सेवा में नियोजित व्यक्ति

छोटा व्यापारी

ऑटो रिक्शा चालक

निर्माण मजदूर

दिल्ली में प्रवासी मजदूर

घरेलु नौकरानी

बंद फैक्ट्री का मजदूर

आओ इन पर विचार करें – (पृष्ठ 40)

1. मुद्रा के प्रयोग से वस्तुओं के विनिमय में सहूलियत कैसे आती है?

उत्तर - वस्तु-विनिमय प्रणाली में आवश्यकताओं के दोहरे संयोग का होना एक कठिन कार्य था। जिससे वस्तुओं का विनिमय संभव नहीं था। मुद्रा से वस्तु विनिमय करने में तथा वस्तुओं के मूल्य मापने में आसानी हो गई। मुद्रा के प्रयोग से आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या भी दूर हो गई ।

2. क्या आप कुछ ऐसे उदाहरण सोच सकते हैं, जहाँ वस्तुओं तथा सेवाओं का विनिमय या मजदूरी की अदायगी वस्तु विनिमय के जरिए हो रही है?
उत्तर - आज भी कई ग्रामीण क्षेत्रों में वस्तु विनिमय प्रणाली देखने को मिलती है जहाँ लोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति वस्तु विनिमय द्वारा करते हैं तथा कई बार गांवों में मजदूरी का भुगतान भी अनाज के रूप में किया जाता है। जैसे धोबी द्वारा कपडे धोने के बदले साल में बार अनाज देकर उसकी मजदूरी का भुगतान किया जाता है । इसे अनेक उदहारण हैं ।

आओ इन पर विचार करें – (पृष्ठ 42)

1. एम. सलीम भुगतान के लिए 20000 रु नकद निकालना चाहता है । इसके लिए वह चैक कैसे लिखेंगे?

उत्तर – चैक लिखने के लिए एम. सलीम सबसे पहले चैक के ऊपर दाहिनी तरफ दिये गये स्थान पर सम्बन्धित दिनांक लिखेंगे। इसके बाद बैंक को स्वयं को भुगतान हेतु निर्देश देने के लिए Self या स्वयं लिखेंगे। रुपये/Rupees शब्द के आगे Twenty Thousand Only लिखेंगे। बॉक्स में रु./Rs. के आगे 20,000/- तथा खाता सं./A/C No. के आगे अपनी खाता संख्या लिखेंगे। इसके बाद निर्धारित स्थान पर अपने हस्ताक्षर करेंगे। नकद निकालने हेतु एक हस्ताक्षर चैक के पीछे भी करेंगे। इस प्रकार एम. सलीम का चैक निम्न प्रकार होगा-

 


2. सही उत्तर पर निशान लगाएँ-
(
अ) सलीम और प्रेम के बीच लेन-देन (प्रेम को भुगतान) के बाद-
(क) सलीम के बैंक खाते में शेष बढ़ जाता है और प्रेम के बैंक खाते में शेष बढ़ जाता है। 
(
ख) सलीम के बैंक खाते में शेष घट जाता है और प्रेम के बैंक खाते में शेष बढ़ जाता है। 
(
ग) सलीम के बैंक खाते में शेष बढ़ जाता है और प्रेम के बैंक खाते में शेष घट जाता है। 
उत्तर - (ख) सलीम के बैंक खाते में शेष घट जाता है और प्रेम के बैंक खाते में शेष बढ़ जाता है। 

3. मांग जमा को मुद्रा क्यों समझा जाता है?
उत्तर - माँग जमा मुद्रा के समान ही है क्योंकि इसे आवश्यकता पड़ने पर कभी भी बैंक से निकलवाया जा सकता है या अन्य व्यक्ति को चेक देकर भी भुगतान किया जा सकता है। अतः माँग जमा को मुद्रा के समान समझा जाता है। 

आओ इन पर विचार करें – (पृष्ठ 44)

1. निम्नलिखित तालिका की पूर्ति कीजिये ।

 

सलीम

स्वप्ना

उन्हें ऋण की आवश्यकता क्यों पड़ी?

समय पर उत्पादन पूरा करने के लिए

कृषि कार्य के लिए

जोखिम क्या था?

यदि वह एक महीने में आर्डर पूरा नहीं करता तो उसका आर्डर समप्र मन जाता और धन डूब जाता ।

फसल बर्बाद हो जाति और उसे काफी नुकसान हो जाता जमीन भी बिक जाती ।

परिणाम क्या हुए?

उसने समय पर जुटे बनाकर लाभ कमाया ।

फसल बर्बाद हो गई और वह ऋण जाल में फंस गई ।

2. मान लीजिये , सलीम को व्यापारियों से आर्डर मिलते रहते हैं । 6  साल बाद उसकी स्थिति क्या होगी?

उत्तर - यदि सलीम को व्यापारियों से आर्डर मिलते रहते हैं तो वह अच्छा लाभ कमाएगा और 6 साल बाद बहुत बड़ा जूता निर्माता हो जाएगा।

3. कौन से कारण हैं जो स्वप्ना की स्थिति को जोखिम भरा बनाते हैं?  निम्नलिखित कारकों की चर्चा कीजिए- कीटनाशक दवाइयाँ, साहूकारों की भूमिका, मौसम।
उत्तर- फसलों पर कीटों का प्रभाव, साहूकारों द्वारा शोषण, गरीबी और मानूसन का अभाव आदि वे कारण हैं जो स्वप्ना की स्थिति को जोखिम भरा बनाते हैं।

कीटनाशक दवाइयाँ - फसल पर कीटों के प्रभाव को कीटनाशक दवाइयों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है।
साहूकारों की भूमिका - सामान्यतः साहूकार किसानों का शोषण करते हैं। वे उन्हें ऋण जाल में फँसा लेते हैं।
मौसम - हमारी कृषि भूमि का लगभग 60% भाग अभी भी असिंचित है। हमारे किसान वर्षा पर अत्यधिक निर्भर करते हैं। अत: मौसम कृषि में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

आओ इन पर विचार करें – (पृष्ठ 45)

1. उधारदाता उधार देते समय समर्थक ऋणाध पर’ की माँग क्यों करता है?
उत्तर - उधारदाता ऋण के विरुद्ध सुरक्षा के रूप में समर्थक ऋणाधार की माँग करता है। यदि कर्जदार यह उधार लौटा नहीं पाता तो उधारदाता को भुगतान प्राप्ति के लिए समर्थक ऋणाधार बेचने का अधिकार होता है।

2. हमारे देश की एक बहुत बड़ी आबादी निर्धन है। क्या यह उनके कर्ज लेने की क्षमता को प्रभावित करती है?
उत्तर - निर्धनता कर्ज लेने की क्षमता को प्रभावित करती है। इसका कारण है कि कर्ज लेने के लिए लोगों को गारंटी रूप में समर्थक ऋणाधार देनी पड़ती है। निर्धन लोगों के पास उन संपत्तियों का अभाव होता है जो कर्ज लेने की उनकी क्षमता को प्रभावित करती है।

3. कोष्ठक में दिए गए सही विकल्पों का चयन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
ऋण लेते समय कर्जदार आसान आसान ऋण शर्तों को देखता है। इसका अर्थ है …………. (निम्न/ उच्च) ब्याज दर, ……….. (आसान / कठिन) अदायगी की शर्तें, …………. (कम/अधिक) समर्थक ऋणामार एवं आवश्यक कागजात।
उत्तर- ऋण लेते समय कर्जदार आसान ऋण शर्तों को देखता है। इसका अर्थ है निम्न ब्याज दर. आसान अदायगी की शर्ते, कम समर्थक ऋणाधार एवं आवश्यक कागजात।

आओ इन पर विचार करें – (पृष्ठ 47)

1. सोनपुर में ऋण के विभिन्न स्रोतों की सूची बनाइए।
उत्तर- सोनपुर में ऋण के विभिन्न स्रोतों की सूची –

1. ग्रामीण साहूकार,
2.
खेतिहर व्यापारी,
3.
बैंक और,
4.
भू स्वामी

2. ऊपर दिए हुए अनुच्छेदों में ऋण के विभिन्न प्रयोगों वाली पंक्तियों को रेखांकित कीजिए।
उत्तर- संबंधित अनुच्छेदों में ऋण के निम्न प्रयोगों वाली पंक्तियाँ निम्न हैं

1. श्यामल का कहना है कि उसे अपनी 1.5 एकड़ जमीन को जोतने के लिए हर मौसम में उधार लेने की जरूरत पड़ती है।
2.
अरूण सोनपुर के उन कुछ लोगों में से है. जिसे खेती के लिए बैंक से ऋण मिला है।

3. साल में कई महीने रमा के पास कोई काम नहीं होता और उसे अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए कर्ज लेना पड़ता है। अचानक बीमार पड़ने पर या परिवार में किसी समारोह पर खर्च करने के लिए भी उसे कर्ज लेना पड़ता है।
4.
इस पूँजी का इस्तेमाल सदस्यों को कर्ज देने के लिए किया जाता है।
5.
कृषक सहकारी समिति कृषि उपकरण खरीदने, खेती तथा कृषि व्यापार करने, मछली मकड़ने, घर बनाने और अन्य विभिन्न प्रकार के खर्चों के लिए ऋण मुहैया कराती है।

3. सोनपुर के छोटे किसान, मध्यम किसान और भूमिहीन कृषि मज़दूर के लिए ऋण की शर्तों की तुलना कीजिए।
उत्तर - सोनपुर के छोटे किसान, मध्यम किसान और भूमिहीन कृषि मज़दूर के लिए ऋण की शर्तों की तुलना

ऋण की शर्तें

छोटे किसान

मध्यम किसान

भूमिहीन कृषि मजदूर

समर्थक ऋण आधार

जमीन या फसल

अब आवश्यक नहीं

मजदूरी

आवश्यक कागजात

कुछ नहीं

पूर्व से जमा

कुछ नहीं

ब्याज दर

5 % मासिक / 3% मासिक

8.5% वार्षिक

5% मासिक

भुगतान की अवधि

एक फसल की अवधि

तीन वर्ष

अनिश्चित

साख का क्षेत्र

अनौपचारिक

औपचारिक

अनौपचारिक

अन्य शर्तें

फसल बेचने की बाध्यता

कोई विशेष जोखिम शर्त नहीं

ऋण दाता की बेगारी

ऋण का कारण

कृषि कार्य

कृषि कार्य

दैनिक जरूरतों के लिए

4. श्यामल की तुलना में अरुण को खेती से ज्यादा आय क्यों होगी?
उत्तर- श्यामल की तुलना में अरुण को खेती से ज़्यादा आय होगी क्योंकि-

1. अरुण के पास 7 एकड़ भूमि है, जबकि श्यामल के पास 1.5 एकड़ भूमि है।
2.
अरुण ने 8.5% प्रतिवर्ष की ब्याज दर पर बैंक ऋण प्राप्त किया। दूसरी ओर, श्यामल को 36% प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण प्राप्त हुआ है।
3.
अरुण को अगले तीन वर्षों में किसी भी समय ऋण चुकाना है, जबकि श्यामल को 3-4 महीनों के भीतर ही ऋण चुकाना है।
4.
श्यामल को खेतिहर व्यापारी को फसल बेचने का वायदा करना पड़ता है, जबकि अरुण के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है।

5. क्या सोनपुर के सभी लोगों को सस्ती ब्याज दरों पर कर्ज मिल सकता है? किन लोगों को मिल सकता है?
उत्तर - नहीं, सोनपुर के सभी लोगों को सस्ती ब्याज दरों पर कर्ज नहीं मिल सकता है। इसका कारण है कि सस्ती ब्याज दरों पर बैंक ऋण लेने के लिए समर्थक ऋणाधार की आवश्यकता पड़ती है।
जो लोग समर्थक ऋणाधार और कागजात संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं, उन्हें ही सस्ती ब्याज दरों पर बैंक से ऋण मिल सकता है।
6.
सही उत्तर पर निशान लगाइए-

(क) समय के साथ, रमा का पण

·      बढ़ जाएगा

·      समान रहेगा

·      घट जाएगा

उत्तर – (अ) बढ़ जाएगा

(ख) अरूण सोनपुर के उन लोगों में से है जो बैंक से उधार लेते हैं क्योंकि-

·      गाँव के अन्य लोग साहूकारों से कर्ज़ लेना चाहते हैं।

·      बैंक समर्थक ऋणाधार की माँग करते हैं जो कि हर किसी के पास नहीं होती।

·      बैंक ऋण पर ब्याज दरें उतनी ही हैं जितना कि व्यापारी लेते हैं।

उत्तर – (ब) बैंक समर्थक ऋणाधार की माँग करते हैं जो कि हर किसी के पास नहीं होती।

7. कुछ लोगों से बातचीत कीजिये, जिनसे आपको अपने क्षेत्र में ऋण प्रबंधों के बारे में कोई जानकारी मिले। अपनी बातचीत को रिकॉर्ड कीजिये। विभिन्न लोगों में ऋण की शर्तों में विभिन्नता को लिखिए।

उत्तर – स्वयं कीजिये

आओ इन पर विचार करें – (पृष्ठ 50)

1. ऋण के औपचारिक और अनौपचारिक स्रोतों में क्या अंतर है?
उत्तर- ऋण के औपचारिक और अनौपचारिक स्रोतों के बीच अंतर को निम्न तालिका से स्पष्ट किया जा सकता है
-

औपचारिक साख क्षेत्र

अनौपचारिक साख क्षेत्र

1.    इसके अंतर्गत ऋण क्षेत्र सर्कार के द्वारा पंजीकृत होते हैं।

1. इसके अंतर्गत ऋण क्षेत्र गैर पंजीकृत होते हैं।

2.  भारतीय रिज़र्व बैंक इस क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रखता है।

2.  इस क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रखने कोई निरिक्स्झाक नहीं होता है।

3. इनका उद्देश्य लाभ कमाने के साथ – साथ सामाजिक कल्याण भी होता है।

3. इनका उद्देश्य केवल लाभ कमाना होता है।

4. इनकी ब्याज दर कम होती हैं।

4. इन ब्याज दर उच्चतम होती हैं।

5. बैंक, सहकारी समिति आदि इसके अंतर्गत होती हैं।

5. साहूकार, जमींदार, रिश्तेदार आदि इसके उदहारण हैं।

2. सभी लोगों के लिए यथोचित दरों पर ऋण क्यों उपलब्ध होना चाहिए?

उत्तर - सभी लोगों के लिए यथोचित दरों पर ऋण उपलब्ध होना चाहिए। इसका कारण है कि

·      ऋण आधुनिक व्यवसाय एवं देश के विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

·      हमारी दिन-प्रतिदिन की क्रियाओं में व्यापक लेन-देन किसी न किसी रूप में ऋण द्वारा ही होता है।

·      ऋण किसानों को अपनी फसल उपजाने में मदद करता है।

·      यह उद्यमियों के लिए व्यावसायिक इकाइयों की स्थापना, उत्पादन के कार्यशील खर्चों को पूरा करने, समय पर उत्पादन पूरा करने में सहायक होता है।

·      इससे उनकी आय में वृद्धि होती है।

3. क्या भारतीय बैंक के जैसा कोई निरीक्षक होना चाहिए जो अनौपचारिक रिन्दाताओं की गतिविधियों पर नजर रखें? उसका काम मुश्किल क्यों होगा?

उत्तर - अनौपचारिक ऋणदाताओं की ऋण गतिविधियों की जाँच के लिए एक पर्यवेक्षक होना चाहिए। हालाँकि, इसका कार्य काफी कठिन है क्योंकि अनौपचारिक क्षेत्र में कई ऐसे लोग होते हैं जिनके पास उधार देने के अलावा अपना खुद का अलग तरह का व्यवसाय होता है। वे सरकार के साथ पंजीकृत नहीं हैं।

4. आपकी समझ में गरीब परिवारों की तुलना में अमीर परिवारों के औपचारिक ऋणों का हिस्सा अधिक क्यों होता है?

उत्तर - औपचारिक क्षेत्र के ऋण का हिस्सा अमीर परिवारों के लिए अधिक है क्योंकि अमीर परिवार समर्थक ऋणआधार और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रदान करने की बेहतर स्थिति में हैं जो बैंकों और सहकारी समितियों द्वारा आवश्यक हैं। जबकि गरीबों के द्वारा यह उपलब्ध करा पना कठिन हो जाता है

 

 

01 अंक की तैयारी हेतु महत्वपूर्ण प्रष्नोत्तर

- बहुविकल्पीय प्रश्न -

1. स्वयं सहायता समूह में बचत और ऋण संबंधित अधिकतर निर्णय लिए जाते हैं -

क. बैंक द्वारा                   ख. सदस्यों द्वारा               ग. गैर सरकारी संस्था द्वारा             घ. सरकारी अधिकारी के द्वारा

2. ऋण के औपचारिक स्रोतों में शामिल नहीं है -

क. बैंक                          ख. सहकारी समिति          ग. नियोक्ता                                 घ. ग्रामीण बैंक

3. निम्नलिखित में से कौन सा बैंक भारत में करेंसी नोट जारी करता है?

क. भारतीय रिजर्व बैंक      ख. भारतीय स्टेट बैंक       ग. बैंक ऑफ इंडिया                     घ. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

4. विभिन्न प्रकार के ऋणों को ...................... श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है -

क. दो                            ख. तीन                          ग. चार                                       घ. पाँच

5. निम्नलिखित में से कौन ऋण का औपचारिक स्रोत है?

क. व्यापारी                     ख. सहकारी समिति          ग. साहूकार                                 घ. दोस्त और रिष्तेदार

6. निम्नलिखित में से कौन संपार्श्विक का उपर्युक्त अर्थ है?

क. यह बैंकों से उधार ली गई कुल राशि है।                                                              

ख. दोस्तों से उधार ली गई राशि।

ग. यह उधारकर्ता की एक सम्पत्ति है जिसका उपयोग ऋणदाता को गारंटी के रूप में किया जाता है।

घ. एक व्यवसाय में निवेश की गई राशि।

7. मुद्रा का आधुनिक रूप है -

क. पेपर नोट                   ख. सोना                        ग. चाँदी                                     घ. कॉपर

8. मुद्रा का कार्य है -

क. विनिमय का माध्यम     ख. मूल्य संचय                ग. स्थगित भुगतानों का मान           घ. उपर्युक्त सभी

9. साहूकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है -

क. औद्योगिक वित्त में       ख. विकास वित्त में           ग. कृषि वित में                            घ. उपर्युक्त में से कोई नहीं

10. माँग जमा कहलाता है -

क. बैंक में जमा राशि जिसे जब चाहे निकाला जा सके                        ख. बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक में जमा राशि

ग. सरकार द्वारा जनधन खातों में जमा राशि                                       घ. सहकारी समिति द्वारा दी गई ऋण राशि

11. सलीम और प्रेम के बीच लेन देन के बाद क्या होगा? सही उत्तर को लिखिए -

क. सलीम के बैंक खाते में शेष बढ़ जाएगा और प्रेम के बैंक खाते में शेष बढ़ जाता है।

ख. सलीम के बैंक खाते में शेष घट जाएगा और प्रेम के बैंक खाते में शेष बढ़ जाता है।

ग. सलीम के बैंक खाते में शेष बढ़ जाएगा और प्रेम के बैंक खाते में शेष घट़ जाता है।

घ. सलीम के बैंक खाते में शेष घट़ जाएगा और प्रेम के बैंक खाते में शेष घट जाता है।

12. जनता द्वारा जमा धन में से बैंक कितना हिस्सा नकद रूप में रखते हैं?

क. 15 प्रतिशत               ख. 20 प्रतिशत               ग. 25 प्रतिशत                            घ. 30 प्रतिशत

13. बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक हैं -

क. प्रो. मोहम्मद युनुस       ख. अमर्त्य सेन                ग. जुनैद अहमद                           घ. सलाहुद्दीन अहमद

- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -

1........... परिवारों की ऋण की अधिकांश जरूरतें अनौपचारिक स्रेतों से पूरी होती हैं।

2.......... ऋण की लागत ऋण का बोझ बढ़ाती है।

3............ केंद्रीय सरकार की ओर से करेंसी नोट जारी करता है।

4. बैंक ......... पर देने वाले ब्याज से ऋण पर अधिक ब्याज लेते हैं।

5......... सम्पत्ति है जिसका मालिक कर्जदार होता है जिसे वह ऋण लेने के लिए गारंटी के रूप में इस्तेमाल करता है, जब तक ऋण चुकता नहीं हो जाता।

6. ऋण लेते समय कर्जदार आसान ऋण शर्तों को देखता है। इसका अर्थ है कि ..... ब्याज दर ........ अदायगी की शर्तें ....... समर्थक ऋणाधार एवं आवश्यक कागजात।

7. स्वयं सहायता समूह में अधिकतम ............... सदस्य होते हैं।

8. बांग्लादेश का .................... बैंक स्वयं सहायता समूह का उदाहरण है।

- एक वाक्य में उत्तर दीजिए -

1. देश में नोट छापने का कार्य किस बैंक के द्वारा किया जाता है?

2. जमाकर्ता और कर्जदार के बीच मध्यस्थता की तरह कौन कार्य करता है?

3. ग्रामीण क्षेत्रों में साख की मुख्य मांग क्यों होती है?

4. विमुद्रीकरण किसे कहते हैं?

5. भारत में सहकारी बैंकों की रचना किस प्रकार की है?

- सत्य/असत्य लिखिए -

1. माँग जमा को मुद्रा समझा जाता है।

2. चेक को आधुनिक अर्थव्यवस्था में मुद्रा नहीं समझा जाता है।

3. अमीर परिवार ज्यादातर ऋण औपचारिक स्रोतों से ही लेते हैं।

4. मुद्रा के चलन के पूर्व वस्तु विनिमय से लेन देन का माध्यम था।

5. बैंक जमा स्वीकार करते हैं लेकिन उस पर ब्याज नहीं देते।

6. भारत में रूपयों में लेन देन को कोई भी कानूनी रूप से मना कर सकता है।

7. भारतीय रिजर्व बैंक अनौपचारिक ऋण स्रोतों की निगरानी करता है।

- सही जोड़ी मिलाइए -

                         क                                                                                ख

1. औपचारिक ऋण                                                         अ. ब्याज दर

2. ऋण समझौता निर्दिष्ट करता है                                        ब. SBI से ऋण

3. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया                                                 स. स्वयं सहायता समूह

4. वित्त का नया तरीका                                                     द. आर बी आई

5. कोई मुद्रा नहीं                                                             इ. वस्तु विनिमय प्रणाली

====000====

उत्तरमाला

बहु विकल्पीय प्रश्न

रिक्त स्थानों की पूर्ति

1

(ख)

7

(क)

1

गरीब

5

खेत

2

(ग)

8

(घ)

2

कृषि

6

कम, आसान, न्यूनतम

3

(क)

9

(ग)

3

भारतीय रिज़र्व बैंक

7

15 से 20

4

(क)

10

(क)

4

निक्षेप

8

ग्रामीण

5

(ख)

11

(ख)

 

 

6

(ग)

12

(क)

 

 

 

 

13

(क)

 

 

 

 

एक वाक्य में उत्तर

सत्य/असत्य

1

भा. रि. बैं.

1

सत्य

4

सत्य

2

बैंक

2

असत्य

5

असत्य

3

फसल उगाने में

3

सत्य

6

असत्य

4

प्रचलित मुद्रा को चलन से बाहर करना

 

7

असत्य

5

ग्रामीण और शहरी

 

 

 

 

सही जोड़ी मिलाइए

1 -

2 -

3 -

4 -

5 -

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

1. मुद्रा को विनिमय के माध्यम के रूप में क्यों स्वीकार किया जाता है?

उत्तर :- मुद्रा लेन देन अर्थात विनिमय की प्रक्रिया में मध्यस्थता का काम करती है इसलिए इसे विनिमय के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है।

2. लोग बैंक में पैसा जमा क्यों करते हैं?

उत्तर :- लोग बैंक में पैसे को सुरक्षित रखने के लिए जमा करते हैं ताकि भविष्य में आवश्यकता होने पर निकाला जा सके। 

3. चेक क्या है?

उत्तर :- माँग जमा के बदले बिना नगद राशि का उपयोग किए मुद्रा विनिमय का माध्यम चेक होता है।

4. क्रेडिट क्या है?

उत्तर :- क्रेडिट पैसे उधार लेने या सामान या सेवाओं तक पहुँचने की क्षमता है जिसे आप बाद में भुगतान करेंगे।

5. कर्ज का जाल क्या है?

उत्तर :- जब ऋण कर्जदार को एसी स्थिति में धकेल देता है जहां से बाहर निकलना कष्टदायक हो जाता है। इसे कर्ज का जाल कहते हैं।

6. स्वयं सहायता समूहों के कोई दो लाभ बताइए।

उत्तर :- स्वयं सहायता समूहों के दो लाभ :-

1. सदस्यों को ऋण प्रदान करके स्वरोजगार के अवसरों का सृजन करना।

2. सामुहिक रूप से संगठित होकर कार्य करने भावना विकसित करना।।

7. माँग जमा को मुद्रा क्यों समझा जाता है?

उत्तर :- खाताधारक द्वारा जमा राशि जो मांगे जाने पर बैंक द्वारा वापिस की जाती है उसे मांग जमा कहा जाता है। इस जमा राशि को भी बिना नगदी इस्तेमाल किए चेक अथवा ड्राफ्ट के द्वारा विनिमय हेतु इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी कारण मांग जमा को मुद्रा कहा जाता है।

8. उधारदाता उधार देते समय समर्थक ऋणाणार की मांग क्यों करता है?

उत्तर :- उधारदाता उधार देने समय समर्थक ऋणाधार की माँग, ऋण-वापसी को सुनिश्चित करने के लिए करता है। यदि निर्धारित समय सीमा के अंदर, कर्ज दाता ऋण वापिस नही कर पाता तो , समर्थक ऋणाधार की बेचकर उधारदाता अपना पैसा वापस प्राप्त कर लेता है।

9. मुद्रा के प्रयोग से वस्तुओं के विनिमय में सहूलियत कैसे आई?

उत्तर :- मुद्रा लेन-देन के विनिमय में वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए मध्यवर्ती के रूप में कार्य करती है। लेन-देन के माध्यम के रूप में मुद्रा का उपयोग विनिमय प्रणाली में आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की बड़ी कठिर्नाइ दूर करता है। मुद्रा का यह उद्देश्य समय तथा स्थान के आधार पर वगीकृत सभी लेन-देन रखता है।

10. सोनपुर में ऋण के विभिन्न स्रोतों की सूची बनाइए।

उत्तर :- सोनपुर के विभिन्न ऋण स्रोतों की सूची :- 1. कृषक सहकार समिति 2. गांव का महाजन 3. कृषि व्यापारी 4. बैंक 5. भूमि स्वामी नियोक्ता

11. बैंक तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में मुख्य अंतर क्या है?

उत्तर :- बैंक मध्यस्थ साख का निर्माण करते हैं। वे जनता से जमाएं स्वीकार कर निश्चित दर पर मांग जमा रखते हुए लोन भी देते हैं जबकि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी साख का निर्माण नहीं करती हैं।

12. चेक द्वारा भुगतान कैसे होता है?

उत्तर :- चेक से भुगतान के लिए भुगतानकर्ता जिसका खाता किसी बैंक में है, एक निश्चित राशि के लिए चेक काटता है। चेक एक ऐसा कागज है जो बैंक किसी व्यक्ति के खाते से चेक पर लिखे नाम के किसी दूसरे व्यक्ति को एक खास रकम भुगतान के आदेश जारी करता है।

13. कोई ऋण उपयोगी होगा या नहीं कैसे निर्धारित होता है?

उत्तर :- ऋण उपयोगी होगा या नहीं यह परिस्थितियों के खतरों और हानि होने पर प्राप्त सहयोग की संभावना पर निर्भर करता है।

14. साख के कितने क्षेत्र होते हैं?

उत्तर :- साख के दो क्षेत्र होते हैं - 1. औपचारिक 2. अनौपचारिक

15. साख के दो औपचारिक तथा दो अनौपचारिक क्षेत्रों के नाम लिखिए।

उत्तर :-   औपचारिक क्षेत्र : 1. बैंक 2. सहकारी समिति

अनौपचारिक क्षेत्र : 1. साहूकार 2. नियोक्ता।

अभ्यास हेतु विश्लेष्णात्मक प्रश्न

1. अगर सभी जमाकर्ता एक ही समय में अपनी धन राशि की माँग करने बैंक पहुँच जाएं तो क्या होगा?

2. बैंक हमारी उच्च आय क्यों चाहेगा?

3. बैंक गरीबों को ऋण देने के लिए ऋण की शर्तों में शिथिलता बरतेगा या कोई अन्य रास्ता अपनाएगा. स्पष्ट कीजिये.

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 धन्यवाद

आप सफल हों

https://youtube.com/eclassesbymanishsir

 

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